सेहत के लिए खतरनाक है मिलावटी कुट्टू का आटा:  व्रत में खरीदते वक्त रखें खास ध्यान, घरेलू टिप्स से जाचें आटा शुद्ध है या नहीं
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सेहत के लिए खतरनाक है मिलावटी कुट्टू का आटा: व्रत में खरीदते वक्त रखें खास ध्यान, घरेलू टिप्स से जाचें आटा शुद्ध है या नहीं

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8 घंटे पहले

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30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। यह नौ दिवसीय पर्व शक्ति की उपासना का प्रतीक है। हिंदू परंपराओं के मुताबिक, व्रत रखने वाले लोग अनाज का सेवन नहीं करते हैं। इसलिए कुट्टू और सिंघाड़े का आटा जैसी व्रत में खाई जाने वाली चीजों का इस्तेमाल बढ़ जाता है। यह न केवल व्रत के लिए, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। हालांकि हर साल कुट्टू के आटे में मिलावट की शिकायतें भी सामने आती हैं।

बीते दिनों उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में महाशिवरात्रि के व्रत के बाद कुट्टू के आटे से बनी चीजें खाने वाले 12 लोग बीमार हो गए थे। इसमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल थे, जिन्होंने कुट्टू के आटे की पूड़ी और पकौड़ियां खाई थीं।

इसलिए कुट्टू के आटा खरीदने से पहले बेहद सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। साथ ही घर पर कुछ आसान तरीकों से इसकी शुद्धता की जांच की जा सकती है।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि मिलावटी कुट्टू के आटे की पहचान कैसे करें? साथ ही जानेंगे कि-

  • मिलावटी कुट्टू का आटा सेहत के लिए कितना नुकसानदायक है?
  • कुट्टू का आटा खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

एक्सपर्ट: डॉ. अमृता मिश्रा, सीनियर डाइटीशियन, नई दिल्ली चतुर्भुज मीना, रिटायर्ड फूड सेफ्टी एनालिस्ट, रांची

सवाल- कुट्टू का आटा कैसे बनता है? जवाब- कुट्टू (Buckwheat) का पौधा 2 से 4 फीट ऊंचा होता है, जो देखने में चने के पौधे जैसा लगता है। कुट्टू के बीजों को पहले सुखाया जाता है, फिर इन्हें पीसकर आटा बनाया जाता है। यह बीजों से बनने के कारण पूरी तरह से फलाहारी होता है। इसलिए इसे व्रत के दौरान खाया जाता है। इसकी फसल ठंडे और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अच्छी होती है। भारत में यह मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में उगाया जाता है।

सवाल- मिलावटी कुट्टू का आटा खाने से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं? जवाब- सीनियर डाइटीशियन डॉ. अमृता मिश्रा बताती हैं कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि कुट्टू के आटे में किन चीजों की मिलावट की गई है। मिलावट के अलग-अलग प्रकार शरीर पर अलग असर डाल सकते हैं। जैसे अगर आटे में खराब क्वालिटी का आटा मिलाया गया है तो पेट में दर्द, उल्टी, मतली और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं अगर कुट्टू के आटे में गेहूं, बेसन या अन्य अनाज मिलाए गए हैं तो इससे पेट फूलने, गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याएं पैदा हो सकती है।

अगर आटे में कोई टॉक्सिक पदार्थ मिलाया गया है तो इससे खुजली, स्किन रैशेज, सूजन और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। असली कुट्टू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, लेकिन अगर इसमें चावल का आटा, स्टार्च या अन्य सस्ते अनाज मिलाए गए हैं तो यह ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि मिलावटी आटा खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

सवाल- मिलावटखोर कुट्टू के आटे में किन-किन चीजों की मिलावट करते हैं? जवाब- मिलावटखोर कुट्टू के आटे में सस्ते और आसानी से उपलब्ध अनाज या अन्य पदार्थ मिलाते हैं, जिससे लागत कम हो और ज्यादा मुनाफा कमा सकें। आमतौर पर आटे की मात्रा बढ़ाने के लिए मक्का, चावल, गेहूं का खराब क्वालिटी का आटा मिलाया जाता है। इससे कुट्टू के आटे की मात्रा बढ़ाई मिलाया जाती है, लेकिन यह व्रत में वर्जित होता है।

कुछ व्यापारी आटे को ज्यादा आकर्षक दिखाने के लिए हल्का भूरा या ग्रे रंग का केमिकल मिलाते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।

सवाल- असली और मिलावटी कुट्टू के आटे की पहचान कैसे कर सकते हैं? जवाब- नवरात्रि व्रत और हेल्दी डाइट में इस्तेमाल होने वाले कुट्टू के आटे की शुद्धता को लेकर कई बार सवाल उठते हैं। बाजार में मिलावट की संभावना को देखते हुए एक्सपर्ट्स कुछ आसान तरीकों से इसकी पहचान करने की सलाह देते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- क्या खुले में बिकने वाला कुट्टू का आटा सुरक्षित होता है? जवाब- खुले में बिकने वाला कुट्टू का आटा कई कारणों से कम सुरक्षित हो सकता है। फूड एक्सपर्ट चतुर्भुज मीणा के अनुसार बिना पैकेट और सीलिंग के खुले में रखा आटा नमी, धूल, बैक्टीरिया और मिलावट के संपर्क में आ सकता है, जिससे उसकी क्वालिटी पर असर पड़ता है।

इसके अलावा खुले में बिकने वाले आटे में मैदा या अन्य सस्ते आटे की मिलावट की संभावना अधिक होती है। इससे इसकी शुद्धता प्रभावित हो सकती है।

सवाल- कुट्टू का आटा कितने दिनों में खराब हो सकता है? जवाब- कुट्टू का आटा नमी, तापमान और गलत स्टोरेज की वजह से जल्दी खराब हो सकता है। फूड एक्सपर्ट के अनुसार, इसकी शेल्फ लाइफ अन्य आटों की तुलना में कम होती है क्योंकि इसमें नेचुरल तेल अधिक मात्रा में होते हैं, जो जल्दी ऑक्सीडाइज हो सकते हैं। अगर आटे को सही तरीके से स्टोर नहीं किया जाए या कंटेनर में नमी चली जाए तो इसमें फफूंद और बैक्टीरिया पनप सकते हैं।

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