जरूरत की खबर- मौसम विभाग ने दी शीतलहर की चेतावनी:  डॉक्टर से जानें, क्या है रिस्क, बचाव क्यों जरूरी, क्या सावधानियां बरतें
महिला

जरूरत की खबर- मौसम विभाग ने दी शीतलहर की चेतावनी: डॉक्टर से जानें, क्या है रिस्क, बचाव क्यों जरूरी, क्या सावधानियां बरतें

Spread the love


6 घंटे पहलेलेखक: संदीप सिंह

  • कॉपी लिंक

पहाड़ों पर हुई बर्फबारी की वजह से दिल्ली NCR समेत उत्तर भारत के कई राज्य शीतलहर की चपेट में हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, आने वाले हफ्ते में भी इसमें कोई राहत नहीं मिलने वाली है।

ऐसे में इससे बचने के लिए बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। कुछ मामलों में शीतलहर जानलेवा भी हो सकती है।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि शीतलहर से बचने के लिए क्या करें? साथ ही जानेंगे कि-

  • किन लोगों के लिए शीतलहर ज्यादा खतरनाक है?
  • शीतलहर के समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

एक्सपर्ट: डॉ. सत्येंद्र कुमार सोनकर, इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ

सवाल- शीतलहर क्या है?

जवाब- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, जब मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या इससे कम होता है तो उसे शीतलहर कहते हैं। इसके अलावा अगर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो और अचानक उसमें -4.5 से -6.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की जाए तो इसे भी शीतलहर माना जाता है। आमतौर पर दिसंबर और जनवरी के महीने में शीतलहर का प्रकोप देखने को मिलता है।

सवाल- देश के किन राज्यों में शीतलहर का खतरा ज्यादा रहता है?

जवाब- आमतौर पर दिल्ली NCR समेत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में शीतलहर का प्रकोप देखने को मिलता है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में भी शीतलहर का असर दिखाई देता है।

सवाल- शीतलहर हमारे शरीर के लिए कितनी खतरनाक है?

जवाब- डॉ. सत्येंद्र कुमार सोनकर बताते हैं कि शीतलहर हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करती है। ये हमारे हार्ट के साथ-साथ न्यूरोलॉजिकल हेल्थ पर भी प्रभाव डालती है। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि शीतलहर हमारी सेहत को कैसे प्रभावित करती है।

सवाल- शीतलहर में हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा क्यों बढ़ जाता है?

जवाब- ठंड में हार्ट को पूरे शरीर में ऑक्सीजन पंप करने के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि ठंड के कारण धमनियां (Arteries) सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है और हार्ट की मसल्स को कम ऑक्सीजन मिल पाती है। इसलिए स्ट्रोक या हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

सवाल- शीतलहर के दौरान हाइपोथर्मिया का खतरा क्यों बढ़ जाता है?

जवाब- आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट यानी 37 डिग्री सेल्सियस होता है। लंबे समय तक ठंड में रहने से शरीर का तापमान कम होने लगता है। जब हमारे शरीर का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट यानी 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है तो हाइपोथर्मिया हो सकता है।

इसके शुरूआती लक्षणों में तेज कंपकंपी आना, हाथ-पैर सुन्न होना और शरीर का ठंडा पड़ना शामिल है। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो पीड़ित व्यक्ति कोमा में जा सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है।

सवाल- शीतलहर की चपेट में आने पर व्यक्ति में कैसे लक्षण दिखते हैं?

जवाब- शीतलहर के लक्षणों में हाथ-पैर की उंगलियां, कानों की लोब और नाक सुन्न हो जाती है। इसके कुछ और भी लक्षण हैं। इसे नीचे पॉइंटर्स से समझिए-

  • शरीर का ठंडा पड़ना।
  • शरीर कांपना और दांत किटकिटाना।
  • हाथ-पैरों का सुन्न पड़ना।
  • जी-मिचलाना या उल्टी होना।

सवाल- शीतलहर किन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है?

जवाब- शीतलहर किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। हालांकि कुछ लोगों को इसका अधिक खतरा रहता है। जैसेकि-

  • बच्चों को शीतलहर का खतरा ज्यादा रहता है। इससे वह सर्दी-खांसी, निमोनिया और डायरिया जैसी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।
  • किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों व बेघर लोगों को भी शीतलहर का खतरा ज्यादा रहता है।
  • अधिक ठंडी जगह पर लंबे समय तक रहने से शीतलहर से होने वाली प्रॉब्लम्स का खतरा बढ़ जाता है।
  • इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से बुजुर्गों में इसका खतरा अधिक होता है।

सवाल- शीतलहर से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

जवाब- डॉ. सत्येंद्र कुमार सोनकर बताते हैं कि शीतलहर के संपर्क में आते ही शरीर ठंडा होने लगता है। शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं होना चाहिए। इससे कम होने पर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए शीतलहर के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नीचे दिए ग्राफिक में इसे समझिए-

सवाल- शीतलहर में क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए?

जवाब- शीतलहर से बचने के लिए जितना हो सके, घर में रहें। इसके अलावा कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसेकि-

  • हाथ-पैर और सिर को खुला न रखें।
  • हाथों में दस्ताने और पैरों में मोजे पहनें।
  • शरीर में पानी की कमी न होने दें।
  • शराब या शुगरी ड्रिंक्स न पिएं।
  • ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचें।

सवाल- शीतलहर की चपेट में आने पर क्या करें?

जवाब- किसी भी व्यक्ति में शीतलहर के गंभीर लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसमें लापरवाही न दिखाएं क्योंकि इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

…………… जरूरत की ये खबर भी पढ़ें

जरूरत की खबर-सर्दियों में रोज पिएं ये 8 सूप:पोषण से भरपूर, शरीर को भीतर से रखें गर्म

ठंड के मौसम में शरीर का तापमान गिरने और मेटाबॉलिज्म धीमा होने से ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में गर्म तासीर वाले भोजन शरीर का तापमान मेंटेन रखने के साथ पाचन तंत्र को भी सक्रिय रखते हैं। पूरी खबर पढ़िए…

खबरें और भी हैं…



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *