2025 की शुरुआत में भी मंगल रहेगा वक्री:  भूमि पुत्र और ग्रहों के सेनापति हैं मंगल देव, इस ग्रह की पूजा होती है शिवलिंग रूप में
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2025 की शुरुआत में भी मंगल रहेगा वक्री: भूमि पुत्र और ग्रहों के सेनापति हैं मंगल देव, इस ग्रह की पूजा होती है शिवलिंग रूप में

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37 मिनट पहले

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7 दिसंबर को मंगल कर्क राशि में वक्री हो गया है। ये ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है, ये नौ ग्रहों का सेनापति भी है। मंगल की चाल बदलने से सभी 12 राशियों पर इस ग्रह का असर बदला है।

मंगल अब वक्री हो गया है यानी ये ग्रह अब पीछे की ओर चल रहा है और वक्री रहते हुए ये ग्रह 21 जनवरी 2025 मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। 24 फरवरी को मंगल मिथुन राशि में मार्गी हो जाएगा और आगे की बढ़ने लगेगा। मंगल 2 अप्रैल को कर्क में फिर से आ जाएगा। मंगल नए वर्ष 2025 की शुरुआत में वक्री रहेगा।

नौ ग्रहों में मंगल का विशेष स्थान है। जब नवग्रहों की पूजन होती है, उस समय दक्षिण दिशा में मंगल की स्थापना करते हैं। मान्यता है कि मंगल भूमि पुत्र हैं। मंगल ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था। मंगल की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी ने मंगल को एक ग्रह होने का वर दिया। ये ग्रह पूर्व दिशा में उदय है और पश्चिम में अस्त हो जाता है। मंगल का एक नाम भौम भी है। मंगल को लाल ग्रह भी कहते हैं, क्योंकि ये लाल दिखाई देता है। जानिए मंगल से जुड़ी खास बातें…

मत्स्य पुराण में मंगल के बारे में लिखा है कि-

रक्तमाल्याम्बरधर: शक्तिशूलगदाधर:।

चतुर्भज: रक्तरोमा वरद: स्याद् धरासूत:।।

इस श्लोक में मंगल का स्वरूप बताया गया है। भूमि पुत्र मंगल के चार हाथ हैं। मंगल का शरीर लाल दिखाई देता है। मंगल अपने तीन हाथों में शक्ति, त्रिशूल और गदा धारण किए रहते हैं, एक हाथ वरमुद्रा है।

शिवलिंग रूप में की जाती है मंगल की पूजा

मंगल की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। मंगल का जन्म स्थान उज्जैन (मप्र) है। उज्जैन में मंगल के जन्मस्थान के रूप में दो मंदिरों में पूजा की जाती है, पहला मंगलनाथ मंदिर और दूसरा अंगारेश्वर महादेव मंदिर। ये दोनों मंदिर पास-पास ही हैं।

मंगल के लिए खासतौर पर भातपूजा होती है। इस पूजा में शिवलिंग का पके हुए चावल से श्रृंगार किया जाता है और फिर विधिवत आरती की जाती है।

मंगल ग्रह की पूजा में शिवलिंग पर लाल गुलाल, लाल फूल और लाल वस्त्र चढ़ाने की परंपरा है। इनके साथ ही शिवलिंग पर लाल मसूर भी चढ़ाते हैं।

ऊँ भौं भौमाय नम: और ऊँ अं अंगारकाय नमः मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र जप कम से कम 108 बार करें। जप की संख्या ध्यान रखने के लिए रुद्राक्ष की माला का इस्तेमाल करना चाहिए।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए वक्री मंगल का आपकी राशि पर कैसा असर हो सकता है…

मेष
  • चतुर्थ वक्री मंगल परेशानी दे सकता है। योजनाएं विफल हो सकती हैं और लेनदार आपको परेशान करेंगे।
  • विवादित मामलों से आपको पीछे हटना पड़ सकता है। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सावधानी बरतें।
वृष
  • तृतीय राशि में वक्री मंगल से फिलहाल कोई परेशानी आने की संभावना नहीं है।
  • योजनाओं में सफलता मिलेगी और लक्ष्य पूरे होंगे। नए बिजनेस ऑफर मिल सकते हैं।
मिथुन
  • द्वितीय वक्री मंगल परेशानियों को खत्म करेगा और लंबे समय से अटके काम पूरे होंगे।
  • आय का आधार मजबूत होगा और पहले से छूटे हुए काम भी संभल सकते हैं।
कर्क
  • इस राशि में वक्री मंगल गोचर कर रहा है। वक्री मंगल से कोई नुकसान नहीं होगा।
  • आपको खुशी और शुभ समाचार प्राप्त होंगे। मान-सम्मान मिलेगा और आपका प्रभाव बढ़ेगा। नए कार्य होंगे।
सिंह
  • द्वादश वक्री मंगल की वजह से सावधान रहने का समय है। शांति और धैर्य के साथ समय बिताएं।
  • विरोधी हावी होने की कोशिश करेंगे। उनका सामना गुप्त योजनाओं और ठंडे दिमाग से ही किया जा सकता है।
कन्या
  • एकादश वक्री मंगल शुभ रहेगा। नई जमीन, मकान, फ्लैट खरीदने का मन बनेगा और सफलता भी मिल सकती है।
  • सरकार से काम में मदद मिलेगी। व्यापार बढ़ेगा और लाभ भी बढ़ेगा।
तुला
  • मंगल इस राशि से दशम होकर वक्री है। ये आपको भूमि से विशेष लाभ पहुंचाएगा।
  • वाहन सुख मिलेगा और किसी बड़े काम में सफलता मिलेगी।
वृश्चिक
  • वक्री मंगल नवम होकर आपके लिए सामान्य रहेगा। लाभ-हानि बराबर रहेंगे।
  • रिश्तेदारों में विवाद हो सकता है, जमीन के सौदों से बचने का प्रयास करें।
धनु
  • मंगल के अष्टम राशि में वक्री होने से विवाद से बचने का प्रयास करें। हनुमान जी की पूजा करने से नुकसान से बच सकते हैं।
  • बाएं पैर में दर्द रहेगा और अनावश्यक चिंताएं बढ़ेंगी। मदद मिलेगी।
मकर
  • वक्री मंगल की सप्तम में पूर्ण दृष्टि रहेगी और इसका प्रभाव बढ़ेगा और आपको अपने सभी कार्यों में सफलता मिलेगी।
  • कोर्ट-कचहरी और अन्य विवादित मामलों में सफलता मिलेगी। नए कार्यों में सफलता मिलेगी।
कुंभ
  • छठा वक्री मंगल स्वास्थ्य लाभ देगा। लंबित कार्यों में गति आएगी। नई योजनाएं भी बनेंगी।
  • विवाद समाप्त होंगे और सुखद समाचार प्राप्त होंगे।
मीन
  • पांचवां वक्री मंगल शुभ समाचार दिलाएगा। सफलता मिलेगी। भूमि से लाभ होगा और व्यापार में उन्नति होगी।
  • कुंवारों के लिए विवाह के अवसर भी बनेंगे। प्रेम में भी सफलता मिलेगी।

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