सेहतनामा- मोटापा कम करने को लेकर जगी नई उम्मीद:  भारत में लॉन्च हुई वेट-लॉस ड्रग मौन्जारो; 2.5 mg इंजेक्शन 3,500 रुपए में, जानें साइड इफेक्ट्स
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सेहतनामा- मोटापा कम करने को लेकर जगी नई उम्मीद: भारत में लॉन्च हुई वेट-लॉस ड्रग मौन्जारो; 2.5 mg इंजेक्शन 3,500 रुपए में, जानें साइड इफेक्ट्स

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11 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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मोटापा कम करने वाली और एंटी-डायबिटिक दवा मौन्जारो भारत में लॉन्च हो गई है। इसे भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन यानी CDSCO से मंजूरी मिल गई है। इसे अमेरिकी दवा कंपनी एली लिली एंड कंपनी ने लॉन्च किया है।

मौन्जारो वेट लॉस से जुड़े कमाल के फायदों के लिए जानी जाती है, लेकिन ऐसी ही कई मोटापे कम करने वाली दवाओं को लेकर लंबे समय से विवाद है कि दवा खाकर मोटापा कम करना कितना ठीक है। वेट लॉस दवाओं के साइड इफेक्ट्स को लेकर देश-दुनिया के कई बड़े डॉक्टर्स चिंता जता चुके हैं।

इसके बावजूद दुनिया के सबसे अमीर शख्स और टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क इसकी वकालत कर चुके हैं। चेल्सी हैंडलर और ट्रेसी मोर्गन सरीखे कई हॉलीवुड स्टार्स भी इस बात को भरे मंच से स्वीकार भी कर चुके हैं कि वे वेट मैनेजमेंट के लिए वेट-लॉस ड्रग्स लेते हैं।

इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज मौन्जारो की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • यह कैसे काम करती है?
  • क्लिनिकल ट्रायल में क्या पता चला?
  • इसकी कीमत क्या होगी?
  • मौन्जारो लेने के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

भारत में मोटापे का संकट

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में भारत में बढ़ रहे मोटापे को लेकर चिंता जताई थी। साल 2021 में भारत सरकार द्वारा किए गए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, भारत के लगभग 23% पुरुषों और 24% महिलाओं का वजन सामान्य से ज्यादा है। इसका मतलब है कि भारत मोटापे के संकट से जूझ रहा है। यह मोटापा कई जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन सकता है। ऐसे में सवाल बनता है कि क्या वेट-लॉस ड्रग मौन्जारो इस संकट को टाल सकती है।

मौन्जारो क्या है?

मौन्जारो एक दवा है, जिसे अमेरिकी फार्मा कंपनी एली लिली ने विकसित किया है। इसे टाइप-2 डायबिटीज और मोटापे के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

मौन्जारो कैसे काम करती है?

डाइटीशियन जया ज्योत्सना कहती हैं कि जब हम खाना खाते हैं तो शरीर में GLP-1 यानी ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 और GIP यानी ग्लूकोज-निर्भर इंसुलिनोट्रोपिक पॉलीपेप्टाइड नाम के दो हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं। ये हार्मोन इंसुलिन लेवल को बढ़ाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और भूख को कम करके पेट भरा होने का एहसास दिलाते हैं।

मौन्जारो इन दोनों हार्मोन्स की सिंथेटिक यानी कृत्रिम कॉपी है। इसे खाने पर यह इंसुलिन उत्पादन बढ़ाकर ब्लड शुगर कंट्रोल करती है और भूख को दबाती है, जिससे कम खाना खाने की इच्छा होती है। यही कारण है कि इसे वजन घटाने की दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

क्लिनिकल ट्रायल में क्या पता चला?

