मुंबई13 मिनट पहले
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शेयर बाजार में आज यानी, मंगलवार 8 अप्रैल को भी गिरावट देखने को मिल सकती है। एक दिन पहले अमेरिकी, यूरोपीय और एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली थी।
बाजार के गिरकर खुलने के अनुमान की 3 वजह
- 8 अप्रैल को अमेरिका का डाउ जोन्स 349 अंक (0.91%) गिरकर 37,965 पर बंद हुआ। S&P 500 इंडेक्स में 0.23% की गिरावट रही। नैस्डेक कंपोजिट 0.09% चढ़ा था।
- एशियाई बाजारों में जापान के निक्केई में 7.83%, कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 5.57%, चीन का शंघाई इंडेक्स 7.34% गिरा है। हॉन्गकॉन्ग के हैंगसेंग इंडेक्स में 13.22% की गिरावट रही थी।
- यूरोपीय बाजारों में जर्मनी का डैक्स इंडेक्स 4.26% गिरकर 19,761 के स्तर पर बंद हुआ। UK के FTSE 100 इंडेक्स में 4.38% और स्पेन का IBEX 35 इंडेक्स 5.12% गिरकर बंद हुआ था।
कल सेंसेक्स 2226 अंक और निफ्टी 742 अंक गिरा था
इससे पहले 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में साल की दूसरी बड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 2226 अंक (2.95%) गिरकर 73,137 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 742 अंक (3.24%) की गिरावट रही, ये 22,161 के स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले 4 जून 2024 को बाजार 5.74% गिरा था।
निवेशकों की वेल्थ 15 लाख करोड़ रुपए घटी
शेयर बाजार में बिकवाली से निवेशकों की वेल्थ करीब 15 लाख करोड़ रुपए घट गई है। शुक्रवार, 4 अप्रैल को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 404 लाख करोड़ रुपए था, जो सोमवार को बाजार बंद होने के बाद लगभग 389 लाख करोड़ रुपए रह गया है।

बाजार में गिरावट की 4 वजह
- ट्रम्प की चीन पर 50% एडिशनल टैरिफ लगाने की धमकी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अगर चीन अमेरिका पर लगाया गया 34% टैरिफ वापस नहीं लेता है तो उस पर बुधवार से 50% एडिशनल टैरिफ लागू होगा।
- ट्रम्प का रेसिप्रोकल टैरिफ: अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत के अलावा चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा।
- चीन ने जवाबी 34% टैरिफ लगाया: चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर 34% जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा। 3 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाया था। इसमें चीन पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया था। अब चीन ने उतना ही टैरिफ अमेरिका पर लगा दिया है।
- इकोनॉमिक स्लोडाउन की चिंता: टैरिफ से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। साथ ही, मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतें भी गिरी हैं। ये कमजोर इकोनॉमिक एक्टिविटी का संकेत है। इससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।
9 अप्रैल से लागू होंगे रेसिप्रोकल टैरिफ
अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगाया गया है। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल से लागू हो गया है। वहीं रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू होंगे। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है।
रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद भारतीय बाजार का हाल
- बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी 4 अप्रैल को सेंसेक्स 930 अंक (1.22%) की गिरावट के साथ 75,364 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी में 345 अंक (1.49%) की गिरावट रही, ये 22,904 के स्तर पर बंद हुआ था।
- वहीं 3 अप्रैल को सेंसेक्स 322 अंक की गिरावट के साथ 76,295 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में भी 82 अंक की गिरावट रही, ये 23,250 के स्तर पर बंद हुआ था। ट्रम्प ने 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान किया था। उसके बाद से दुनिया भर के बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है।
