Fact Check: काली स्याही से भरे गए चेक पर RBI ने नहीं लगाया कोई प्रतिबंध, गलत दावा किया हो रहा वायरल
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Fact Check: काली स्याही से भरे गए चेक पर RBI ने नहीं लगाया कोई प्रतिबंध, गलत दावा किया हो रहा वायरल

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RBIs claim of banning cheques filled in black ink is wrong information

फैक्ट चेक
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर कुछ पोस्ट्स वायरल हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय बैंकों में अब काली स्याही से भरे गए चेक स्वीकार नहीं किए जाएंगे। वायरल दावे में यह भी कहा जा रहा है कि इस कदम से चेक द्वारा भुगतान करने की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित हो जाएगी और धोखाधड़ी की गतिविधियों पर रोक लगेगी।

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वायरल पोस्ट में इस दावे के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के प्रवक्ता का हवाला दिया जा रहा है। साथ ही दावा किया जा रहा है कि यह लेख टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित हुआ है।

क्या है दावा

बूम ने अपनी जांच में पाया कि ऐसा कोई लेख टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित नहीं हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भी ऐसा कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। इसके संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर Frequently asked questions (FAQ) सेक्शन में स्पष्ट किया गया है कि चेक भरने के लिए किसी विशेष रंग की स्याही का निर्धारण नहीं किया गया है।

टेक्स्ट आधारित इस गलत दावे वाली पोस्ट में 14 जनवरी 2025 के टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार के मुंबई संस्करण को जानकारी का स्त्रोत बताया गया है। पोस्ट में दावा किया गया है कि सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और धोखाधड़ी की गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से 1 जनवरी 2025 से काली स्याही से भरे गए चेक स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

ऐसा कोई लेख या सूचना उपलब्ध नहीं

बूम ने 14 जनवरी 2025 के टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार के मुंबई संस्करण को पढ़ा लेकिन अखबार में काली स्याही से भरे गए चेक को प्रतिबंधित करने से संबंधित कोई लेख नहीं था।

इसके बाद अपनी जांच में हम भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर पहुंचे, हमने वहां बैंक से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQ’S) की सूची को चेक किया। सूची में हमें 10 अक्टूबर 2022 को जारी चेक समाशोधन प्रणाली (Cheque Truncation System) नाम से जारी एक नोटिस मिला।

अक्सर पूछे गए प्रश्नों की सूची के बिंदु नंबर 08 में लिखा है कि चेक को भरने के लिए किसी विशिष्ट रंग की स्याही की आवश्यकता नहीं है।

इसके अलावा प्रेस सूचना ब्यूरो के फैक्ट-चेक विभाग ने भी वायरल दावे का फैक्ट चेक किया है। प्रेस सूचना विभाग ने स्पष्टीकरण देते हुए वायरल दावे को फर्जी बताया है।

(This story was originally published by BOOM as part of the Shakti Collective. Except for the headline and opening introduction para this story has not been edited by Amar Ujala staff)



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