25 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल
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एक पुरानी कहावत है, ‘ब्रेकफास्ट राजा की तरह, लंच राजकुमार की तरह और डिनर भिखारी की तरह’ करना चाहिए। इसका मतलब है कि दिन की शुरुआत भरपूर डाइट से करनी चाहिए। उसके बाद दोपहर में उससे कम और शाम का बहुत कम भोजन करना चाहिए।
यह कहावत कुछ ही शब्दों में स्वस्थ जीवन जीने का तरीका बताती है। लेकिन हममें से बहुत कम लोग ही इस रूटीन को फॉलो करते हैं। हम क्या खाते हैं और कब खाते हैं, इसका हमारे पाचन तंत्र, वजन और नींद पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।
‘साइंस डायरेक्ट’ में पब्लिश एम्स की एक स्टडी के मुताबिक, भारत के 10.4 करोड़ युवा नींद से जुड़ी गंभीर बीमारी स्लीप एप्निया से जूझ रहे हैं।
वहीं ग्लोबल स्लीप सर्वे ‘फिलिप्स ग्लोबल स्लीप’ 2019 के अनुसार, दुनिया भर में 62% एडल्ट्स उतनी अच्छी नींद नहीं ले पाते, जितनी वे चाहते हैं। इसका एक बड़ा कारण हैवी डिनर भी है।
इसलिए आज सेहतनामा में हम भोजन और नींद के कनेक्शन के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- अच्छी नींद के लिए डिनर में कौन सी चीजें शामिल करनी चाहिए?
- डिनर में किन चीजों को अवॉइड करना चाहिए?
भोजन और नींद का गहरा कनेक्शन
भोजन और नींद, दोनों एक-दूसरे से परस्पर जुड़े हुए हैं। भोजन शरीर को एनर्जी देता है, वहीं नींद शरीर को आराम। हम कब और क्या खाते हैं, इसका असर हमारी नींद पर भी पड़ता है।
द जर्नल ऑफ क्लिनिकल स्लीप मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, हाई फाइबर, लो सैचुरेटेड फैट युक्त डाइट से गहरी और अधिक आरामदायक नींद आती है। वहीं रात के समय हैवी डाइट लेने पर इसे पचाने के लिए शरीर को अधिक एनर्जी की जरूरत होती है। इससे नींद प्रभावित हो सकती है।
डिनर में कुछ चीजें करें अवॉइड
डिनर में फैटी फूड्स खाने से इसे पचने में अधिक समय लगता है। इससे शरीर में फैट जमा होता है, जो मोटापे का कारण बन सकता है। डीप-फ्राइड फूड्स से शरीर में एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। इससे सीने में जलन और बेचैनी हाे सकती है, जो नींद में बाधा डाल सकती है।
वहीं डिनर में मीठा खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है, जिससे भोजन पचने में काफी समय लगता है। इसी तरह मसालेदार, प्रोसेस्ड फूड्स, कैफीन या शराब भी नींद में खलल डाल सकती है। डिनर में क्या चीजें नहीं खानी चाहिए, इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-
अच्छी नींद के लिए डिनर में करें बदलाव
डिनर हल्का और संतुलित होना चाहिए, ताकि वह आसानी से पच सके। इससे बेहतर नींद आती है। इसके लिए फाइबर वाली चीजें खाएं, जो कि पाचन क्रिया को बेहतर बनाती हैं। ग्रीन वेजिटेबल्स खाएं, जो मिनरल्स व विटामिन्स से भरपूर होती हैं और सेहत के लिए भी जरूरी हैं। इसके अलावा डिनर में कौन-कौन सी चीजें शामिल कर सकते हैं, इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-
अब, आइए ग्राफिक में दी गई इन चीजों के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
फाइबर रिच फूड्स नींद में मददगार
फाइबर रिच फूड्स जैसेकि दलिया, ओट्स और साबुत अनाज डिनर में शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है और नींद अच्छी आती है। इससे पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है।
गर्म दूध पीने से आती अच्छी नींद
दूध में मौजूद कुछ कंपाउंड्स खासतौर पर ट्रिप्टोफैन और मेलाटोनिन अच्छी नींद में मदद करते हैं। मेलाटोनिन को नींद का हॉर्मोन कहा जाता है। इसके अलावा दूध में मौजूद पेप्टाइड्स तनाव कम करके शरीर को स्ट्रेस फ्री कर देते हैं, जिससे बेहतर नींद आती है।
डिनर में हरी सब्जियां खाने से आती अच्छी नींद
हरी सब्जियों में मैग्नीशियम होता है, जो शरीर के लिए जरूरी मिनरल है। यह ब्रेन को शांत करता है और मसल्स को आराम पहुंचाता है। मैग्नीशियम नींद को बढ़ावा देने वाले हॉर्मोन मेलाटोनिन को भी बढ़ाता है। इससे अच्छी नींद आती है। वहीं केला, चेरी और कीवी जैसे कुछ फल भी नींद में मददगार हैं।
नींद से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और उनके जवाब
सवाल- क्या भोजन का कोई निश्चित समय होना चाहिए?
जवाब- सीनियर डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं कि रात के खाने का सही समय रात 8 बजे से पहले माना जाता है। सोने से तुरंत पहले खाने से अनिद्रा की समस्या हो सकती है।
सवाल- डिनर और सोने के बीच कितना गैप होना चाहिए?
जवाब- डिनर और सोने के बीच कम-से-कम तीन घंटे का अंतराल जरूर रखना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आप 11 बजे सोते हैं तो 8 बजे तक डिनर कर लें।
सवाल- क्या खाने और सोने के बीच गैप से नींद पर कोई असर पड़ता है?
जवाब- खाने और सोने के बीच लंबा गैप रखने से भोजन आसानी से पचता है और नींद की क्वालिटी बेहतर होती है।
सवाल- क्या सोने से 6–7 घंटे पहले प्रोटीन डाइट लेना ठीक है?
जवाब- हां बिल्कुल! सोने से 6–7 घंटे पहले प्रोटीन डाइट लिया जा सकता है। इसे पचाने के लिए शरीर के पास पर्याप्त समय होता है।
सवाल- खाने के बाद तुरंत सो जाएं तो क्या होगा?
जवाब- खाने के बाद तुरंत सोने से खाना सही तरीके से पच नहीं पाता है। इससे गैस, अपच, हार्ट बर्न और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा नींद प्रभावित होती है। खाने के तुरंत बाद सोने से कैलोरी बर्न नहीं हो पाती। इससे वजन भी बढ़ सकता है।
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