किसान बिना एक्सपोर्ट ड्यूटी के प्याज विदेश भेज सकेंगे:  6 महीने से लागू 20% टैक्स 1 अप्रैल से खत्म होगा; पिछले 1 महीने में 10% गिरे दाम
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किसान बिना एक्सपोर्ट ड्यूटी के प्याज विदेश भेज सकेंगे: 6 महीने से लागू 20% टैक्स 1 अप्रैल से खत्म होगा; पिछले 1 महीने में 10% गिरे दाम

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

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भारत दुनियाभर में हर साल 25 लाख टन प्याज एक्सपोर्ट करता है। - Dainik Bhaskar

भारत दुनियाभर में हर साल 25 लाख टन प्याज एक्सपोर्ट करता है।

अब किसान विदेश में एक्सपोर्ट ड्यूटी दिए बिना प्याज बेच सकेंगे। इसे सरकार ने 1 अप्रैल से हटाने का फैसला लिया है। रेवेन्यू विभाग ने शनिवार को नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी। सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर 13 सितंबर 2024 से 20% निर्यात शुल्क लागू किया था।

इस दौरान देशभर में प्याज की औसत कीमतों में करीब 39% की गिरावट आई है, जबकि रिटेल प्राइस में पिछले एक महीने में 10% की कमी आई है। इससे पहले सरकार ने देश में प्याज की उपलब्धता बनाए रखने के लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) लगाने के साथ करीब 5 महीने (8 दिसंबर 2023 से 3 मई 2024) तक एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी।

देशभर की मंडियों में रबी सीजन की प्याज की आवक बढ़ने से कीमतें गिर रही हैं।

देशभर की मंडियों में रबी सीजन की प्याज की आवक बढ़ने से कीमतें गिर रही हैं।

इस वित्त वर्ष में 11.65LMT प्याज का निर्यात हुआ

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, इन निर्यात प्रतिबंधों के बावजूद वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान प्याज का कुल निर्यात 17.17 लाख मीट्रिक टन (LMT) रहा। जबकि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 18 मार्च 2025 तक 11.65LMT प्याज का निर्यात हो चुका है। मंथली बेसिस पर एक्सपोर्ट की बात करें तो सितंबर-2024 में 72 हजार टन प्याज एक्सपोर्ट किया गया, जो जनवरी 2025 में बढ़कर 1.85 LMT हो गया है।

प्याज की आवक बढ़ने से गिर रहे दाम

लासलगांव और पिंपलगांव जैसे प्रमुख बाजारों में प्याज की आवक बढ़ गई है। इससे कीमतों में और गिरावट देखने को मिल रही है। 21 मार्च 2025 को लासलगांव और पिंपलगांव मंडियों में प्याज के दाम 1330 रुपए प्रति क्विंटल और 1325 रुपए प्रति क्विंटल रहे।

सरकारी अनुमान के अनुसार, इस वर्ष रबी प्याज का उत्पादन 227LMT रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 192LMT से 18% ज्यादा है। रबी प्याज भारत के कुल उत्पादन का 70-75% हिस्सा होता है और इसकी अच्छी फसल अगले खरीफ सीजन (अक्टूबर/नवंबर) तक कीमतों को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। इस बढ़े हुए उत्पादन से आने वाले महीनों में प्याज की कीमतों में और राहत मिलने की उम्मीद है।

महाराष्ट्र में होता है सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन

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