विधायकों की मीटिंग में शामिल होने के लिए आते अरविंद केजरीवाल और उसके बाद मीडिया से बात करते पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) का पूरा फोकस पंजाब पर है।
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राजधानी की हार का असर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर ना पड़े इसके लिए मंगलवार को पंजाब के सभी विधायकों को दिल्ली स्थित कपूरथला हाउस में बुलाया गया था।
यहां पर करीब 30 मिनट तक पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नेताओं को मोटिवेट किया।
मीटिंग के दौरान उन्होंने नेताओं को तीन मंत्र दिए। उन्होंने कहा- लोगों से जुड़ो, मुद्दों को पहचानों और डटकर लड़ो।
सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग के बाद अब पार्टी के वर्किंग स्टाइल में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।
पार्टी ने दावा किया कि पंजाब के सभी AAP विधायक मीटिंग में पहुंचे थे।

पार्टी के लिए 5 चुनौतियां…
1. दिल्ली मॉडल पंजाब के लिए चुनौती पंजाब में सत्ता में आने से लेकर अभी तक प्रदेश में हुए हर चुनाव में AAP नेता दिल्ली मॉडल पेश कर वोट मांग रहे थे, लेकिन अब जब दिल्ली में ही पार्टी सत्ता से बाहर हो गई है तो ऐसे में दिल्ली मॉडल के नाम पर वोट मांगना असंभव सा हो गया है।
सीनियर पत्रकार एस पुरषोतम का कहना है कि जिस दिल्ली मॉडल के सहारे सत्ता में आए थे, वह उनके हाथ से निकल गया है। अब उन्हें पंजाब को मॉडल पेश करना होगा
2. महिलाओं को 1 हजार रुपए देने की गारंटी पूरी नहीं पंजाब में AAP ने सत्ता में आने से पहले 5 गारंटियां दी थीं। इनमें सबसे अहम गारंटी थी 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को हर महीनें एक हजार रुपए देना, लेकिन यह गारंटी अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ी है।
इसका खामियाजा पार्टी ने लोकसभा, निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव व दिल्ली चुनाव में भी भुगता है।
वहीं, अब पार्टी के लिए इस गारंटी को पूरा करना मजबूरी बन गई है। हालांकि इसे पूरा करने के संकेत दिल्ली में पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से मीटिंग के बाद वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने दिए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पांच से चार गारंटियां तीन साल में पूरी कर दी हैं। एक बची गारंटी को भी जल्दी ही पूरा किया जाएगा।
3. विधायकों को पावर देना सीनियर पत्रकार दर्शन सिंह सोढ़ी बताते हैं कि भले ही पंजाब में आम आदमी पार्टी की मजबूत सरकार है, लेकिन विधायकों व अन्य नेताओं के पास इतनी पावर नहीं है। जिस वजह से कई अफसर भी विधायकों की नहीं सुनते हैं। दूसरी तरफ अगर किसी कर्मचारी की ट्रांसफर भी करवानी पड़े तो उन्हें 3-3 लेटर मंत्रियों को लिखने पड़ते हैं।
यह मामला पार्टी की मीटिंगों के अलावा विधानसभा में भी उठ चुका है। यह शिकायत दूर करना भी बड़ी चुनौती है। जब नेताओं के पास कोई पावर रहेगी तभी वह पार्टी को इलाके में मजबूत कर पाएंगे। वहीं, संगठन में बदलाव करने होंगे।
4. कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवाल पंजाब सरकार भले ही कानून व्यवस्था को अन्य प्रदेशों से बढ़िया होने का दावा करती है, लेकिन गैंगस्टर कल्चर, नशा तस्करी और क्राइम बढ़ गया है।
एक के बाद एक थानों पर हमले हो रहे है। विपक्ष इस पर सरकार को घेर रहा है।
पत्रकार पुरुषोत्तम ने कहा कि कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। नशा अभी तक खत्म नहीं हुआ है। जबकि सत्ता में आने के समय वादा किया था।
5. राज्य पर बढ़ता कर्ज पंजाब पर इस समय 3.75 लाख करोड़ का कर्ज है। इस वजह से विकास योजनाओं के लिए फंड जुटाना मुश्किल हो रहा है।
मुफ्त बिजली, महिलाओं को फ्री बस सर्विस और अन्य विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए भी पैसे की जरूरत है।
मौजूदा वित्तीय वर्ष में 28 हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ा है। खर्च कम कर अपने रिसोर्स पैदा करने होंगे।
मीटिंग के बाद पंजाब CM भगवंत मान की 2 अहम बातें

