तमिलनाडु में चल रहे भाषा विवाद के बीच स्टालिन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बजट के दौरान सरकार ने ‘₹’ का सिंबल हटाते हुए उसे ‘ரூ’ सिंबल से रिप्लेस कर दिया है। पूरे देश में रुपये को सिंबल को आधिकारिक तौर पर अपनाया जाता है। अब स्टालिन सरकार अलग सिंबल लेकर आई है। बजट के दौरान उसने नया सिंबल भी जारी किया है। देशभर में रुपये का नया सिंबल जारी होने के बाद से यह पहला राज्य है जिसने अलग सिंबल जारी किया है।
स्टालिन सरकार का यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब हिंदी को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चला आ रहा है। पिछले दिनों एमके स्टालिन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि ‘पूरे देश में हिंदी पहचान की कोशिश के कारण प्राचीन भाषाएं खत्म हो रही हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश कभी भी हिंदी के इलाके नहीं रहे। अब उनकी मूल भाषा अतीत का प्रतीक चिन्ह बनकर रह गई हैं।’
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद तब सामने आया था जब केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की थी। एनईपी 2020 में प्रस्तावित तीन भाषा फॉर्मूला कहता है कि छात्रों को तीन भाषाएं सीखनी चाहिए, जिनमें से कम से कम दो भारतीय मूल भाषा होनी चाहिए। यह फॉर्मूला सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों पर लागू होगा और राज्यों को बिना किसी दबाव के भाषाएं चुनने की छूट देता है। हालांकि इसमें छूट दी गई है कि राज्य पर कोई भी भाषा नहीं थोपी जाएगी।
केंद्र के इस कदम को स्टामिन सरकार ने’भगवा नीति’ बताया था। तमिलनाडु सरकार ने जब नई शिक्षा नीति के प्रमुख पहलुओं खासतौर पर तीन भाषा फॉर्मूले को लागू करने से इनकार कर दिया तो केंद्र सरकार ने राज्य को समग्र शिक्षा अभियान (SSA) के तहत दी जाने वाली सहायता राशि की 573 करोड़ रुपये की पहली किस्त पर रोक लगा दी। इसके बाद से स्टानिल केंद्र पर भड़के हुए हैं।