मौन्जारो पर 2 मेजर ग्लोबल क्लिनिकल ट्रायल किए गए-

वेट-लॉस के लिए

इस स्टडी में 2,539 ज्यादा वजन या मोटापे से ग्रस्त वयस्कों को शामिल किया गया। इन लोगों ने डाइट और एक्सरसाइज के साथ मौन्जारो लिया। इसका 72 हफ्तों में काफी वजन घट गया।

  • 15 mg की हाई-डोज लेने वालों का औसतन 21.8 किलो वजन कम हुआ।
  • 5 mg की न्यूनतम खुराक लेने वालों का औसतन 15.4 किलो वजन कम हुआ।

डायबिटीज कंट्रोल के लिए

इस स्टडी में मौन्जारो को अन्य डायबिटीज की दवाओं के साथ आजमाया गया। 40 हफ्तों तक किए गए क्लिनिकल टेस्ट में पता चला कि यह ब्लड शुगर (A1C) के लेवल को 2.4% तक कम करने में प्रभावी रही।

इसका मतलब है कि मौन्जारो न केवल वजन कम करने में बल्कि डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी मददगार है।

भारत में मौन्जारो की कीमत क्या होगी?

मौन्जारो की शुरुआती खुराक 2.5 mg पर इसकी मासिक कीमत 14 हजार रुपये है। हफ्ते में एक खुराक यानी महीने में 4 खुराक लेनी होती हैं।

  • 2.5 mg की सिंगल-डोज वायल की कीमत 3,500 रुपये है।
  • वहीं 5 mg के इंजेक्शन की कीमत 4,375 रुपये है।

क्या मौन्जारो के कोई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

डाइटीशियन जया ज्योत्सना कहते हैं कि वेट लॉस ड्रग मौन्जारो या ऐसी कसभी वेट लॉस दवाओं के कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं। ये दवाएं हमें भूख का एहसास कराने वाले हॉर्मोन्स को संतुलित करती हैं, लेकिन ये हमारे मेटाबॉलिक रेट को धीमा करके पाचन को भी धीमा कर देती हैं। अब जबकि हमारे पेट में खाना इतनी देर से पचेगा तो भोजन करने की इच्छा ही नहीं होगी। लंबे समय तक ये दवाएं खाने से मेटाबॉलिज्म बुरी तरह प्रभावित हो सकता है और खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है। इन खतरों को लेकर देश-दुनिया के डॉक्टर्स कई बार आगाह कर चुके हैं।

मौन्जारो से जुड़े कॉमन सवाल और जवाब

सवाल: मौन्जारो किसके लिए है?

जवाब: मौन्जारो उन लोगों के लिए है जिन्हें टाइप-2 डायबिटीज है या जो मोटापे (Obesity) से जूझ रहे हैं और वजन कम करना चाहते हैं।

सवाल: क्या मौन्जारो सेफ है?

जवाब: हां, इसे ग्लोबल स्टडी और क्लिनिकल ट्रायल्स में इस काफी प्रभावी और सुरक्षित पाया गया है। हालांकि कोई भी वेट-लॉस ड्रग डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेनी चाहिए।

सवाल: मौन्जारो को कब और कैसे लेना चाहिए?

जवाब: भारत में यह इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है और इसे सप्ताह में एक बार लेने की सलाह दी गई है। हालांकि, किसी के लिए डोज की सही मात्रा क्या होगी, यह डॉक्टर तय करेंगे। इसका फैसला पेशेंट के वजन और उसकी ओवरऑल हेल्थ के हिसाब से किया जाता है।

सवाल: क्या मौन्जारो से तुरंत वजन कम हो जाता है?

जवाब: नहीं, ऐसा नहीं होता है। इंजेक्शन लेने के बाद वजन कम होने में कई हफ्ते या कुछ महीनों का समय लग सकता है। इसे डाइट और एक्सरसाइज के साथ लेना ज्यादा फायदेमंद होता है।

सवाल: मौन्जारो के इंस्टैंट संभावित साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

जवाब: इसके कारण कुछ लोगों को मतली, उल्टी, कब्ज, डायरिया, थकान या सिरदर्द हो सकता है। अगर कोई गंभीर समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ……………….. सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… सेहतनामा- BMI से नहीं पता चलता मोटापा:हर 8वां इंसान ओबीज, WHO ने बताया अगली महामारी, आज से ही वजन घटाना शुरू करें

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, मोटापा एपिडेमिक बन गया है। एपिडेमिक का मतलब है ऐसी बीमारी, जो दुनिया में बहुत तेजी से फैल रही है। मोटापे की वजह से जानलेवा बीमारियों की जद में आकर हर साल 28 लाख वयस्कों की मौत हो रही है। पूरी खबर पढ़िए…

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