10 घंटे पहलेलेखक: संदीप सिंह
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देश में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर ठग लोगों को मूर्ख बनाने के लिए हर रोज नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं।
हाल ही में तमिलनाडु पुलिस ने एक नए स्कैम को लेकर आगाह किया है। इस स्कैम में साइबर क्रिमिनल्स यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए ठगी को अंजाम दे रहे हैं। स्कैम का यह तरीका इतना नया और अनोखा है कि UPI के जरिए कुछ ही सेकेंड में साइबर क्रिमिनल्स आपका अकाउंट खाली कर सकते हैं। इस स्कैम को ‘जम्प्ड डिपॉजिट स्कैम’ नाम दिया गया है।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि जम्प्ड डिपॉजिट स्कैम क्या है? साथ ही जानेंगे कि-
- साइबर क्रिमिनल्स कैसे इस स्कैम को अंजाम देते हैं?
- इस स्कैम से बचने के लिए क्या करें?
एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस
सवाल- जम्प्ड डिपॉजिट स्कैम क्या है?
जवाब- इस स्कैम में साइबर क्रिमिनल्स UPI यूजर्स को टारगेट करते हैं। स्कैमर्स सबसे पहले यूजर के बैंक अकाउंट में छोटा अमाउंट डिपॉजिट करते हैं। इसके बाद पैसे वापस करने के लिए कई बार विड्रॉल रिक्वेस्ट भेजते हैं। जब यूजर इस रिक्वेस्ट को स्वीकार करता है और अपना पिन डालता है तो साइबर क्रिमिनल्स के जाल में फंस जाता है और उसके बैंक अकाउंट से पैसे कट जाते हैं।

सवाल- जम्प्ड डिपॉजिट स्कैम को लेकर NPCI ने क्या कहा है?
जवाब- नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ‘जम्प्ड डिपॉजिट स्कैम’ को लेकर कहा है कि UPI यूजर्स को बेवजह घबराने की जरूरत नहीं है। ध्यान रखें कि बैलेंस चेक करने या लेन–देन के लिए UPI यूजर को पेमेंट रिक्वेस्ट पर क्लिक करना होता है। इसके बाद अपना UPI पिन डालना होता है। बिना UPI पिन के कोई भी सीधे यूजर के अकाउंट से पैसे नहीं निकाल सकता है। इसलिए इसे लेकर डरने की नहीं, बल्कि सजग और सावधान रहने की जरूरत है। लोग ठगी का शिकार तभी होते हैं, जब वे खुद कोई गलती कर बैठते हैं।

सवाल- ऐसे स्कैम से बचने के लिए UPI यूजर्स को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
जवाब- जम्प्ड डिपॉजिट स्कैम एक ऐसा स्कैम है, जिसमें स्कैमर्स आपको यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि उन्होंने आपके बैंक अकाउंट में गलती से पैसे ट्रांसफर कर दिए हैं। इसके बाद वह आपसे फोन, ईमेल या UPI ट्रांजैक्शन रिक्वेस्ट के जरिए पैसे वापस भेजने के लिए कहते हैं।
अक्सर स्कैमर्स फेक और एडिटेड ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड को सबूत के तौर पर दिखाते हैं। इसलिए अगर आपके पास कभी इस तरह की कोई फेक विड्रॉल रिक्वेस्ट आए तो सतर्क हो जाएं। ऐसी किसी रिक्वेस्ट को कभी स्वीकार न करें। इसके अलावा स्कैम से बचने के लिए नीचे ग्राफिक में दी गई कुछ सावधानियां जरूर बरतें।

सवाल- क्या किसी के साथ अपनी UPI ID शेयर करना सेफ है?
जवाब- साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि UPI ID को शेयर करना पूरी तरह से सेफ है। इसे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को सरल और तेज बनाने के लिए ही बनाया गया है। महज UPI ID शेयर करने से कोई आपके बैंक अकाउंट से पैसे नहीं निकाल सकता है।
यह केवल एक यूनिक ID है, जिसकी मदद से बैंक अकाउंट नंबर और IFSC कोड को शेयर किए बिना सेफ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।
हालांकि UPI ID और UPI अकाउंट से मोबाइल नंबर या ईमेल ID जुड़ी होती है, जो एक सेंसिटिव जानकारी है। इसलिए इसे सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचना चाहिए। साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए कभी भी अपना UPI पिन, पासवर्ड किसी से शेयर न करें।
सवाल- स्कैमर्स किसी की UPI ID कैसे पता कर लेते हैं?
जवाब- UPI ID में मोबाइल नंबर और UPI प्रोवाइडर का एक्सटेंशन होता है। जब आप अनऑथराइज्ड ई-कॉमर्स वेबसाइट, रेस्तरां, मॉल, पार्किंग या अन्य जगहों पर अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड करते हैं तो साइबर क्रिमिनल्स इसी का फायदा उठाते हैं। वह इस डेटा को चोरी कर लेते हैं। इसके जरिए UPI ID को क्रैक करना आसान होता है।
इसलिए हमेशा कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसेकि-
- जो मोबाइल नंबर और ईमेल ID बैंक अकाउंट से जुड़ा है, उसे किसी अनजान वेबसाइट पर शेयर न करें।
- बैंक अकाउंट से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को रेस्तरां, मॉल, पार्किंग स्थल जैसी जगहों पर शेयर करने से बचें। यह आपकी प्राइवेसी और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
- UPI एप्स पर फोन लॉक स्क्रीन पासवर्ड जरूर लगाएं।
- अपनी ट्रांजैक्शन डिटेल्स की हिस्ट्री की नियमित जांच करते रहें।
- हमेशा फोन या लैपटॉप को सिक्योर Wi-Fi कनेक्शन से ही कनेक्ट करें।
- रेस्तरां, मॉल, सिनेमा हॉल में लगे पब्लिक Wi-Fi से डिजिटल ट्रांजैक्शन करने से बचें।
- किसी को पैसे भेजने से पहले उसका नाम और UPI ID की ठीक से जांच करें।
- सिक्योरिटी के लिए अपना UPI पिन नियमित बदलते रहें।
- लेटेस्ट सिक्योरिटी फीचर्स के लिए अपने UPI एप और फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेटेड रखें।
- केवल ऑफिशियल और विश्वसनीय UPI एप्स जैसे गूगल पे, फोन पे, पेटीएम और BHIM एप का ही इस्तेमाल करें।
- अगर UPI अकाउंट को लेकर कोई धोखाधड़ी नजर आए तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
- स्कैम होने पर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 से संपर्क करके तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
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