22 घंटे पहले
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दिन की शुरुआत अच्छी हो जाए तो पूरे दिन इसका सकारात्मक असर बना रहता है। इसलिए सुबह जागते ही हथेलियां देखने की परंपरा हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा बनाई गई है। आज अधिकतर लोग सुबह जागते ही सबसे पहले मोबाइल देखते हैं, जबकि ये आदत तनाव का कारण बन सकती है। सुबह जागते ही मोबाइल देखना आंखों की सेहत के लिए भी अच्छा नहीं है, जागते ही मोबाइल की तेज रोशनी हमारी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए इस आदत को जल्दी से जल्दी छोड़ देना चाहिए। पुराने समय से ही कर (हथेली) दर्शन करने की परंपरा चली आ रही है। जो लोग हथेलियों के दर्शन करके दिन की शुरुआत करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु, महालक्ष्मी और देवी सरस्वती की कृपा से सुख-शांति और सफलता मिल सकती है। जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास बातें…
कर दर्शन की परंपरा से जुड़ी खास बातें… माना जाता है कि रोज सुबह देवी लक्ष्मी, सरस्वती जी और भगवान का विष्णु का ध्यान करने से विचारों में सकारात्मकता बढ़ती है। दिन की शुरुआत भगवान के ध्यान के साथ करने से दिनभर शुभ असर बना रहता है।
सुबह जागने के बाद बिस्तर पर बैठे-बैठे ही अपनी दोनों हथेलियों आपस में जोड़ें, आंखें बंद करें। इसके बाद करदर्शन मंत्र का जप करते हुए हथेलियों के दर्शन करें। मंत्र बोलने के बाद दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ें और अपने चेहरे पर लगाएं।
इस परंपरा के पीछे एक गहरा संदेश भी है। हम हाथों से ही कर्म करते हैं और कर्म करने से ही हमें सफलता मिलती है, हमारा भाग्य बनता है। काम करेंगे तो जीवन में सुख-शांति और सफलता मिलेगी। हाथों का महत्व समझाने के लिए ही ऋषि-मुनियों ने कर दर्शन करने की बनाई है।
देवी सरस्वती ज्ञान की प्रतीक हैं, भगवान विष्णु पुरुषार्थ के प्रतीक हैं और देवी लक्ष्मी धन, सुख-सुविधाओं की प्रतीक हैं। जब हम ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए पुरुषार्थ यानी काम करते हैं, तब हमें लक्ष्मी यानी धन की प्राप्ति होती है।
हमें अपने हाथों पर यानी खुद पर भरोसा करना चाहिए। आत्म विश्वास बनाए रखेंगे तो मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे।