Ayodhya : महाशिवरात्रि पर बन रहे शुभ संयोग, रामनगरी में आएंगे लाखों श्रद्धालु, रेलवे ने किया इंतजाम
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Ayodhya : महाशिवरात्रि पर बन रहे शुभ संयोग, रामनगरी में आएंगे लाखों श्रद्धालु, रेलवे ने किया इंतजाम

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Ayodhya: Lakhs of devotees will gather on the auspicious occasion of Mahashivratri, Railways increased additio

अयोध्या में पहुंच रही है इन दिनों भारी भीड़।
– फोटो : अमर उजाला।

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महाशिवरात्रि का त्योहार और महाकुंभ का शुभ संयोग बन रहा है। इसमें स्नान-दान और भगवान शिव की आराधना का विशेष फल मिलने के साथ श्रद्धालुओं के पापों का नाश भी होगा। हालांकि विवाह के नक्षत्रों के अनुकूल न होने के कारण इस दिन मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। इस बार महाशिवरात्रि पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं।

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इस दिन त्रिग्रही योग के साथ शिव योग और सिद्ध योग का भी संयोग बन रहा है। इस बार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है और इस दिन श्रवण नक्षत्र का भी योग बन रहा है। महाशिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा व रुद्राभिषेक से सभी नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं। महाशिवरात्रि के दिन अगर रुद्राक्ष को ही धारण किया जाए या फिर उसकी पूजा की गई जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का अंतिम स्नान भी है। इस दिन रामनगरी में 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है।

आचार्य राकेश तिवारी ने कहा कि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। व्रत रखने वाले लोगों को भगवान शिव-पार्वती की आराधना करने से विशेष कृपा मिलती है। इसदिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने के साथ भगवान शिव को आक के पुष्प, बेलपत्र, धतूरा, दूध, दही, घी, गंगा जल अर्पण करने से श्रद्धालुओं का भाग्योदय होता है। शिव विवाह का आयोजन भी इस दिन धूमधाम से होगा। महाशिवरात्रि के दिन शिव चालीसा पाठ, रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन से भी भगवान की कृपा बरसती है।

आचार्य प्रवीण शर्मा ने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन सूर्य, बुध और शनि की युति बन रही है, इससे त्रिग्रही योग बन रहा है। यह योग सफलता और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन शिव योग और सिद्ध योग भी बन रहा है। इन योगों में की गई पूजा से मनोकामनाएं जल्दी पूर्ण होती हैं। भोले शंकर की पूजा अगर केवल जल, अक्षत और बिल्वपत्र से भी की जाए तो भी भोले शिवशंकर प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोले बाबा कहा जाता है। इस व्रत को करने से महादेव की कृपा जीवन भर बनी रहती है और अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।



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