सुजुकी के पूर्व चेयरमैन ओसामु का 94 साल में निधन:  शादी के बाद पत्नी का सरनेम लिया, कंपनी को ग्लोबल ब्रांड बनाया
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सुजुकी के पूर्व चेयरमैन ओसामु का 94 साल में निधन: शादी के बाद पत्नी का सरनेम लिया, कंपनी को ग्लोबल ब्रांड बनाया

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नई दिल्ली10 घंटे पहले

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ओसामु सुजुकी का जन्म 30 जनवरी 1930 को जापान के गेरो में हुआ था। वे पेशे से बैंकर थे। सुजुकी परिवार की बेटी से शादी की और पत्नी का सरनेम लिया। - Dainik Bhaskar

ओसामु सुजुकी का जन्म 30 जनवरी 1930 को जापान के गेरो में हुआ था। वे पेशे से बैंकर थे। सुजुकी परिवार की बेटी से शादी की और पत्नी का सरनेम लिया।

सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन ओसामु सुजुकी का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे लिम्फोमा नाम की बीमारी से पीड़ित थे। ओसामु का जन्म 30 जनवरी, 1930 को जापान के गेरो में हुआ था।

पेशे से बैंकर ओसामु ने 1958 में सुजुकी परिवार की बेटी शोको सुजुकी से विवाह किया और उनका (पत्नी) सरनेम लिया। इसी साल वे सुजुकी में भी शामिल हुए।

दुनियाभर में सुजुकी के एक्सपेंशन का श्रेय ओसामु को ही दिया जाता है। उन्हीं के प्रयास से सुजुकी की छोटी कारों और मोटरसाइकिलों को दुनियाभर में एक अलग पहचान मिली। ओसामु कंपनी के साथ कई दशक तक जुड़े रहे। वे दो बार कंपनी के चेयरमैन बने। इस पद पर सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले व्यक्ति हैं।

उन्हीं के गाइडेंस में सुजुकी मोटर ने जनरल मोटर्स और फॉक्सवैगन के साथ स्ट्रैटेजिक साझेदारी की। 1980 के दशक में भारतीय मार्केट में एंट्री करना उनका सबसे साहसिक कदम माना जाता है।

1982 में मारुति ने भारत सरकार के साथ जॉइंट वेंचर बनाया

1982 में सुजुकी ने भारत सरकार के साथ एक जॉइंट वेंचर बनाया, इसमें मारुति उद्योग का निर्माण हुआ। इस साझेदारी ने मारुति 800 नाम की एक छोटी कार पेश की। लॉन्चिंग के साथ ही यह मॉडल भारतीय बाजार में हिट हो गई और सुजुकी को एक मजबूत जगह दिलाई।

47,500 रुपए की एक्स शोरूम कीमत पर कंपनी ने देश के एक बड़े तबके को कार खरीदने के सक्षम बनाया था। मारुति सुजुकी पिछले 40 साल में देश में करीब 3 करोड़ गाड़ियां बेच चुकी है। बीते कई साल से मारुति सुजुकी भारत की सबसे बड़ी कार मैन्युफैक्चरर है।

फ्यूल-इकोनॉमी टेस्टिंग स्कैंडल में नाम जुड़ा, इस्तीफा देना पड़ा

सुजुकी का कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा। उन्हें जापान में फ्यूल-इकोनॉमी टेस्टिंग स्कैंडल का सामना करना पड़ा। इस केस के चलते उन्हें 2016 में कंपनी के CEO के पद से इस्तीफा देना पड़ा। रिटायरमेंट के बाद भी सुजुकी ने कंपनी में अपने एक्सपीरियंस का इस्तेमाल करते हुए एडवाइजर की भूमिका निभाई।

भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में सबसे ज्यादा गाड़ियां बेचती है सुजुकी

मौजूदा वित्त वर्ष में यानी अप्रैल से नवंबर के बीच देशभर में 1.8 करोड़ गाड़ियां बिकीं। सालाना आधार पर इसमें 11% की बढ़ोतरी रही।​​ नवंबर 2024 में देश में गाड़ियों की टोटल सेल 32 लाख से ज्यादा रही। पिछले साल नवंबर के मुकाबले इसमें 11.21% की ग्रोथ हुई है। वहीं, पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में मारुति सुजुकी ने 39.92% हिस्सेदारी के साथ 1,28,521 कारें बेचकर टॉप पर रही। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में

पिछले वित्त वर्ष में मारुति ने देश में सबसे ज्यादा गाड़ियां बेची

वित्त वर्ष 2024 में देशभर में कुल 2 करोड़ 45 लाख 30 हजार 334 गाड़ियां बिकीं। यह पिछले फाइनेंशियल ईयर (2022-23) से 10.29% ज्यादा है। FY23 में 2 करोड़ 22 लाख 41हजार 361 गाड़ियां बिकीं थीं।

मारुति सुजुकी ने सबसे ज्यादा 16 लाख 5 हजार 264 गाड़ियां बेचीं हैं। पिछले फाइनेंशियल ईयर 2023 में कंपनी ने 14 लाख 90 हजार 202 गाड़ियां बेची थी। 5 लाख 61 हजार 371 गाड़ियों की बिक्री के साथ हुंडई मोटर इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में हुंडई ने 5 लाख 27 हजार 481 गाड़ियां बेची थी।



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