25 जून बाजार के लिए अहम, रिवर्सल दिख सकता है:  एक्सपर्ट से जानें ट्रेडिंग के लिए खास-समय और लेवल; 5 फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल
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25 जून बाजार के लिए अहम, रिवर्सल दिख सकता है: एक्सपर्ट से जानें ट्रेडिंग के लिए खास-समय और लेवल; 5 फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल

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मुंबई4 घंटे पहले

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शेयर बाजार के लिए 23 जून से शुरू होने वाला हफ्ता अहम होने वाला है। इजराइल-ईरान युद्ध और विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री से लेकर टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे।

इसके अलावा वेल्थ-व्यू एनालिटिक्स ने अपनी वीकली मार्केट आउटलुक रिपोर्ट में कुछ खास समय और स्तर बताए हैं, जो ट्रेडर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

चलिए समझते हैं कि अगले हफ्ते बाजार में क्या हो सकता है…

निफ्टी के अहम स्तर

सपोर्ट जोन: 24,978 | 24,856 | 24,676 | 24,538

सपोर्ट यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को नीचे गिरने से सहारा मिलता है। यहां खरीदारी बढ़ने से कीमत आसानी से नीचे नहीं जाती। इन स्तरों पर खरीदारी का मौका मिल सकता है।

रेजिस्टेंस जोन: 25,145 | 25,322 | 25,434

रेजिस्टेंस यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को ऊपर जाने में रुकावट आती है। ऐसा बिकवाली बढ़ने से होता है। अगर निफ्टी रजिस्टेंस जोन को पार करता है, तो नई तेजी आ सकती है।

25 जून के आस-पास बाजार में रिवर्सल दिख सकता है

रिपोर्ट के मुताबिक, 25 जून (±1 ट्रेडिंग डे) एक बड़ा टाइम-साइकिल है, जिसके आसपास बाजार में रिवर्सल या मोमेंटम में बड़ा शिफ्ट देखने को मिल सकता है। 24-26 जून के बीच ट्रेंड एग्जॉशन या ब्रेकआउट के सिग्नल्स मिल सकते हैं। ट्रेडर्स को इस दौरान अलर्ट रहना चाहिए।

बीते हफ्ते की रिपोर्ट का एनालिसिस

वेल्थ-व्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हरशुभ शाह ने कहा कि हमारी बीते हफ्ते की रिपोर्ट में जो टाइम और लेवल्स बताए गए थे, बाजार ने ठीक वैसा ही प्रदर्शन किया।

  • सोमवार, 16 जून: सुबह 9:45 बजे का टाइम दिया था। ठीक उसी वक्त निफ्टी में दिन का निचला लेवल बना। फिर 1:30 बजे के दूसरे टाइम स्लॉट में डे हाई बना।
  • मंगलवार, 17 जून: सुबह 9:20 बजे का टाइम बताया था और उसी के आसपास दिन का हाई बना। इसके बाद 12:45 बजे के दूसरे टाइम स्लॉट में निफ्टी में तेज गिरावट आई।
  • बुधवार, 18 जून: इस दिन केवल दोपहर 2:30 बजे का टाइम दिया गया था। ठीक उसी के आसपास दिन का लो बना। इसके बाद बाजार यहां से तेजी से चढ़कर बंद हुआ।
  • गुरुवार, 19 जून: दिन का हाई सुबह 9:45 बजे बना, लेकिन रिपोर्ट में 10:25 बजे का टाइम दिया गया था। यानी, 30 मिनट का फर्क रहा। ऐसा कभी-कभी हो सकता है।
  • शुक्रवार, 20 जून: निफ्टी में तेजी सुबह 9:45 बजे शुरू हुई, जो दिए टाइम स्लॉट के बिल्कुल करीब थी। इस दिन सेंसेक्स 1046 अंक जबकि निफ्टी 319 अंक चढ़कर बंद हुआ था।

अब 5 फैक्टर्स जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं…

1. इजरायल-ईरान युद्ध: मिडिल ईस्ट में चल रहा तनाव ग्लोबल मार्केट्स के लिए बड़ा रिस्क है। इजराइल के बाद हाल ही में अमेरिका ने भी ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर हमले किए, जिससे क्रूड ऑयल की कीमतें 18% तक बढ़ चुकी है।

