गणेश चतुर्थी व्रत बुधवार, 18 तारीख को किया जाएगा। ये व्रत भगवान गणेश के निमित्त किया जाता है। इस दिन भक्त दिनभर निराहार रहते हैं, गणेश जी की विशेष पूजा करते हैं, भगवान की कथाएं पढ़ते-सुनते हैं और शाम को चंद्र दर्शन के बाद चंद्र पूजा और गणेश पूजा करके व्रत पूरा करते हैं।
पौष मास की पहली एकादशी यानी सफला एकादशी गुरुवार, 26 दिसंबर को रहेगी। ये व्रत भगवान विष्णु के निमित्त किया जाता है। इस दिन किए गए व्रत और पूजा-पाठ से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करना चाहिए।
पौष मास की अमावस्या सोमवार, 30 दिसंबर को रहेगी। सोमवार को अमावस्या होने से इसका नाम सोमवती अमावस्या है। इस दिन पितरों के लिए धूप-ध्यान खासतौर पर किया जाता है। सोमवार और अमावस्या के योग में भगवान शिव का विशेष अभिषेक करें। शिवलिंग पर जल, दूध और पंचामृत चंढ़ाएं। शिवलिंग पर चंदन का लेप करें। धूप-दीप जलाएं और आरती करें।
विनायकी चतुर्थी व्रत शुक्रवार, 3 जनवरी 2025 को किया जाएगा। ये व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए किया जाता है। इस दिन गणेश जी का विशेष पूजन करें। भगवान को दूर्वा और मोदक चढ़ाएं। ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जप करें।
पौष मास की दूसरी एकादशी का नाम पुत्रदा एकादशी है। ये व्रत शुक्रवार, 10 जनवरी को किया जाएगा। माना जाता है कि ये व्रत करने से भक्त की संतान को सुख मिलता है। संतान से जुड़ी समस्याएं दूर करने की कामना से पुत्रदा एकादशी व्रत करते हैं।