Fact Check: संभल में बालकनी तोड़ने की घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं, जानें पड़ताल में मामले का सच
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Fact Check: संभल में बालकनी तोड़ने की घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं, जानें पड़ताल में मामले का सच

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no communal angle in the incident of breaking the balcony in Sambhal

फैक्ट चेक
– फोटो : अमर उजाला

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि एक मकान के छज्जे को तोड़ा जा रहा है। 

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क्या है दावा 

इस वीडियो को शेयर करके सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि संभल में मुसलमानों ने मंदिर के चबूतरे पर अवैध कब्जा करके घर बना लिया था जिसे अब तोड़ दिया गया। कहा जा रहा है कि मुसलमानों को चुनकर उनके घर तुड़वाए जा रहे हैं। 

Präwêēñ (Pk) (@PraweenPk1) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “संभल में जिस मंदिर के चबूतरे पर अवैध कब्जा करके बाबर वंशजों ने मकान बना लिया था, मुल्ले लोग इतने बड़े शांतिदूत बना हैं हमारे जमीन पर कब्ज़ा कर के। उसके निस्तोनाबूत होने की प्रक्रिया शुरू…जहां जहां बचा है  —  वहां वहां खुदेगा, बाबर का घमंड टूटेगा….अवैध कब्जे फूटेगा।”(पोस्ट ज्यों का त्यों लिखी गई है।) (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

 

ज्योति सिंह राष्ट्रवादी (@Imjyotii_) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “संभल” में जिस मंदिर के चबूतरे पर अवैध कब्जा कर बाबर के वंशजों ने मकान बना लिया था अब”महाराज”जी ने उसे भी तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करा दी है…!!” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

 

रमेश हिंदुस्तानी (@RameshS96573736) नाम के एक्स यूजर ने लिखा “संभल में मंदिर के बगल मकान का छज्जा तुड़वाया: अतिक्रमण कर लिया था; मालिक बोला- मंदिर ढक रहा था, इसलिए खुद तुड़वा रहा हूं” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

 

पड़ताल 

इसे दावे में कोई सांप्रदायिक एंगल है या फिर इसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है, ये जानने के लिए हमने अमर उजाला के न्यूज डेस्क से संपर्क किया। यहां से हमें पता चला कि संभल में शिव-हनुमान मंदिर के पास स्थित एक घर के मालिक ने खुद ही अवैध छज्जे को तोड़ दिया। मंदिर और आसपास की इमारतों में मलबा गिरने से बचाने के लिए मकान मालिक ने घर के एक अवैध हिस्से को ढक कर हटाया। 

14 दिसंबर को जिला पुलिस और प्रशासन द्वारा चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मंदिर की खोज की गई थी। स्थानीय प्रशासन ने संभल में अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी रखा। 

यहां हमें पता चला कि इसमें कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है। अवैध अतिक्रमण को मकान मालिक द्वारा खुद ही हटाया गया। प्रशासन की तरफ से केवल मुसलमानों के ठिकानों को ढूंढकर नहीं तोड़ा गया। 

पड़ताल का नतीजा

हमारी पड़ताल में यह साफ है कि मकान के छज्जे गिराने वाली घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। 

 





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