19 मिनट पहलेलेखक: शशांक शुक्ला
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हमारे जीवन में कभी न कभी ऐसा समय आता है, जब हम मेंटली थके हुए होते हैं या उदास महसूस करते हैं। ऐसे में यह पहचानना कि कोई और व्यक्ति भी इसी स्थिति से गुजर रहा है, बेहद जरूरी हो जाता है। अगर आपका कोई करीबी लो फील कर रहा है, तो इसे पहचान कर आप उसकी मदद कर सकते हैं।
ऐसा व्यक्ति जो स्वभाव से खुशमिजाज हो और पहले उत्साह से भरा रहता हो, अचानक चुप हो जाए और किसी काम में उसका मन न लगे तो यह संकेत हो सकता है कि वह अंदर से परेशान है। इस दौरान उसका फिजिकल बिहेवियर भी बदल सकता है।
उसे थकान, सुस्ती या नींद की समस्या हो सकती है। वह अक्सर छोटी-छोटी बातों से परेशान हो सकता है और सेल्फ-कॉन्फिडेंस की कमी महसूस कर सकता है।
यह जरूरी है कि हम ऐसे लोगों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं और यह समझने की कोशिश करें कि उनके मन में क्या चल रहा है। कई बार स्ट्रेस, फैमिली या रिलेशनशिप की प्रॉब्लम्स, काम का दबाव या हेल्थ से जुड़ी चिंताएं किसी को मेंटली परेशान कर सकती हैं। इनके अलावा कोई डर या निराशा भी उदासी का कारण बन सकते हैं।
ऐसी परिस्थिति में हर किसी को इमोशनल हेल्प की जरूरत होती है। ऐसे में थोड़ी सी समझदारी और सहानुभूति से हम किसी का दिल हल्का कर सकते हैं। साथ ही उन्हें वापस खुशहाल जीवन की ओर लौटने में मदद कर सकते हैं।
ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में बात करेंगे कि किसी की मुसीबत को मुस्कान में कैसे बदला जा सकता है।
कोई लो फील करे तो क्या करें?
जब हमारा कोई दोस्त या परिवार का कोई सदस्य लो फील कर रहा होता है, तो हम सब उसकी मदद करना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए सबसे जरूरी चीज है कि आप मदद के लिए सही तरीका अपनाएं। कभी-कभी यह उदासी ब्रेक-अप या किसी रिश्ते में तकरार की वजह से हो सकती है।
ऐसे में पहले यह समझना जरूरी है कि उनका मूड खराब क्यों है और उनके व्यवहार में क्या बदलाव आए हैं। वे पहले की तरह बात नहीं कर रहे, खाना नहीं खा रहे या सिर्फ अपने फोन में लगे रहते हैं। ये संकेत हो सकते हैं कि सबकुछ ठीक नहीं है।
इस स्थिति में आप उनसे जुड़ने की कोशिश करें और उनका हौसला बढ़ाएं। हालांकि, इस दौरान हमें कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जो उन्हें और अधिक तकलीफ पहुंचाए। आइए इसे ग्राफिक के माध्यम से समझते हैं।
आइए ग्राफिक को विस्तार से समझते हैं।
भावनाओं को हल्के में न लें: जब कोई व्यक्ति लो फील कर रहा हो तो यह न कहें, ‘तुम्हें इससे बचना चाहिए’ या ‘यह कोई बड़ी बात नहीं है।’ इस तरह के वाक्य बोलने से बचें। इससे उन्हें यह लग सकता है कि उनकी परेशानी का कोई महत्व नहीं है। इससे वे और भी ज्यादा अकेलापन महसूस कर सकते हैं।
बिन मांगे सलाह न दें: जब तक व्यक्ति आपसे सीधे मदद न मांगे, उन्हें अपनी सलाह देने से बचें। कई बार लोग चाहते हैं कि कोई उन्हें सुने, न कि उन्हें समस्याओं का समाधान बताए। अनचाही सलाह देने से उन्हें यह महसूस हो सकता है कि आप उनकी परेशानी को समझ नहीं पा रहे हैं।
इमोशन को नजरअंदाज न करें: किसी को यह न कहें कि ‘पॉजिटिव रहो’ या ‘तुम्हारी स्थिति इतनी भी बुरी नहीं है।’ ऐसा कहना उनके संघर्षों को नकारना हो सकता है। इससे उन्हें और भी निराशा हो सकती है। ऐसे में हमें समझना चाहिए कि हर व्यक्ति की मुश्किलें अलग हो सकती हैं। उन्हें यह महसूस कराना जरूरी है कि आप उनके इमोशंस को समझते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
दोष देने से बचें: आलोचना करने या दोष देने से बचें। जैसे ‘तुम हमेशा ऐसा ही करते हो’ या ‘तुमने यह गलती क्यों की,’ ऐसे वाक्य बोलने से बचें। इससे उनका आत्मविश्वास और कम हो सकता है।
तकलीफ पहुंचाने वाले हंसी-मजाक से बचें: हंसी-मजाक के दौरान ऐसा कुछ न बोलें कि उन्हें तकलीफ पहुंचे। गलत समय पर किया गया मजाक उन्हें और परेशान कर सकता है।
लो फील करने पर कैसे करें मदद?
