सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश पुलिस की प्रशंसा करते हुए एक वीडियो यूजर्स शेयर रह रहे हैं। वीडियो में दो लड़के धारदार हाथियार लेकर सड़क पर दुकानदारों से मारपीट करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसके बार पुलिसकर्मी उनमें से एक को पकड़कर पिटाई कर देते हैं। इंटरनेट यूजर्स वीडियो को यूपी का बताकर शेयर कर रहे हैं।
पीटीआई फैक्ट चेक की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। हमारी जांच में पता चला कि वारयल वीडियो यूपी का नहीं बल्कि महाराष्ट्र का है, जहां धारदार हाथियार लहराने के आरोप में पुलिस ने आरोपियों को अरेस्ट किया था।
दावा:
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यूजर राजेश सिंह ने 21 फरवरी 2025 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “लिल्लाह !अब्दुल भूल गया था यूपी में “बाबा” जी कि सरकार है “यदमुल्ले” कि नहीं !” पोस्ट का लिंक आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
वहीं, एक अन्य यूजर ने एक्स पर ही 20 फरवरी 2025 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “वाह योगी जी की पुलिस जिहादी की बिरयानी बना दी” पोस्ट का लिंक आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
पड़ताल:
वायरल दावे का सच जानने के लिए डेस्क ने वीडियो के ‘की-फ्रेम्स’ को गूगल लेंस के जरिये रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें न्यूज वेबसाइट ‘MIRROR NOW’ पर 29 दिसंबर 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, रिपोर्ट में वायरल वीडियो का विजुअल मौजूद था। ‘MIRROR NOW’ की रिपोर्ट के अनुसार, “महाराष्ट्र के पुणे जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक समूह ने उत्पात मचाते हुए कई दुकानों में तोड़फोड़ कर दी। हथियारों से लैस इन बदमाशों ने इलाके में दहशत फैला दी।
यह घटना सिंहगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के पास हुई। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची, और आरोपियों को गिरफ्तार किया और कथित तौर पर उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटा। बदमाशों द्वारा की गई तोड़फोड़ का वीडियो वायरल हो गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बदमाश लाठियों से दुकानों के शीशे तोड़ रहे हैं। घटना के एक अन्य वीडियो में लोग डर के मारे चीखते हुए सड़कों पर इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं।” रिपोर्ट का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
पड़ताल की अगली कड़ी में हमें न्यूज वेबसाइट आज तक पर 30 दिसंबर 2022 को प्रकाशित एक अन्य मीडिया रिपोर्ट मिली, जिसके अनुसार, “पुणे शहर में कोयता गैंग की दहशत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। हाल में ही भारतीय विद्यापीठ पुलिस स्टेशन इलाके का वीडियो सामने आया है, जहां 28 दिसंबर को दो युवकों ने हाथ में चाकू और तेज हथियार लेकर दुकानों में जाकर लोगों को डरा धमका कर घायल कर दिया था।
जिसके बाद पुलिस को सूचना मिलती है कि बदमाशों की तलाश जारी कर दी गई है, लेकिन उसमें से एक बदमाश भाग निकलने में कामयाब रहा तो वहीं अन्य आरोपी की पुलिस ने पकड़कर पिटाई कर दी।” रिपोर्ट का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया यूजर्स यूपी में पुलिस द्वारा गुंडों को पकड़ने का बताकर जो वीडियो शेयर कर रहे है, असल में यह वीडियो महाराष्ट्र का है। जहां धारदार हाथियार लहराने के आरोप में पुलिस ने आरोपियों को अरेस्ट किया था।
दावा
हाथियार लहराने वाले आरोपियों को पुलिस ने किया अरेस्ट।
तथ्य
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में वायरल सोशल मीडिया पोस्ट फर्जी निकला।
निष्कर्ष
हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया यूजर्स यूपी में पुलिस द्वारा गुंडों को पकड़ने का बताकर जो वीडियो शेयर कर रहे है, असल में यह वीडियो महाराष्ट्र का है। जहां धारदार हाथियार लहराने के आरोप में पुलिस ने आरोपियों को अरेस्ट किया था।
(This story was originally published by PTI as part of the Shakti Collective. Except for the headline and opening introduction para this story has not been edited by Amar Ujala staff)