8 घंटे पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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किसी भी रिश्ते में नोक-झोंक होना सामान्य बात है। लेकिन कई बार छोटी सी बहस भी बड़े विवाद का कारण बन जाती है, जिससे रिश्ता टूट जाता है। हालांकि कुछ मामलों में थोड़े दिनों बाद किसी एक को अपनी गलती का एहसास होता है। तब वह एक्स से माफी मांगकर फिर से रिश्ते की नई शुरुआत करना चाहता है।
कई बार ये दूसरे व्यक्ति के लिए असमंजस भरी स्थिति हो सकती है। वह ये समझ नहीं पाता कि उसे माफ कर देना चाहिए या फिर हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए। हालांकि अगर एक्स दिल से अपनी गलती स्वीकार करे और ये विश्वास दिलाए कि आगे से वह ऐसा नहीं करेगा तो उसे दूसरा मौका देने पर विचार किया जा सकता है।
तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम बात करेंगे कि एक्स को कब दूसरा मौका दिया जा सकता है। साथ ही जानेंगे कि एक्स को दूसरा मौका देते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
एक्स को दूसरा मौका देने से पहले विचार करना जरूरी
यह एक ऐसा कदम है, जिसका हमारी भावनाओं और आत्मसम्मान पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए एक्स को दूसरा मौका देने से पहले विचार करना बेहद जरूरी है। यह निर्णय केवल पल भर की भावना पर नहीं, बल्कि पूरी तरह से सोच-समझकर लेना चाहिए।
जब एक्स को अपनी गलती का एहसास हो और वह खुद में बदलाव करने के लिए तैयार हो तो उसे दूसरा मौका दिया जा सकता है। हालांकि इससे पहले खुद से कुछ सवाल पूछना जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-
एक्स को कब दे सकते हैं दूसरा मौका
यह पूरी तरह से आप पर निर्भर है क्योंकि आप उस व्यक्ति को अच्छी तरह से जानते हैं। अगर आपके मन में एक्स के लिए प्यार है और आप चीजों को सुलझाने के लिए तैयार हैं तो उसे दूसरा मौका जरूर देना चाहिए। हालांकि एक्स को दूसरा मौका देने से पहले कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसे नीचे ग्राफिक में समझिए-
आइए, अब ऊपर दिए पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
जब वह अपनी गलतियां स्वीकार करे
जब एक्स अपनी गलतियों को ईमानदारी से स्वीकार करे और उसके लिए सॉरी बोले तो इसका मतलब है कि वह रिश्ते को दोबारा शुरू करना चाहता है। इस स्थिति में उसे दूसरा मौका देने पर विचार किया जा सकता है।
जब उसमें बदलाव दिखे
ब्रेकअप के बाद कुछ लाेग अपने एक्स के साथ फिर से जुड़ने के लिए सॉरी तो बोल देते हैं। लेकिन उन्हें अपनी गलतियों पर कोई पछतावा नहीं होता है। ऐसे में उनकी बॉडी लैंग्वेज और तौर-तरीकों पर ध्यान देना जरूरी है। अगर उसमें बदलाव दिखे तो एक्स को दूसरा मौका दे सकते हैं।
जब वह विवाद सुलझाना चाहता हो
कई बार ब्रेकअप के बाद लोगों को अपने रिश्ते की अहमियत पता चलती है। उन्हें अपनी गलतियों का एहसास होता है। ऐसे में वे पुराने झगड़े या विवाद को सुलझाकर रिश्ते को फिर से शुरू करना चाहते हैं। जब एक्स इस भावना के साथ आपके पास आए तो उसे दूसरा मौका देने पर विचार करना चाहिए।
जब उसकी बातों में ईमानदारी दिखाई दे
अगर एक्स की बातों से ईमानदारी झलकती है तो इसका मतलब है कि वह अपने रिश्ते को बचाने के लिए सीरियस है। ऐसे में उसे दूसरा मौका देना चाहिए। खुलकर बातचीत करने से समस्याओं का समाधान होता है, रिश्ते में मजबूती आती है और भविष्य में होने वाली गलतफहमियों से भी बचा जा सकता है।
जब उसने पिछली गलतियों से सबक लिया हो
जब एक्स अपनी पिछली गलतियों से सबक लेते हुए भविष्य में उस तरह की गलतियां न दोहराने का वादा करे तो उसे दूसरा मौका जरूर देना चाहिए। ये इस बात का संकेत है कि वह आपको खोना नहीं चाहता है।
जब आप उसके साथ खुश महसूस करते हों
अगर आपको अपने एक्स के साथ खुशी मिलती है तो उसे दूसरा मौका देने के बारे में सोच सकते हैं। हो सकता है कि दोबारा साथ आने के बाद चीजों में सुधार हो और भविष्य में फिर से कभी इस तरह की मिसअंडरस्टैंडिंग न हो।
जब आपके मन में भी प्यार हो
कई बार झगड़ा होने के बाद भी लोग अपने एक्स से दूर नहीं रह पाते हैं। ऐसे में उनके मन में ख्याल आता है कि क्यों न उसे एक और मौका देकर देखें। अगर आपके मन में भी अपने एक्स को लेकर ऐसा ख्याल आता है तो उसे दोबारा मौका दे सकते हैं।
इन स्थितियों में न दें एक्स को दूसरा मौका
अगर एक्स ने कई बार आपको धोखा दिया है, आपके साथ गलत व्यवहार किया है तो उसे दूसरा मौका देना व्यर्थ है। इससे आपकी सेल्फ रिस्पेक्ट कम होगी। किन स्थितियों में एक्स को दूसरा मौका नहीं देना चाहिए, इसे नीचे पॉइंटर्स से समझिए-
- अगर उसने आपको शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है।
- अगर अभी आपके बीच की समस्याएं अनसुलझी हैं।
- अगर उसने आपके आत्मसम्मान या आत्मविश्वास को ठेस पहुंचाई है।
- अगर उसने आपका आर्थिक शोषण या आपके साथ धोखाधड़ी की है।
- अगर वह आपको कंट्रोल करने की कोशिश करता है।
- अगर वह बदलाव के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में दूसरा मौका देना केवल खुद को दुखी करने जैसा हो सकता है।
अंत में यही कहेंगे कि एक्स को दूसरा मौका देने से पहले उसे अच्छे से परखना जरूरी है। इसमें किसी भी तरह की जल्दबाजी न करें। कोई भी फैसला सोच-समझकर ही लें।