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- Market Cap Of Top 10 Companies Shrinks By ₹4.95 Lakh Crore, TCS, Reliance Top Losers
नई दिल्ली13 घंटे पहले
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पिछले हफ्ते के कारोबार में देश की टॉप-10 कंपनियों का कंबाइन मार्केट कैपिटलाइजेशन 4.95 लाख करोड़ रुपए घटा है। इनमें TCS को पिछले हफ्ते सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। इसका मार्केट कैप ₹1.10 लाख करोड़ घटकर ₹15.08 लाख करोड़ रह गया।
वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप ₹91 हजार करोड़ घटकर 16.32 लाख करोड़ रह गया। HDFC बैंक का मार्केट कैप ₹76 हजार करोड़ घटकर 13.54 लाख करोड़ पर आ गया है।
भारती एयरटेल का मार्केट कैप ₹59 हजार करोड़ घटकर 8.98 लाख करोड़ रह गया। इसके अलावा SBI, ICICI बैंक, इंफोसिस, LIC, HUL और ITC की मार्केट वैल्यू भी घटी है।
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटस नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है।
मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।
मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)
मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।
कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।