सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि एक साधु के लंबे बालों को काटा जा रहा है। उसके बालों को काटा जाता है और उसकी शेविंग भी की जाती है।
क्या है दावा
दयनीय अवस्था में सड़क पर घूम रहे एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में कुछ लोग उस शख्स के बाल काटते और शेविंग करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यूजर्स इस वीडियो को लेकर दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में मुस्लिमों ने एक हिंदू साधु की जटाएं काटकर उसे जबरन मुसलमान बना दिया है।
बूम ने जांच में पाया कि बांग्लादेश के वीडियो क्रिएटर महबूब सरकार की टीम ने दयनीय अवस्था में सड़क पर घूम रहे उस व्यक्ति को उसके परिवार से मिलाया था। वह व्यक्ति मुस्लिम परिवार से है। बूम ने वीडियो में दिख रहे शख्स रजाउल कबीर के भाई रोबिउल हुसैन से बात की जिन्होंने बताया कि उनका बीते कई दिनों से लापता था और ढाका के अस्पताल में उनका इलाज जारी है।
एक्स पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘बांग्लादेश मे मुस्लिमों द्वारा एक साधु की जटाएं काटकर मुसलमान बना दिया है।’
पड़ताल
बूम ने पाया कि बांग्लादेश में हिंदू साधु की जटाएं काटकर जबरन मुसलमान बना देने का सांप्रदायिक दावा गलत है। वीडियो क्रिएटर महबूब सरकार की टीम ने दयनीय अवस्था में सड़क पर घूम रहे उस व्यक्ति को उसके परिवार से मिलाया था। वह व्यक्ति मुस्लिम परिवार से है।
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो को गूगल लेंस से सर्च किया। बूम को Mahbub Creation 4 नाम के यूट्यूब चैनल पर 26 अक्टूबर 2024 को शेयर किया गया इसका मूल वीडियो मिला। वायरल वीडियो इसी से क्रॉप किया गया था।
बूम ने इस यूट्यूब चैनल के क्रिएटर महबूब सरकार का फेसबुक अकाउंट भी मिला, जिस पर भी यह वीडियो शेयर किया गया था। पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया, ’15 साल बाद उसने अपने बाल कटवाए और नहाया।’
पोस्ट के कैप्शन में एक डिस्केमर देते हुए लिखा गया, ‘हमने उसकी भलाई के लिए उसे साफ सुधरा बनाया था। किसी भी प्रकार से उसका अपमान नहीं किया गया था।’
बूम ने देखा कि इस यूजर ने अपने चैनल और फेसबुक पेज पर इस तरह के कई अन्य वीडियो भी रिकॉर्ड कर अपलोड किए थे। इन वीडियो में वह सड़क पर लाचारी और दयनीय अवस्था में घूम रहे के लंबे बालों को काटकर उन्हें साफ सुथरे कपड़े पहनाते दिखाई दे रहे हैं।
बूम को यूजर की फेसबुक प्रोफाइल पर 9 दिसंबर 2024 का एक लाइव वीडियो भी मिला, जिसके कैप्शन में लिखा गया, “लोग भारत में प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए मेरे वीडियो का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या मैं एक हिंदू संत को मुसलमान बनाने के लिए मजबूर कर रहा हूं? मैं इस झूठे प्रचार की कड़ी निंदा करता हूं।”
वीडियो में भी वह इसी वायरल वीडियो के बारे में एक स्पष्टिकरण दे रहे हैं।
बूम बांग्लादेश ने वीडियो क्रिएटर महबूब सरकार से भी संपर्क किया। उन्होंने वायरल सांप्रदायिक दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि वीडियो में दिखने वाला व्यक्ति एक मुस्लिम परिवार से संबंधित है, न कि हिंदू परिवार से।
महबूब ने बूम को बताया, “हम सड़कों पर बुरी स्थिति में बेसहारा और पड़े असहाय पड़े, मानसिक रूप से अस्वस्थ्य लोगों को उनके परिवार तक पहुंचाते हैं। हम कोशिश करते हैं कि ये लोग अपने परिवार के सदस्यों से फिर से मिल सकें। हम बिना किसी धार्मिक भेदभाव के यह काम करते हैं।”
वायरल वीडियो के बारे में महबूब ने कहा, “हमने यह वीडियो ढाका के केरानीगंज इलाके में शूट किया था। उस समय वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की हालत बहुत खराब थी। उसको नहलाने धुलाने के बाद हमने उसका वीडियो फेसबुक पर अपलोड किया ताकि उसके परिवार को ढूंढने में मदद मिल सके। कुछ ही दिनों बाद में हमें उसका परिवार भी मिल गया और पता चला कि वह व्यक्ति मुस्लिम परिवार से है। मैं इस वीडियो को लेकर फैलाए जा रहे सांप्रदायिक प्रोपेगेंडा की कड़ी निंदा करता हूं।”
इसके अलावा बूम ने वायरल वीडियो में दिख उस व्यक्ति के बड़े भाई रोबिउल हसन से भी संपर्क किया। हसन ने बूम को बताया कि वीडियो में दिख रहा शख्स उनका छोटा भाई रेजाउल कबीर है। रोबिउल हसन ने रेजाउल कबीर की पहचान के लिए उसका पहचान पत्र और उसकी पुरानी तस्वीरें हमें शेयर कीं।
उन्होंने बूम को बताया , “मेरा छोटा भाई मानसिक तौर पर अस्वस्थ्य होने के कारण पिछले सात वर्षों से लापता था, और हम उसे ढूंढ नहीं पा रहे थे। हाल ही में हमें पता चला कि वह ढाका के केरानीगंज में है, लेकिन जब हम वहां गए, तो हमें वह नहीं मिला।”
रोबिउल हसन ने आगे बताया, “कुछ दिनों बाद हमें फेनी अस्पताल से खबर मिली कि मेरा छोटा भाई एक दुर्घटना का शिकार हो गया है और वहां इलाज करवा रहा है। हम फेनी अस्पताल गए और उसे अपने घर खुलना सदर ले आए, जहां हमने उसे एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी गंभीर स्थिति के कारण बाद में उसे ढाका के मीरपुर डेंटल हॉस्पिटल में ट्रांसफर किया गया है, जहां अभी वर्तमान में उसका इलाज चल रहा है।”
(This story was originally published by BOOM as part of the Shakti Collective. Except for the headline and opening introduction para this story has not been edited by Amar Ujala staff)