दिल्ली धमाके से पहले आतंकी डॉ. उमर पुलवामा गया था:  भाई को अपना फोन दिया; कहा था- मुझसे जुड़ी कोई खबर आए तो मोबाइल फेंक देना
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दिल्ली धमाके से पहले आतंकी डॉ. उमर पुलवामा गया था: भाई को अपना फोन दिया; कहा था- मुझसे जुड़ी कोई खबर आए तो मोबाइल फेंक देना

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नई दिल्ली38 मिनट पहले

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जम्मू-कश्मीर पुलिस को डॉ. उमर के फोन से एक वीडियो मिला है, जिसमें वह आत्मघाती हमले को ‘शहादत का ऑपरेशन’ बता रहा है। - Dainik Bhaskar

जम्मू-कश्मीर पुलिस को डॉ. उमर के फोन से एक वीडियो मिला है, जिसमें वह आत्मघाती हमले को ‘शहादत का ऑपरेशन’ बता रहा है।

दिल्ली कार ब्लास्ट में खुद को उड़ाने वाला आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद हमले से करीब एक हफ्ते पहले पुलवामा में कोइल गांव स्थित अपने घर गया था। उसके पास दो फोन थे, जिनमें से एक उसने अपने भाई को दे दिया था।

इसी फोन से उमर का एक वीडियो मिला है, जिसमें वह आत्मघाती हमले को ‘शहादत का ऑपरेशन’ बता रहा है। वीडियो का यह अहम सबूत उमर के भाई जहूर इलाही की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद सामने आया। जहूर ने बताया कि उमर ने उसे यह फोन 26 से 29 अक्टूबर के बीच दिया था।

जहूर के मुताबिक, उमर ने उससे कहा था कि अगर मेरे बारे में कोई खबर आए तो फोन पानी में फेंक देना। जहूर ने जब 9 नवंबर को अल फलहा यूनिवर्सिटी से उमर के साथियों की गिरफ्तारी की खबर सुनी, तो वह घबरा गया और फोन को घर के पास एक तालाब में फेंक दिया।

सूत्रों के अनुसार, जब जांच एजेंसियों ने उमर के दोनों फोन ढूंढने की कोशिश की, तो दोनों बंद निकले। एक फोन की आखिरी लोकेशन दिल्ली और दूसरे की पुलवामा में थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस जहूर से पूछताछ कर ही रही थी कि दिल्ली में आत्मघाती हमला हो गया। फोन उसके बाद बरामद हुआ।

पानी में डूबने से फोन खराब हो गया था। उसका मदरबोर्ड भी काम नहीं कर रहा था। कुछ दिनों बाद फोन से उमर का वीडियो रिकवर हुआ। यह वीडियो उमर ने अप्रैल में शूट किया था। इसमें वह आत्मघाती हमलों को ‘शहादत का ऑपरेशन’ बताता है। फोन NIA को सौंप दिया गया है।

दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला के पास बीच सड़क पर ट्रैफिक जाम में i-20 कार में धमाका हुआ था। इससे आसपास की कई गाड़ियों के भी परखच्चे उड़ गए।

दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला के पास बीच सड़क पर ट्रैफिक जाम में i-20 कार में धमाका हुआ था। इससे आसपास की कई गाड़ियों के भी परखच्चे उड़ गए।

पढ़िए वीडियो में उमर ने क्या कहा….

वीडियो में उमर टूटी-फूटी अंग्रेजी में बात कर रहा है। उसने कहा- एक बात जो नहीं समझी गई कि यह शहीद होने के लिए ऑपरेशन (मार्टरडम ऑपरेशन) है, न कि सुसाइड हमला। इसको लेकर कई विरोधाभास हैं। दरअसल, मार्टरडम ऑपरेशन के लिए माना जाता है कि कोई व्यक्ति निश्चित रूप से किसी जगह पर निश्चित समय पर जान देता है।

डॉ. उमर ने दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुंडई i20 कार से आत्मघाती धमाका किया था। इस धमाके से 15 लोगों की मौत, 20 से ज्यादा घायल हुए थे। मामले में अब तक 8 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, इसमें से 6 डॉक्टर है।

अब तक 8 लोग अरेस्ट, इनमें 5 डॉक्टर हैं

मैप से समझिए धमाके की लोकेशन

दिल्ली धमाके से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…

अपडेट्स

09:27 PM18 नवम्बर 2025

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कश्मीर में कारगर हो सकता है सऊदी अरब का फॉर्मूला

आतंकी डॉ. उमर का वीडियो बताता है कि इसका रेडिकल ब्रेनवॉश 100% हो चुका था। इस हद तक ब्रेनवॉश बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। सन् 2000 में जब मैं कश्मीर में पदस्थ था, तब लोग खुद बताने आते थे कि उनका बेटा कई दिन से घर नहीं लौटा?

लोगों का लगता था कि बेटा कहीं पाकिस्तान तो नहीं चला गया? परिवार बच्चों की हरकतों पर गौर करते थे। डॉ. उमर कब कट्‌टरपंथी बन गया, परिवार को नहीं पता। धार्मिक कट्‌टरपंथ से मुक्ति का सबसे अच्छा फॉर्मूला सऊदी अरब ने बनाया था।

20 साल पहले उन्होंने इसे खत्म करने के लिए इस्लाम की सही व्याख्या लोगों तक पहुंचाई। मोहल्लों में अच्छे धर्मगुरुओं के कैंप लगवाए, ताकि युवा कुरान का सही मतलब समझे। सऊदी का फॉर्मूला आज के समय में कश्मीर में कारगर हो सकता है। ताकि उनका ब्रेनवॉश होने से रोका जा सके।

09:20 PM18 नवम्बर 2025

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अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी गिरफ्तार

दिल्ली ब्लास्ट केस में शामिल आतंकी डॉक्टरों की पनाहगार बनी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कस गया है। मंगलवार सुबह 5:30 बजे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली, हरियाणा में यूनिवर्सिटी के ट्रस्टियों और प्रमोटर्स से जुड़े 25 ठिकानों पर छापा मारा।

इस दौरान दस्तावेजों की जांच में करोड़ों रुपए के फंड डायवर्जन, फर्जी मान्यता और परिवार-चालित कॉन्ट्रैक्ट नेटवर्क पकड़ा। 16 घंटे बाद अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत दिल्ली के एक ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया गया। छापेमारी में 48 लाख रुपए भी जब्त हुए हैं।

ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी के लेन-देन, फंडिंग पर जवाद का नियंत्रण है। ED की कार्रवाई दो FIR पर हुई है, जिन्हें दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दर्ज किया था। बता दें कि दिल्ली ब्लास्ट को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के जिस वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल ने अंजाम दिया, उसमें शामिल 6 से ज्यादा डॉक्टर इसी यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं।

इसमें ब्लास्ट में मारा गया आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था। अल फलाह एक मेडिकल कॉलेज-कम-हॉस्पिटल है। इसकी स्थापना मध्य प्रदेश के महू निवासी जवाद ने 30 साल पहले की थी।

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