देश के 11.7 लाख बच्चे स्कूलों से बाहर, नंबर वन पर रहा यूपी, हैरान कर देंगे आंकड़े
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देश के 11.7 लाख बच्चे स्कूलों से बाहर, नंबर वन पर रहा यूपी, हैरान कर देंगे आंकड़े

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नौनिहालों को देश का भविष्य कहा जाता है. लेकिन देश में इन्हीं की शिक्षा की स्थिति चिंताजनक हो चली है. देशभर में ऐसे लाखों बच्चे हैं, जिनकी पहुंच से स्कुल बहुत दूर है. उनके लिए स्कूल एक सपने जैसा है. हाल ही में इस बात का खुलासा हुआ कि देश भर में 11 लाख से ज्यादा ऐसे बच्चे हैं जो स्कूल  ही नहीं जा रहे हैं.

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने लोकसभा में जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2024-25 के पहले आठ महीनों में देशभर में 11.70 लाख से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल नहीं जा रहे हैं. यह आंकड़े एक गंभीर चिंता को उजागर करते हैं, जो सरकार और समाज दोनों के लिए एक चुनौती बनकर उभरे हैं.

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इस लिस्ट में सबसे पहला नाम देश की राजधानी दिल्ली से सटे यूपी का है. उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 7.84 लाख बच्चे स्कूलों से बाहर हैं. इसके अलावा झारखंड और असम में भी लाखों बच्चे शिक्षा से वंचित हैं. झारखंड में 65 हजार और असम में 63 हजार से ज्यादा बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से बाहर हैं. यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि भारत में शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता के मामले में अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है, खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में ऐसा देखा जा रहा है.

ग्रामीण साक्षरता दर में सुधार की उम्मीद

राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले दशक में ग्रामीण साक्षरता दर में काफी अच्छा सुधार हुआ है. 2011 में यह दर 67.77 प्रतिशत थी, जो 2023-24 में बढ़कर 77.50 प्रतिशत हो गई है. खासतौर पर महिला साक्षरता दर में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. महिलाओं की साक्षरता दर 57.93 प्रतिशत से बढ़कर 70.40 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, जबकि पुरुषों में यह दर 77.15 प्रतिशत से बढ़कर 84.7 प्रतिशत हो गई है. यह दिखाता है कि शिक्षा के क्षेत्र में एक समग्र विकास हो रहा है. जिसमें महिलाओं को विशेष रूप से सशक्त किया जा रहा है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ओर बढ़ता कदम

शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी नवाचार की ओर भी कदम बढ़ाए गए हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस वर्ष 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में 7.90 लाख से अधिक छात्रों ने कक्षा 9 और 10 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विषय को चुना है. इसके साथ ही 50 हजार से अधिक छात्र कक्षा 11 और 12 में इस विषय में शिक्षा ले रहे हैं. यह संकेत है कि देश में तकनीकी शिक्षा और नवाचार की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है.

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