Delhi Government Liquor Revenue: क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में एक साल में टैक्स से शराब और दूध के जरिये कितनी आय सरकार को प्राप्त हुई। रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने बताया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में शराब की बिक्री पर excise duty और VAT (value added tax) से उसे 5,068.92 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि दूध और दूध उत्पादों से GST के रूप में 209.9 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
दोनों आंकड़े इस साल फरवरी तक के हैं। दिल्ली सरकार ने यह भीबताया कि 2023-24 में दूध की बिक्री से करीब 300 करोड़ और 2022-23 में 365 करोड़ रुपये की आय हुई। बीजेपी विधायक अभय वर्मा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई।
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बीजेपी सरकार ने विधानसभा में यह भी जानकारी दी कि 2023-24 में शराब पर 5,164 करोड़, 2022-23 में 5,547 करोड़ रुपये और 2021-22 में 5,487 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में इकट्ठे किए गए। सरकार ने बताया कि नवंबर 2021 से अगस्त 2022 तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के द्वारा लाई गई नई शराब नीति लागू होने के कारण केवल निजी दुकानें ही शराब बेच सकती थीं। हालांकि, सितंबर 2022 में जब पुरानी शराब नीति को फिर से लागू किया गया तो सरकारी शराब की दुकानों को फिर से खोले जाने की इजाजत मिली।
दिल्ली सरकार ने बताया कि 2023-24 में दिल्ली में 21.27 करोड़ लीटर शराब बिकी यानी हर दिन 5.82 लाख लीटर। जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा 25.84 करोड़ लीटर था।
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नई आबकारी नीति पर हुआ था बवाल
याद दिलाना होगा कि नई आबकारी नीति के मामले में दिल्ली में अच्छा-खासा बवाल हो चुका है। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि नई आबकारी नीति के जरिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने जमकर भ्रष्टाचार किया। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को लंबे वक्त तक जेल में रहना पड़ा था।
यह मुद्दा दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी हावी रहा था। हालांकि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी ने आबकारी नीति में हुए भ्रष्टाचार के दावों का पूरी तरह खंडन किया था और कहा था कि बीजेपी मनगढ़ंत आरोप लगा रही है। विवाद के बाद तत्कालीन केजरीवाल सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस ले लिया था और पुरानी नीति को फिर से लागू किया था।
इस मुद्दे का असर विधानसभा चुनाव में भी होता हुआ दिखाई दिया था क्योंकि बीजेपी ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की थी। 70 सदस्यों वाली दिल्ली की विधानसभा में पार्टी ने 48 सीटें जीती थी जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस को इस बार भी कोई सीट नहीं मिली थी।
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