गर्मियों में जल्दी सूखते हैं तुलसी, धनिया और गुलाब:  तापमान 40 डिग्री से बढ़ने पर पौधे मुरझाते हैं; पौधों को सूखने से कैसे बचाएं
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गर्मियों में जल्दी सूखते हैं तुलसी, धनिया और गुलाब: तापमान 40 डिग्री से बढ़ने पर पौधे मुरझाते हैं; पौधों को सूखने से कैसे बचाएं

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20 घंटे पहले

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गर्मी का मौसम न सिर्फ इंसानों, बल्कि पेड़-पौधों के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता है। तेज धूप और गर्म हवाएं नमी को खत्म कर देती हैं, जिससे पौधों को विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। इस मौसम में सही समय पर पानी देना, मिट्टी की नमी बनाए रखना और पौधों के लिए छाया की व्यवस्था करना बेहद जरूरी होता है। अगर सही तरीके अपनाए जाएं तो गर्मियों में भी आपका बगीचा हरा-भरा और खूबसूरत बना रह सकता है।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि इस तपती गर्मी में अपने बगीचे के पौधों की सही देखभाल कैसे करें? साथ ही जानेंगे कि-

  • पौधों के लिए किस तरह का खाद बेहतर है?
  • गर्मी में पौधों को किस समय पानी देना चाहिए?

एक्सपर्ट: राजकुमार कपूर, गार्डनिंग एक्सपर्ट, आगरा

सवाल- गर्मी में किस तरह के पौधे जल्दी सूख सकते हैं? जवाब- पौधों की कोशिकाएं टर्गर प्रेशर (Turgor Pressure) के कारण तनी रहती हैं, जिससे पौधा खड़ा रहता है। जब मिट्टी का तापमान 30-40°C से ऊपर चला जाता है, तो जड़ों की कार्यक्षमता कम हो जाती है। तेज धूप और पानी की कमी से पत्तियों का तनाव कम हो जाता है और वे मुरझाने लगती हैं। लंबे समय तक पानी की कमी से कोशिकाएं सूख जाती हैं और पौधे मर सकते हैं।

सवाल- गर्मी के मौसम में पौधों की सही देखभाल कैसे करें? जवाब- गार्डनिंग एक्सपर्ट राजकुमार कपूर बताते हैं कि तेज धूप और अधिक तापमान के कारण पौधों के सूखने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में उनकी सही देखभाल के लिए सुबह जल्दी (6-8 बजे) या शाम (5-7 बजे) के बीच पानी देना चाहिए। इससे नमी ज्यादा समय तक बनी रहती है।

मई-जून के महीने में पौधों में कम-से-कम दो बार पानी देना चाहिए। ध्यान रखें कि पानी की मात्रा सीमित होनी चाहिए क्योंकि अधिक पानी से कुछ पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं।

इसके अलावा मिट्टी की सतह पर पुआल, सूखी घास, लकड़ी के बुरादे, नारियल या भूसी की परत बिछाएं। इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और पौधे गर्मी से सुरक्षित रहते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक में समझिए-

सवाल- गर्मियों में पौधों को किस के कीटों से ज्यादा खतरा रहता है? जवाब- गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने के साथ ही एफिड्स, मिली बग्स, व्हाइटफ्लाई जैसे कई तरह के कीटों (Pests) का प्रकोप बढ़ जाता है। ये कीट पौधों की पत्तियों, तनों, फूलों और जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उनकी ग्रोथ रुक सकती है।

सवाल- इस मौसम में पौधों को कीटों से बचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- रोजाना पौधों की पत्तियों और तनों की जांच करें। खासतौर पर पत्तियों की निचली सतह देखें क्योंकि अक्सर कीट वहीं छिपे रहते हैं। किसी भी खराब अथवा पीले पड़ चुके पत्ते या शाखा को तुरंत हटा दें। इसके अलावा नई पत्तियों और तनों पर ज्यादा ध्यान दें क्योंकि वे अधिक सेंसिटिव होते हैं।

सवाल- क्या गर्मी के मौसम में गमले में लगे पौधों और जमीन में उगे पौधों की देखभाल अलग-अलग तरीके से करनी चाहिए?

जवाब- गार्डनिंग एक्सपर्ट राजकुमार कपूर बताते हैं कि दोनों तरह के पौधों के देखभाल में कुछ बेसिक अंतर होता है। गमले वाले पौधों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि उनकी मिट्टी जल्दी सूख जाती है और उन्हें अधिक पोषण की जरूरत होती है। वहीं जमीन वाले पौधे स्वाभाविक रूप से मजबूत होते हैं और कम देखभाल में भी अच्छी तरह बढ़ सकते हैं। सही तरीकों से देखभाल करके आप दोनों तरह के पौधों को गर्मियों में हरा-भरा रख सकते हैं।

सवाल- गर्मियों में लॉन की घास को सूखने से कैसे बचाएं? जवाब- गर्मियों में तेज धूप और गर्म हवाओं के कारण लॉन की घास सूखने लगती है। इसे हरा-भरा बनाए रखने के लिए घास को बहुत छोटा न काटें। घास को कम-से-कम 2-3 इंच की साइज में रखें, जिससे यह धूप से बची रहे।

इसके अलावा नियमित रूप से हल्की कटाई करें। जैविक खाद (गोबर, कंपोस्ट) का ही इस्तेमाल करें, जिससे मिट्टी में पर्याप्त नमी और पोषण बना रहे। आप चाहे तो लॉन के आसपास छायादार पौधे लगा सकते हैं या नेट ग्रीन शेड लगा सकते हैं। इससे ज्यादा धूप में भी घास सुरक्षित रहेगी।

सवाल- पौधों के लिए किस तरह की खाद का इस्तेमाल करना चाहिए? जवाब- गर्मी का मौसम हो या फिर ठंडी और बरसात, पौधों के लिए हमेशा जैविक खाद का इस्तेमाल ही करना चाहिए। यह न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित होती है। हमेशा गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। वर्मी कम्पोस्ट को केंचुआ खाद भी कहते हैं। यह पौधों के लिए बेहद फायदेमंद है।

यह मुख्य रूप से सब्जियों, फूलों के पौधों के लिए ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है। यह खाद केंचुओं द्वारा जैविक कचरे को विघटित करके तैयार की जाती है, जिससे मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्व बढ़ जाते हैं।

सवाल- पौधों में खाद की मात्रा कितनी होनी चाहिए? जवाब- राजकुमार कपूर बताते हैं कि पर्याप्त मात्रा और सही तरीके से खाद देने से पौधे स्वस्थ रहते हैं और उनकी ग्रोथ भी बेहतर होती है। इसके लिए छोटे गमले वाले पौधों में 2-3 मुट्ठी जैविक खाद महीने में एक बार डालना चाहिए।

वहीं अगर आपके घर में मीडियम साइज के पौधे हैं तो 500 ग्राम प्रति पौधा हर महीने डाल सकते हैं। फलों के पौधों में 2-5 किलो जैविक खाद प्रति पौधे हर तीन महीने के अंतराल पर डालना चाहिए। ध्यान रहे कि गर्मी में पौधों में जरूरत से ज्यादा खाद डालने से भी बचना चाहिए। इससे पौधा सूख सकता है।

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