नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को कांग्रेस के आरोपों पर जमकर पलटवार किया है. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है, वो अत्यंत निंदनीय है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर लीगल एक्शन के भी संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान विरोधी पार्टी है और उसने कई बार बाबा साहब आंबेडकर का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा वक्ताओं ने संसद में संविधान की रचना और संविधान के मूल्यों पर अनेक उदाहरण सामने रखे और इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर विरोधी पार्टी है. दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान भाषण दिया था, जिसे लेकर के कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उन्होंने आंबेडकर का अपमान किया है.
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “कांग्रेस ने सावरकर जी का भी अपमान किया, कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी, नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया, न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई.”
आंबेडकर को हाशिये पर धकेलने का प्रयास : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को अपनाकर, बातों को तोड़-मरोड़कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का कुत्सित प्रयास किया है. संसद में चर्चा के दौरान ये सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब अंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह से पुरजोर विरोध किया था. बाबा साहेब के न रहने के बाद भी किस प्रकार से कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया.
कांग्रेस को केंद्रीय गृह मंत्री ने दिया तीखा जवाब
कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, मैं उस पार्टी से आता हूं जो अंबेडकर जी का कभी अपमान नहीं कर सकती है. पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है. जब भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में रही है, हमने अंबेडकर जी के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया है. भारतीय जनता पार्टी ने आरक्षण को मजबूत करने का काम किया है.”
बाबा साहब को भारत रत्न न मिले, कांग्रेस ने किया प्रयास : शाह
कांग्रेसी नेताओं के खुद को भारत रत्न देने को लेकर उन्होंने कहा, “जहां तक भारत रत्न का सवाल है, कांग्रेस नेताओं ने कई बार खुद ही अपने आप को भारत रत्न दिए हैं. 1955 में नेहरू जी ने खुद को भारत रत्न दिया, 1971 में इंदिरा जी ने खुद को भारत रत्न दिया, लेकिन बाबा साहेब को भारत रत्न 1990 में तब मिला जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी और भाजपा के समर्थन वाली सरकार थी. 1990 तक कांग्रेस बाबा साहब को भारत रत्न न मिले, इसके लिए प्रयास करती रही. यहां तक कि बाबा साहब की 100वीं जयंती मनाने की भी मनाही कर दी गई.”
खरगे जी आप भी राहुल गांधी के दबाव में आ गए : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी से भी ये कहना चाहता हूं कि आपको कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास का समर्थन नहीं करना चाहिए था. मुझे दुख है कि राहुल गांधी के दबाव में आप भी इसमें शामिल हो गए हैं.”
साथ ही कहा, “राज्यसभा में मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. इससे पहले उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी जी के बयानों को एडिट करके सार्वजनिक किया था. जब चुनाव चल रहे थे तो मेरे बयान को AI का उपयोग करके संपादित किया गया था और आज वे मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं.”
जानिए क्या है विवाद?
संविधान के 75 साल पूरे होने के अवसर पर संविधान पर आयोजित चर्चा के दौरान अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि बाबा साहब आंबेडकर का नाम लेना विपक्षी नेताओं के लिए अब एक फैशन बन गया है. उन्होंने कहा, “आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर कहना एक फैशन बन गया है. अगर वे इतनी बार भगवान का नाम लेते तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिल जाती.” उन्होंने कहा, “उनका नाम 100 बार और लीजिए लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि उनके बारे में आपकी भावनाएं क्या हैं.” इसके साथ ही शाह ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली सरकार से असहमति के चलते आंबेडकर को पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था.
केंद्रीय गृह मंत्री की इस टिप्पणी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया. कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने शाह पर दलित शख्सियत का अपमान करने का आरोप लगाया. आज संसद की बैठक शुरू होने पर विपक्षी दलों के सांसदों ने बीआर आंबेडकर की तस्वीरों के साथ विरोध-प्रदर्शन किया. वहीं भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर एक शॉर्ट वीडियो क्लिप सर्कुलेट करने का आरोप लगाया, जिसमें शाह की वह टिप्पणी नहीं दिखाई गई कि कैसे कांग्रेस ने बीआर आंबेडकर को दरकिनार कर दिया. इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने सत्तारूढ़ दल पर हमला तेज कर दिया और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की.