हरिद्वार12 घंटे पहले
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हम ईश्वर से अलग नहीं हैं, उसकी शक्ति, विभूति, दिव्यताएं और जो कुछ भी ईश्वर के पास श्रेष्ठ और पवित्र है, वह सब अंश रूप में हमारे पास भी है। हम ईश्वर के अंश हैं। हमारे विचारों में भले ही ईश्वर न रहे, लेकिन हम ईश्वर से कभी भी अलग नहीं हो सकते हैं।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे विचारों में पवित्रता कैसे आती है?
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