A refreshing story of new age love, Junaid-Khushi chemistry is commendable, film connects the youth | मूवी रिव्यू- लवयापा: नए दौर की मोहब्बत की ताजगी भरी कहानी, जुनैद-खुशी की केमेस्ट्री काबिले तारीफ, यूथ को कनेक्ट करती फिल्म
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A refreshing story of new age love, Junaid-Khushi chemistry is commendable, film connects the youth | मूवी रिव्यू- लवयापा: नए दौर की मोहब्बत की ताजगी भरी कहानी, जुनैद-खुशी की केमेस्ट्री काबिले तारीफ, यूथ को कनेक्ट करती फिल्म

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3 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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जुनैद खान और खुशी कपूर की फिल्म ‘लवयापा’ कल थिएटर में रिलीज हो रही है। अद्वैत चंदन के निर्देशन में बनी इस फिल्म में जुनैद खान और खुशी कपूर के अलावा आशुतोष राणा, कीकू शारदा और कुंज आनंद जैसे सितारों की अहम भूमिकाएं हैं। जुनैद खान और खुशी कपूर की यह पहली थिएटर रिलीज फिल्म है। इससे पहले जुनैद खान की फिल्म ‘महाराज’ और खुशी कपूर की ‘द आर्चीज’ ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई थी। फिल्म ‘लवयापा’ की लेंथ 2 घंटे 18 मिनट है। इस फिल्म को दैनिक भास्कर ने 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग दी है।

फिल्म की कहानी क्या है?

फिल्म की कहानी मॉडर्न लव, रिलेशनशिप और कमिटमेंट के बीच उलझते-समझते दो युवाओं की है। गौरव सचदेवा (जुनैद खान) और बानी (खुशी कपूर) एक दूसरे से प्यार करते हैं। जब गौरव और बानी के प्यार की खबर बानी के पिता (आशुतोष राणा) को लगती है, तो वो एक शर्त रख देते हैं कि दोनों अपना फोन आपस में बदल लेंगे। इस शर्त के साथ ही इनके प्यार की परीक्षा शुरू होती है। जब दोनों के सीक्रेट खुलते हैं, तो कहानी में एक नया मोड़ आता है। फिल्म की कहानी सिर्फ मोहब्बत की नहीं, बल्कि आत्म-खोज की भी है।

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?

जुनैद खान ने सहज अभिनय से दिल जीत लिया। खुशी कपूर अपनी मासूमियत और नेचुरल एक्टिंग से प्रभावित करती हैं। दोनों की केमेस्ट्री काबिले तारीफ है। ग्रुशा कपूर का काम कमाल का है। तो वहीं, कीकू शारदा अपने एक्टिंग से दिल जीत लेते हैं। आशुतोष राणा जितने कमाल के एक्टर हैं, उतना ही कमाल यहां उनकी अभिनय शैली में दिखा है।

डायरेक्शन कैसा है?

फिल्म की कहानी को डायरेक्टर अद्वैत चंदन ने रिफ्रेशिंग और आकर्षक अंदाज में पेश किया है। उन्होंने कलाकारों से उम्दा प्रदर्शन निकलवाया है। फिल्म के डायलॉग बहुत अच्छे हैं, वन लाइनर कमाल के हैं। एडिटिंग थोड़ी चुस्त हो सकती थी, क्योंकि कुछ सीन खिंचते हुए लगते हैं। इंटरवल के बाद फिल्म कहीं-कहीं स्लो हो जाती है। क्लाइमेक्स थोड़ा प्रेडिक्टेबल लगता है।

फिल्म का म्यूजिक कैसा है?

फिल्म का एक सॉन्ग ‘रहना कोल’ बहुत अच्छा है। जिसे जुबिन नौटियाल और जहरा एस खान ने गाया है। दोनों की आवाज का जादू गाने में साफ महसूस होता है। बाकी सॉन्ग सामान्य है। बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की कहानी को मजबूती देते हैं।

फिल्म का फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं

अगर आप मॉडर्न रिलेशनशिप्स और आत्म-खोज की कहानियों में दिलचस्पी रखते हैं, तो ‘लवयापा’ एक बेहतरीन विकल्प है। जुनैद और खुशी की फ्रेश केमिस्ट्री और अद्वैत चंदन का डायरेक्शन इसे देखने लायक बनाते हैं। यह फिल्म बॉडी शेमिंग पर भी एक अच्छा मैसेज देती है और आज की ऑनलाइन जिंदगी के लाइक्स और डिसलाक्स को भी अच्छे से समझाती है। यह फिल्म आज की युवा पीढ़ी को जरूर देखनी चाहिए। जो मोबाइल के चक्कर में रिश्ते को अहमियत नहीं देते हैं।



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