26 दिसंबर को सफला एकादशी:  भगवान विष्णु के अभिषेक और व्रत के साथ ही तुलसी पूजा करने की परंपरा, गर्म कपड़ों का करें दान
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26 दिसंबर को सफला एकादशी: भगवान विष्णु के अभिषेक और व्रत के साथ ही तुलसी पूजा करने की परंपरा, गर्म कपड़ों का करें दान

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26 मिनट पहले

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गुरुवार, 26 दिसंबर को पौष कृष्ण एकादशी है, इसे सफला एकादशी कहते हैं। माना जाता है कि सफला एकादशी व्रत से भक्तों को सभी कामों में सफलता मिलती है। इस बार सफला एकादशी गुरुवार है, इस कारण भगवान विष्णु के साथ ही गुरु ग्रह की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। जानिए एकादशी पर कौन-कौन से शुभ काम करने की परंपरा है…

भगवान विष्णु के लिए करते हैं व्रत

एकादशी पर भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं। व्रत करने वाला व्यक्ति पूरे दिन निराहार रहता है, जो लोग भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार करते हैं और दूध का सेवन करते हैं।

व्रत करने वाले व्यक्ति को एकादशी की सुबह जल्दी जागना चाहिए और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। इसके बाद घर के मंदिर में गणेश पूजन के बाद भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का अभिषेक करें। विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करने के लिए दक्षिणावर्ती शंख में दूध भरें और फिर भगवान का अभिषेक करें। दूध के बाद जल अर्पित करें। वस्त्र और हार-फूल से श्रृंगार करें। गुलाल, अबीर, कुमकुम, चंदन आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।

सूर्यास्त के बाद करें तुलसी पूजन

एकादशी की सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं और शाम को सूर्यास्त के बाद तुलसी की पूजा करनी चाहिए।

एकादशी पर करें गर्म कपड़ों का दान

अभी ठंड का समय है, इसलिए एकादशी पर जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़ों का दान करें। आप चाहें तो कंबल का दान भी कर सकते हैं।

किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। गायों को हरी घास खिलाएं।

सफला एकादशी पर भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की कथाएं पढ़नी-सुननी चाहिए। कथाओं के सार को समझें और भगवान की सीख को जीवन में उतारने का संकल्प लें, तभी जीवन की सभी समस्याएं खत्म हो सकती हैं।

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