Fact Check: क्या गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में किया बाबा साहब आंबेडकर का अपमान, जानें वायरल वीडियो का सच
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Fact Check: क्या गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में किया बाबा साहब आंबेडकर का अपमान, जानें वायरल वीडियो का सच

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Amit Shah did not insult Baba Saheb Ambedkar in Parliament

फैक्ट चेक
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में अमित शाह बाबा साहब आंबेडकर के बारे में कुछ कहते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में अमित शाह कहते हुए नजर आ रहे है कि अब तो आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर कहना फैशन हो गया है… इसकी जगह अगर भगवान का नाम लिया होता तो अब तक सात जन्मों के लिए स्वर्ग मिल गया होता। 

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क्या है दावा 

इस वीडियो को शेयर करके कई एक्स यूजर्स दावा कर रहे हैं कि अमित शाह ने बाबा साहब आंबेडकर का अपमान किया है। 

वीना जैन (@DrJain21) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “अमित शाह: अब आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर कहना फैशन बन गया है… इसके बजाय अगर आप भगवान का नाम लेते तो आपको अब तक 7 जन्मों के लिए स्वर्ग मिल गया होता। उन्हें लगता है कि लोग फैशन के लिए बाबा साहब का नाम लेते हैं, मनुवादी आरएसएस संघियों की खास मानसिकता। (पोस्ट को शब्दश: अनुवादित किया गया  है।) (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

 

तन्मय एल l T͞anmoy l (@tanmoyofc) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “अमित शाह ने आंबेडकर का अपमान किया” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

 

अक्षित (@CaptainGzb) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “गृह मंत्री अमित शाह संसद में आंबेडकर के नारे से स्पष्ट रूप से चिढ़े हुए दिख रहे हैं। यह इस बात का पर्याप्त सबूत है कि भाजपा भारत के सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों से कितनी नफरत करती है। घृणित! (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

 

इसी तरह के और पोस्ट आप यहां और यहां देख सकते है। 

पड़ताल 

इस वीडियो के बारे में जानने के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। यहां हमें यूट्यूब पर संसद टीवी पर 1 घंटे 30 मिनट का संसद की कार्यवाही का वीडियो मिला। इस वीडियो में हमें अमित शाह का बयान मिला। यहां ये हमें पता चला कि इस बयान को काट कर और छोटा करके शेयर किया जा रहा है। 

अमित शाह का पूरा भाषण सुनने पर हमें पता चला कि अमित शाह का आरोप था कि विपक्ष किस तरह राजनीतिक लाभ के लिए डॉ. आंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करता है, लेकिन उनके सिद्धांतों और नीतियों को लागू करने या उनका समर्थन करने में विफल रहता है।

पड़ताल का नतीजा

हमारी पड़ताल में ये साफ है कि वीडियो को क्रॉप करके शेयर करके भ्रामक दावा किया जा रहा है। 

 





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