सुख-समृद्धि से जुड़ी हैं ये 6 परंपराएं:  विष्णु पूजा, गीता पाठ, गाय की सेवा सहित इन 6 शुभ कामों से घर में बनी रहती है सुख-शांति
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सुख-समृद्धि से जुड़ी हैं ये 6 परंपराएं: विष्णु पूजा, गीता पाठ, गाय की सेवा सहित इन 6 शुभ कामों से घर में बनी रहती है सुख-शांति

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2 घंटे पहले

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जीवन में सुख-शांति बनी रहे, इसके लिए शास्त्रों में कई शुभ काम बताए हैं। पद्मपुराण का एक श्लोक है, जिसमें 6 ऐसे शुभ कामों का जिक्र है, जिन्हें करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

विष्णुरेकादशी गीता तुलसी विप्रधेनव:।

असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी।।

पद्मपुराण के इस श्लोक में 6 शुभ काम बताए गए हैं, जिन्हें हमें करते रहना चाहिए। इन 6 कामों में पहला शुभ काम है विष्णु पूजा। विष्णु जी पुरुषार्थ के प्रतीक माने गए हैं। विष्णु जी हमें कर्म करते रहने की प्रेरणा देते हैं। इनकी पूजा करने का भाव यही है कि हम सदैव कर्मशील रहें और अपने कर्तव्यों का पालन करें। श्रीहरि ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और शांति के स्वामी हैं। इनकी पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

दूसरा काम है एकादशी व्रत

पद्म पुराण के मुताबिक सुख-समृद्धि देने वाला दूसरा काम है एकादशी व्रत करना। ये व्रत भगवान विष्णु के लिए किया जाता है। हिन्दी पंचांग के अनुसार हर माह में 2 एकादशियां आती हैं। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। दोनों ही एकादशियों पर व्रत करने की परंपरा है। महीने में दो बार व्रत करने से धर्म लाभ के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। व्रत करने के पाचन तंत्र को आराम मिलता है और पेट से जुड़े कई रोगों में राहत मिलती है।

तीसरा काम है गीता पाठ

श्रीमद् भागवत गीता को श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है। जो लोग नियमित रूप से गीता पाठ करते हैं और गीता के सूत्रों को जीवन में उतार लेने से हमारी सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

चौथा काम है तुलसी पूजा

घर में तुलसी लगाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। तुलसी घर के आसपास पवित्रता और सकारात्मकता बनाए रखती है। विष्णु जी की पूजा तुलसी के बिना पूरी नहीं होती है। तुलसी की देखभाल करने और पूजा करने से देवी लक्ष्मी की भी कृपा मिलती है, क्योंकि तुलसी को देवी लक्ष्मी का ही एक स्वरूप माना जाता है।

पांचवां काम है संत-महात्मा और विद्वानों की संगत में रहना

माता-पिता, गुरु के साथ ही ज्ञानी, संत-महात्मा, पूजा कराने वाले ब्राह्मण का सदैव सम्मान करना चाहिए। संतों की संगत में रहने से हमें अच्छे-बुरे कामों की जानकारी मिलती है। संतों की सीख को जीवन में उतार लेने से हमारी सभी बाधाएं खत्म हो सकती हैं।

छठा काम है गाय की सेवा करना

शास्त्रों में गाय को माता कहा गया है। मान्यता है कि जिन घरों में गाय होती है, वहां सभी देवी-देवता वास करते हैं। गाय से प्राप्त होने वाले दूध, मूत्र और गोबर का कई दवाओं में उपयोग किया जाता है। हमें नियमित रूप से गौ माता की सेवा करनी चाहिए, अगर अपने घर में गाय नहीं पाल सकते हैं तो किसी गौशाला में जाकर गायों की सेवा करें, गायों की देखभाल के लिए धन दान करें।

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