केस के मुताबिक, अशोक कुमार बराैली गूजर के मूल निवासी हैं। वर्तमान में वह इटावा में रहते हैं। गांव में इनकी जमीन है। राजेंद्र सिंह आदि से मुकदमेबाजी चल रही थी। 31 जुलाई 2023 को वह गवाही में आए थे। तभी उन्हें उनकी जमीन पर 7.18 लाख रुपये का ऋण लिए जाने की जानकारी हुई।
उन्होंने आरोप लगाया कि वह कभी बैंक नहीं गए। आवेदन भी नहीं किया। बैंक में शिकायत करने पर फर्जी कागजात तैयार कर ऋण लेने की पुष्टि हुई। उनके नाम से फर्जी आधार कार्ड, परिचयपत्र, अन्य प्रमाणपत्र बनवाए गए। फर्जी कागजात पर ग्राम प्रधान के हस्ताक्षर थे। कागजात में कुछ लोग गवाह भी बनाए थे। मामले में पुलिस आयुक्त से शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ। केदार सिंह न वादी थे, न ही उनका आरोपियों में नाम था। 14 महीने से चल रहे इस केस में पुलिस अब तक अपनी विवेचना पूरी नहीं कर सकी है।
पैनल से होगा पोस्टमार्टम
डीसीपी पूर्वी जोन अतुल शर्मा ने बताया कि थाना डाैकी में दर्ज एक केस के मामले में कबीस चाैकी पर केदार सिंह को पूछताछ के लिए लाया गया था। पूछताछ के दाैरान संदिग्ध परिस्थिति में मृत्यु हो गई। प्रथम दृष्टया हृदय गति रुकने से मृत्यु होना बताया जा रहा है। डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। जांच की जा रही है। पुलिसकर्मियों की लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
चाैकी से बाहर सुनाई दे रही थीं चीख
पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे मृतक के भाई मान सिंह का कहना था कि पुलिस भाई को चाैकी पर ले गई थी। वहां पर उन्हें पीटा। चौकी के बाहर तक उनकी चीख सुनाई दे रही थी। आसपास के लोगों ने आवाज सुनी थी। शाम चार बजे आवाज आना बंद हो गई। परिवार के लोग पहुंचे, तब तक पुलिस उन्हें ऑटो में ले जाती दिखी। बेटा देवेंद्र भी साथ गया। निजी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। इस पर एसएन लेकर आए। तक तब मौत हो चुकी थी।