लखनऊ: 40 दिन में बाघ ने बनाया 12वां शिकार, गांव में पीएसी हुई तैनात; रोज मिल रहे बाघ के नए पगचिह्न, आक्रोश
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लखनऊ: 40 दिन में बाघ ने बनाया 12वां शिकार, गांव में पीएसी हुई तैनात; रोज मिल रहे बाघ के नए पगचिह्न, आक्रोश

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Lucknow: Tiger made 12th victim in 40 days, PAC deployed in the village; Panic among villagers

एक महीने से अधिक समय से बाघ से प्रभावित है क्षेत्र।
– फोटो : अमर उजाला

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रहमानखेड़ा में बाघ ने एक और नया शिकार किया है। करीब 40 दिनों से चहलकदमी कर रहे बाघ ने जंगल से करीब आठ किमी दूर आम के बाग में एक छुट्टा मवेशी को अपना 12वां शिकार बनाया। जंगल से बाहरी इलाके में बाघ के पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत और बढ़ गई है। रविवार को यहां पीएसी ने डेरा डाल दिया है।

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पीएसी के जवानों ने हथिनी डायना व सुलोचना के साथ करीब पांच घंटे तक गांव और जंगल में कॉम्बिंग की। मौके पर पहुंचे विभागीय अफसरों ने भी पूरी कार्रवाई का जायजा लिया। वन विभाग की एक टीम ने रविवार को रेलवे लाइन पार करते हुए बाघ को देखा है।

जंगल में जहां पर बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया है, वहां से करीब आठ किमी दूर बाघ ने बहेलिया गांव में शीतला और हेमराज के आम के बाग में शनिवार देर रात बाघ ने एक छुट्टा मवेशी को अपना शिकार बनाया। रविवार दोपहर में मवेशी का क्षतविक्षत शव देख ग्रामीणों में सनसनी फैल गई। बाग में मवेशी और बाघ के संघर्ष के निशान 50 मीटर तक दिखे। मवेशी के शरीर के पिछले हिस्से का लगभग 15 किलो गोश्त खाकर बाघ भाग निकला। रविवार शाम 6 बजे वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच मृत मवेशी के अवशेष की जांच की। जिसमें बाघ के शिकार की पुष्टि की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि टिकैतगंज गांव के किनारे से गुजरा बेहता नाला किनारे बाघ के नए पगचिह्न मिले हैं।

रोज मिल रहे बाघ के नए पगचिह्न, आक्रोश

रहमानखेड़ा जंगल के चारों ओर लगाए गए पिंजरे के पास अभी तक बाघ नहीं आया है। यहां संस्थान में काम करने वाले मजदूरों को रोज अलग- अलग ब्लॉकों में बाघ के नए पगचिह्न देखने को मिल रहे हैं। हरदोई रोड बहता नाला के पास स्थित सीआईएसएच के फर्स्ट ब्लॉक के जंगल में सबसे ज्यादा पगचिह्न मिल रहे हैं। यहां के वैज्ञानिकों में भी अब वन विभाग के प्रति आक्रोश है। आम के फसल पर बड़ा असर पड़ रहा है। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने रहमानखेड़ा में एक और पिंजरा लगा उसमें भैंस के एक पड़वे को बांधा था। मगर बाघ पिंजरे के पास नहीं आ रहा है।

बनाया गया एक और मचान

जंगल के जोन- दो में रविवार को एक नया मचान बनाया गया है। अब यहां पर बैठकर वनकर्मी बाघ की निगरानी करेंगे। मौके पर पहुंचीं प्रधान मुख्य वन सरंक्षक अनुराधा बेमुरी, अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक रेनू सिंह, डीएफओ डॉ सितांशु पांडेय, लखनऊ प्राणी उद्यान के चिकित्सक डॉ उत्कर्ष शुक्ला ने सभी जोन का निरीक्षण किया।



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