अगर आपके किसी प्रियजन का मन उदास है तो आपकी थोड़ी सी मदद और सच्ची समझ उन्हें बेहतर महसूस करा सकती है। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं।
आइए ग्राफिक को विस्तार से समझते हैं।
उनकी बात सुनें
जब कोई उदास हो तो टोके बिना उनकी बातें सुनना, इमोशंस को समझने की कोशिश करना उन्हें बेहतर फील करा सकता है। सिर हिलाकर, आंखों में आंखें डालकर और सवाल पूछकर आप यह दिखा सकते हैं कि आप सच में उनकी परेशानियों को समझना चाहते हैं।
उन्हें उनकी स्ट्रेंथ याद दिलाएं
लो फील करने पर कम आत्मविश्वास की वजह से वे अपनी पॉजिटिव क्वालिटीज को भूल सकते हैं। ऐसे में उनके साथ उनकी पिछली सफलता, अनूठी क्षमताओं के बारे में बात करें। जिन चुनौतियों का उन्होंने सामना किया है, उसके लिए तारीफ करें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें अपनी स्ट्रेंथ का एहसास होगा।
तारीफ करें
आप उनके गुणों या अच्छे कामों के बारे में बात करें, ताकि उन्हें महसूस हो कि आप उन्हें महत्व देते हैं। उनकी क्वालिटीज के लिए उनकी सच्चे दिल से तारीफ करें। इससे उनमें आत्मविश्वास आएगा और वे अच्छा फील करेंगे।
उनके नजरिए से सोचें
परिस्थितियों को उनके नजरिए से समझने की कोशिश करें। अगर वे किसी मुश्किल स्थिति में हैं तो सुझाव या सलाह देने से पहले एक बार सोचें। यह समझने की कोशिश करें कि उन्हें कैसा फील हो रहा है और उन्हें उस वक्त क्या चाहिए। कभी-कभी आपका उनके साथ होना ही उन्हें मजबूत बना सकता है।
साथ में समय बिताएं
साथ में समय बिताने और किसी एक्टिविटी में हिस्सा लेने से उनका ध्यान परेशानियों से हट सकता है। कुछ देर लिए उन्हें राहत मिल सकती है। इससे वे कुछ पॉजिटिव सोच सकेंगे। आप उनके साथ किसी फेवरेट स्पोर्ट्स एक्टिविटी में हिस्सा ले सकते हैं, लंबी सैर पर जा सकते हैं या साथ में कुछ कुकिंग कर सकते हैं।
किसी काम में मदद करें
अगर वे अपने कामों को लेकर परेशान हैं तो आप उनकी मदद कर सकते हैं। ऐसे में उनका स्ट्रेस कम हो सकता है। इससे वे हल्का महसूस करेंगे और आपको यह दिखाने का मौका मिलेगा कि आप उनकी परवाह करते हैं।
हंसी-मजाक करें
हल्के अंदाज में किए गए हंसी-मजाक से उनका मूड बेहतर हो सकता है। हालांकि, इस दौरान उनके इमोशंस का मजाक बनाने से बचें। सही समय पर और सही तरीके से किए गए हंसी-मजाक से उनके चेहरे पर मुस्कान आ सकती है।
सेल्फ-केयर की सलाह दें
उन्हें यह याद दिलाएं कि अपनी देखभाल करना मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। उन्हें कुछ ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें, जो उन्हें आरामदेह लगे, जैसे एक अच्छी किताब पढ़ना, फिल्म देखना, योग करना या घास पर देर तक बैठना। इससे उनके मूड में सुधार होगा।