- दिल्ली चुनाव में गुंडागर्दी-पैसा चला मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पंजाब के CM भगवंत मान ने कहा- ”दिल्ली चुनाव में गुंडागर्दी और पैसा चला। हमें हर घंटे चुनाव आयोग के पास जाना पड़ा। उन्हें बताना पड़ता था कि जैकेट बांट रहे हैं, पैसा बांट रहे हैं।”
- पंजाब कांग्रेस पौने 3 साल से बोल रही मान ने कांग्रेस के विधायकों के पार्टी बदलने और अरविंद केजरीवाल के पंजाब का CM बनने की कोशिश के आरोप पर हंसते हुए कहा- ”विपक्ष पौने 3 साल से ऐसा बोल रहा है। उनसे पूछ लो, दिल्ली में उनके कितने विधायक हैं? वह तो शुरू से कह रहे हैं कि 30 आ रहे हैं, 40 आ रहे हैं। हमने अपने खून पसीने से पार्टी बनाई है। इन्हें बोलने दो। उनके पास पार्टियां बदलने का कल्चर है। हमारे यहां ऐसा नहीं है।”
विधायकों ने पहले ही कहा- CM नहीं बदलेगा इस मीटिंग के शुरू होने से पहले AAP के विधायकों ने साफ कर दिया था कि उन्हें मीटिंग का एजेंडा नहीं बताया गया था। मगर इतना तय है कि न तो पंजाब में CM भगवंत मान को बदला जाएगा और न ही कोई विधायक टूटेगा।

दिल्ली पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते AAP के विधायक मनविंदर ग्यासपुरा, चेतन सिंह जौड़ामाजरा और ब्रह्मशंकर जिंपा।
पंजाब AAP प्रधान के बयान से हमलावर हुई थी कांग्रेस दरअसल, पंजाब के आम आदमी पार्टी प्रधान अमन अरोड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि CM की पोस्ट को हिंदू-सिख चेहरे से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। इसके लिए सरकार चलाने की क्षमता ही आधार होना चाहिए।
इसी के बाद कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने दावे करने शुरू कर दिए कि केजरीवाल भगवंत मान को हटाकर खुद CM बनना चाहते हैं।
AAP विधायकों से केजरीवाल की मीटिंग पर विरोधी पार्टियों ने क्या कहा..
पंजाब भाजपा अध्यक्ष बोले- मीटिंग के बाद भी CM बेचैन पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पोस्ट किया- “कपूरथला हाउस में जो कुछ भी हुआ, उससे सीएम भगवंत मान की बेचैनी दूर नहीं हुई क्योंकि बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए वे इतने व्यथित लग रहे थे कि चुटकले सुनाना तो दूर, आज सूखते हुए उनके अपने सुर-ताल मेल नहीं खा रहे थे”।
कांग्रेस सांसद बोले- दिल्ली रिजल्ट से डरी AAP गुरदासपुर से कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा- आज की बैठक इतनी जल्दी और इतनी घबराहट में बुलाई गई। पंजाब में मध्यावधि चुनाव होंगे। दिल्ली में जो हुआ, वह पंजाब में भी हो सकता है। ये लोग ड्रामेबाज हैं। पंजाब के लोगों को बहादुर पसंद हैं, डरपोक नहीं।
शिवसेना (UBT) सांसद बोलीं- ऐसी हार के बाद कयास लगते हैं शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा- जिस तरह से हार हुई, वह उनके लिए भी हैरान करने वाला है। तीन चुनाव जीतने के बाद जब हार का सामना करना पड़ता है, तो हलचल मचती है, अफवाहें फैलती हैं, कयास लगाए जाते हैं।
भाजपा MLA बोले- केजरीवाल पंजाब CM बनने के रास्ते तलाश रहे दिल्ली के BJP विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा- केजरीवाल पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं। वे दिखाना चाहते हैं कि भगवंत मान फेल हो गए हैं। वह विधायकों से ये बात कहलवाएंगे। वे वहां की बहनों को 1000 रुपए नहीं दे पा रहे। यह सारा दोष मान के सिर पर मढ़ा जाएगा।

केजरीवाल की पंजाब AAP विधायकों से मीटिंग की पल-पल की जानकारी के लिए नीचे ब्लॉग देखें…