भारत की तीव्र आथिक वृद्धि और विकास से विदेश गए स्टार्टअप अपने देश का रुख कर रहे हैं,भारत के वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने निवेशकों के मंच को कल नई दिल्ली में संबोधित करते हुए कहा ।उन्होंने सबको बताया कि भारत के सफल परेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर उल्लेखनीय रूप से ऊंची बने रहने से पहले विदेश जाने वाले स्टार्टअप उद्यमी वापस भारत का रुख कर रहे हैं। श्री वर्थवाल ने भारत-प्रशांत क्षेत्र आर्थिक समृद्धि समझौता (आईपीईएफ) के खत्वावधान में स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक मंच की बैठक का उद्घाटन किया।
काफी संख्या में उपस्थित समूह को जताया की वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अन्य उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं को तुलना में लगभग दोगुनी है और यह के विचारणीय भले हो पर गौरव का विषय है।
और आने वाले दलों में इस बात का सूचक की की भारत बहुत ही जल्दी विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा जो कि अभी हाल में विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था है और जिस तरह से हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना है वह 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनकर हो सके तो भारतीय अर्थव्यवस्था एक या दो नंबर की विश्व में हो जाए ।
श्री वर्धवाल ने बैठक में कहा” देश को मजबूत विकास के कारण हो अब भारत के लिए सकारात्मक उल्टे प्रवाह की परिस्थितियां तैयार हो रही हैं। जो भासीय स्टार्ट-अप कभी पूंजी पहुंच और कर लाभों के लिए विदेशों का रूख कर गए थे, अब स्वदेश वापसी कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि आज डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ-साथ एआई जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियां और डेटा सेंटर का उदय भविष्य के भासीय विकास लिए महत्वपूर्ण हैं। सिगापुर में भासीय उच्चायुक्त डॉ शिल्पक अंबुले ने कहा कि भौतिक और
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश का भारतीय अर्थव्यवस्था पर गुणात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विधायी नियामक परिवर्तनों ने इसे बाजार अनुकूल क्षेत्र बनाया है। यह अनुकूल और पूर्वानुमानित नीतिगत वातावरण प्रदान करता है।
इस सम्मेलन में भारत को ओर से देश में नए क्षेत्रों में उभरते अवसरों पर प्रस्तुति दी गयी। इस बैठक में वैश्विक निवेशकों और वित्तीय संस्थानों के 60 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 15 से अधिक भारतीय फर्मों ने भागीदारी की। सिगापुर के मरीना में सैड्स में आयोजित इस बैठक में 60 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें अमेरिका, सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया और अन्य देशों के वैश्विक निवेशकों के साथ-साथ भारत के निजी क्षेत्र और सरकारी विभागों के अधिकारी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में टेपासेक, ग्लोवल इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स, गारंटको, प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ग्रुप (पीआईडीजी), गोल्डमैन सैक्स, आई स्क्वैवर्ड कैपिठाल, मिजुही बैंक लिमिटेड, एडवांटेज पार्टनर्स नोमुरा डीबीएस बैंक और सिटी बैंक जैसे आईपीईएफ सदस्य देशों के निवेशक उपस्थित थे।
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