रिलायंस को तीसरी तिमाही में ₹18,540 करोड़ का मुनाफा:  सालाना आधार पर 7.38% बढ़ा; जियो का नेट प्रॉफिट 26% बढ़कर ₹6,861 करोड़ रहा​​​​​​​
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रिलायंस को तीसरी तिमाही में ₹18,540 करोड़ का मुनाफा: सालाना आधार पर 7.38% बढ़ा; जियो का नेट प्रॉफिट 26% बढ़कर ₹6,861 करोड़ रहा​​​​​​​

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मुंबई2 घंटे पहले

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रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आज (16 जनवरी) वित्त वर्ष 2024-25 के तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। इसमें कंपनी को 18,540 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 7.38% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की इसी तिमाही में कंपनी का कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 17,265 करोड़ रुपए रहा था।

वहीं, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 2.44 लाख करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 2.28 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। सालाना आधार पर इसमें 7% की बढ़ोतरी हुई है। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है।

EBITDA क्या होता है?

EBITDA यानी अर्निंग बिफोर इंटरेस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन एंड अमॉर्टाइजेशन EBITDA किसी कंपनी की वह टोटल कमाई होती है, जिसमें ब्याज चुकाना, टैक्स देना, एसेट या मशीनों की वैल्यू में गिरावट को कंपनसेट करना और पुराने लोन या कर्ज चुकाने में खर्च होने वाली लागत शामिल नहीं होती है।

EBITDA किसी कंपनी या फर्म के ऑपरेशन या उसके संचालन की स्थिति बताता है। इसका उपयोग आमतौर पर कंपनियां अपने बिजनेस को इवैल्यूएट करने के लिए करती हैं। इसे कैलकुलेट करने में लागत या खर्चे को शामिल नहीं किया जाता है।

कंपनी के रेवेन्यू का परसेंटेज बताता है EBITDA मार्जिन

EBITDA मार्जिन किसी कंपनी के रेवेन्यू का परसेंटेज बताता है, जिससे उसके संचालन के ग्रोथ को आंका जाता है। किसी कंपनी का EBITDA मार्जिन पता होने से उसी इंडस्ट्री की दूसरी कंपनी के साथ रियल परफॉरमेंस की तुलना की जा सकती है।

कंपनी के चार मेन सेगमेंट हैं- जियो, रिटेल, ऑयल टू केमिकल्स (O2C) और ऑयल एंड गैस। यहां हम एक-एक कर सभी का परफॉर्मेंस बता रहे हैं…

1. जियो:

  • नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 26% बढ़कर 6,861 करोड़ रुपए रहा। पिछले साल की समान तिमाही में 5,447 करोड़ रुपए था।
  • टेलीकॉम कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू सालाना आधार पर 19.4% बढ़कर 33,074 करोड़ रुपए रहा। पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर में यह 27,697 करोड़ रुपए था।
  • कंपनी का EBITDA सालाना 10% बढ़कर 15,478 करोड़ रुपए रहा। वहीं मार्जिन 50bps बढ़कर 52.8% रहा।
  • टेलीकॉम कंपनियों के प्रदर्शन को मापने के लिए ऐवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) का इस्तेमाल होता है। अक्टूबर-दिसंबर में कंपनी की ARPU 12% बढ़कर 203.3 रुपए रहा।

2. ऑयल टू केमिकल्स (O2C):

  • कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 10% बढ़कर 3458 करोड़ रुपए रहा। पिछले साल की समान तिमाही में यह 3145 करोड़ रुपए था।
  • रेवेन्यू सालाना आधार पर 6% बढ़कर 1,50 लाख करोड़ रुपए रहा। पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर में ₹1.41 करोड़ रुपए था।
  • EBITDA 14,402 करोड़ रुपए रहा, सालाना आधार पर 2.40% बढ़ा है। पिछले साल यह ₹14,064 करोड़ रहा था।
  • O2C का EBITDA मार्जिन40bps कम होकर 9.6% रहा पिछले साल यह 10% था।

3. रिटेल:

  • रिलायंस रिटेल का रेवेन्यू सालाना आधार पर 8.8% बढ़कर 90,351 करोड़ रुपए रहा।
  • रिटेल कंपनी का EBITDA सालाना आधार पर 9% बढ़कर 6,840 करोड़ रुपए रहा।
  • EBITDA मार्जिन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ये पिछले साल की तरह ही 7.6% रहा।

4. ऑयल एंड गैस:

  • तीसरी तिमाही में ऑयल एंड गैस का रेवेन्यू 5% कम होकर ₹6,370 करोड़ रहा। पिछले साल यह 6,719 करोड़ था।
  • ऑयल एंड गैस सेगमेंट का EBIDTA सालाना आधार पर 4.11% कम होकर 5,565 करोड़ रुपए रही।
  • मार्जिन 100 bps बढ़कर 86.4% से 87.4% पर पहुंच गई।

एक साल में 7.25% गिरा रिलायंस का शेयर

तिमाही नतीजों से पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर गुरुवार (16 जनवरी) को 1.82% तेजी के साथ 1,275 के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी का शेयर पिछले 5 दिन में 2.27% और एक महीने में 0.53% चढ़ा है। लेकिन, पिछले 6 महीने में इसमें 19.11% और एक साल में 7.25% की गिरावट रही है।

भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर कंपनी है रिलायंस

रिलायंस भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर कंपनी है। ये अभी हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन, पेट्रोलियम रिफाइनिंग और मार्केटिंग, पेट्रोकेमिकल्स, एडवांस मटेरियल और कंपोजिट, रिन्यूएबल एनर्जी, डिजिटल सर्विस और रिटेल सेक्टर में काम करती है।



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