अगर ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने की कोशिश करता है या अमेरिकी मिलिट्री बेस पर हमला होता है, तो तेल की कीमतें और उछल सकती हैं। इससे भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए महंगाई बढ़ने का खतरा है, जो शेयर बाजार के लिए निगेटिव हो सकता है।

ईरानी हमलों में सेंटर इजराइल की कई बिल्डिंग तबाह हुई हैं, इस दौरान लोगों को रेस्क्यू करने के लिए टीम पहुंची।

ईरानी हमलों में सेंटर इजराइल की कई बिल्डिंग तबाह हुई हैं, इस दौरान लोगों को रेस्क्यू करने के लिए टीम पहुंची।

2. विदेशी निवेशकों (FIIs) का रुख: FIIs ने 20 जून को भारतीय बाजार में 7,940.70 करोड़ रुपए की खरीदारी की। ये इस साल का तीसरा सबसे बड़ा सिंगल-डे इन-फ्लो है। ये लगातार चौथी दिन था जब FIIs ने भारतीय बाजार में शेयर खरीदे।

वहीं डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (DIIs) भी हर गिरावट पर खरीदारी कर रहे हैं। DIIs ने पिछले 4 ट्रेडिंग सेशन्स में 19,800 करोड़ रुपए की खरीदारी की। अगर FIIs और DIIs की खरीदारी जारी रहती है, तो यह बाजार के लिए पॉजिटिव संकेत है।

3. भारत-अमेरिका ट्रेड डील: जुलाई के अंत तक भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील फाइनल होने की उम्मीद है। अगर ये डील समय पर होती है, तो ये बाजार के लिए बड़ा पॉजिटिव ट्रिगर होगा। फरवरी 2025 में भारत-अमेरिका ने पहले फेज की ट्रेड डील पर बातचीत शुरू की थी।

4. अमेरिका का मैक्रो डेटा: US GDP ग्रोथ डेटा और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर फैसला इस हफ्ते निवेशकों के रडार पर रहेगा। अगर अमेरिकी इकोनॉमी में स्लोडाउन के संकेत मिलते हैं, तो डॉलर कमजोर हो सकता है, जिससे भारतीय बाजार में विदेशी फंड्स का फ्लो बढ़ सकता है।

5. टेक्निकल व्यू: रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा के अनुसार, निफ्टी एक बार फिर अपनी कंसॉलिडेशन रेंज के ऊपरी बैंड के करीब पहुंच गया है। उन्होंने कहा, “अगर निफ्टी 25,200 के स्तर से ऊपर बना रहा रहता है तो यह ब्रेकआउट की पुष्टि करेगा।

इससे 25,600–25,800 की रेंज में रैली की संभावना बन सकती है। नीचे की ओर 24,700 और 24,400 तत्काल और महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल के रूप में काम करेंगे।”

मेनबोर्ड सेगमेंट छह नए IPOs ओपन होंगे

इस हफ्ते मेनबोर्ड सेगमेंट में 6 नए IPO आने वाले हैं। इनमें कल्पतरु, एलेनबैरी इंडस्ट्रियल गैसेस, ग्लोब सिविल प्रोजेक्ट्स, एचडीबी फाइनेंशियल, संभव स्टील ट्यूब्स और इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेस जैसी कंपनियां शामिल है। ये IPOs निवेशकों का ध्यान खींच सकते हैं।

पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में रेंजबाउंड ट्रेडिंग दिखी

बीते हफ्ते शेयर बाजार की शुरुआत सुस्त रही, लेकिन बाद के हिस्से में बैंकिंग और आईटी जैसे भारी-भरकम सेक्टर्स की शानदार परफॉर्मेंस की वजह से बाजार में तेजी आई।

नतीजतन, बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स अपने वीक हाई के करीब बंद हुए। 20 जून को सेंसेक्स 1046 अंक जबकि निफ्टी 319 अंक चढ़कर 25,112 पर बंद हुआ।

अब आगे क्या हो सकता है

अगर इजराइल-ईरान के बीच डिप्लोमैटिक समझौता हो जाता है, तो इस हफ्ते बाजार में मजबूत तेजी आ सकती है। दूसरी ओर अगर तनाव और बढ़ता है तो क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका असर भारतीय बाजार पर पड़ेगा।

डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी और सीखने के लिए है। ऊपर दी गई राय और सलाह व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि दैनिक भास्कर की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि कोई भी निवेश फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।

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