सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल है, जिसमें चलती बस में कुछ युवकों को एक लड़की से छेड़छाड़ करते हुए दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इसे दिल्ली की घटना बताकर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में वायरल दावा गलत निकला। जांच में पता चला कि यह वीडियो स्क्रिप्टेड है, जिसे वास्तविक घटना बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या है दावा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर केआरके उर्फ कमाल खान ने 18 दिसंबर को एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “मैं ईश्वर का आभारी हूं कि मेरे बच्चे इस अपराधी समाज में नहीं रहते!@DCPSouthDelhi @DelhiPolice सरकार के खिलाफ बोलने वाले शिक्षित लोगों को गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन इन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती।” पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट देखें।
वहीं इसी वीडियो को शेयर कर एक अन्य यूजर ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी को टैग करते हुए लिखा, “जल्दी ढूंढे इन राक्षसों को दिल्ली में” पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट देखें।
पड़ताल
वायरल वीडियो के ‘की-फ्रेम्स’ को रिवर्स सर्च करने पर पीटीआई को अमन बेनीवाल के यूट्यूब चैनल पर मूल वीडियो अपलोड हुआ मिला। चैनल पर 23 फरवरी 2023 को वीडियो अपलोड किया गया था।
वीडियो को आगे बढ़ाने पर पीटीआई को 27 सेकंड पर एक डिस्क्लेमर मिला, जिसके अनुसार वीडियो कंटेंट केवल मनोरंजन के लक्ष्य से बनाया गया था. इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। वीडियो का लिंक और स्क्रीनशॉट देखें।
अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए पीटीआई को अमन बेनीवाल के यूट्यूब चैनल के कुछ और वीडियो देखे, जिसे देखने पर पीटीआई को पता चला कि अमन प्रैंक वीडियो बनाते हैं।
फेसबुक पर भी अमन ने खुद को डिजिटल क्रिएटर बताया हुआ है।
पड़ताल का नतीजा
पीटीआई की अभी तक जांच में यह साफ है कि वायरल वीडियो असली नहीं है। इसे केवल मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया था।
(This story was originally published by PTI as part of the Shakti Collective. Except for the headline and opening introduction para this story has not been edited by Amar Ujala staff)