गरुड़ पुराण की नीतियां:  नरक में रहने से पाप खत्म होते हैं, लेकिन बुरे लोगों की संगत में रहने से पाप बढ़ते हैं, ऐसे लोगों से दूर रहें
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गरुड़ पुराण की नीतियां: नरक में रहने से पाप खत्म होते हैं, लेकिन बुरे लोगों की संगत में रहने से पाप बढ़ते हैं, ऐसे लोगों से दूर रहें

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3 घंटे पहले

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जीवन में सुख-शांति चाहते हैं तो अपनी संगत के संबंध में सतर्क रहना चाहिए अच्छे लोगों की संगत में रहेंगे तो परेशानियों से बचे रहेंगे। संगति के बारे में गरुड़ पुराण के नीतिसार अध्याय में लिखा है कि नरक में रहना अच्छा है, लेकिन कभी भी किसी बुरे व्यक्ति की संगत में नहीं रहना चाहिए।

नरक में रहने से तो हमारे पाप खत्म होते हैं, जबकि बुरे लोगों की संगत में रहने से हमारा मन गलत कामों की ओर आकर्षित होने लगता है, हम पाप कर्मों की ओर बढ़ने लगते हैं, बुरे लोग हमें अधर्म करने के लिए उकसाते हैं और हमारे स्वभाव में भी उनके जैसी बुराइयां आ जाती है। इसलिए हमें ऐसे लोगों के साथ रहने से बचना चाहिए।

पढ़िए गरुड़ पुराण के नीतिसार की कुछ और नीतियां…

गरुड़ पुराण से जुड़ी खास बातें

गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से एक है। ये विष्णु जी को समर्पित ग्रंथ है। इसमें भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ और स्वयं भगवान के बीच हुए संवाद हैं। इस पुराण में धर्म-अधर्म, जन्म-मृत्यु, जीवन, कर्म के बारे में बताया गया है।

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