सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की जा रही है। इस पोस्ट में मक्का के दर्शन करते हुए लोग नजर आ रहे हैं। साथ ही इस पोस्ट में लिखा गया है कि सऊदी अरब ने भारतीय व्यक्ति को 7 साल की जेल की सजा सुनाई है। तस्वीर के साथ यह भी दावा किया जा रहा है कि भारतीय नागरिक को सऊदी अरब में गिरफ्तार किया गया है क्योंकि उसने काबा का अपमान किया है। अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि यह मामला 2015 का है जिसे अभी का बताकर शेयर किया जा रहा है। 2015 में सऊदी अरब में एक भारतीय नागरिक को फेसबुक पर काबा की एडिटेड फोटो शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
काबा मुसलमानों का सबसे पाक धार्मिक स्थल है। कुरान में बताया गया है कि हर मुसलमान को अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार मक्का की यात्रा जरूर करनी चाहिए। मक्का में ही काबा स्थित है। काबा खुदा का घर माना जाता है। कहते हैं काबा जहां पर बना है वह पृथ्वी का केन्द्र बिन्दु है।
क्या है दावा
डॉ. पूर्णिमा (@PoornimaNimo) नाम के एक एक्स यूजर ने इस पोस्ट को शेयर करके लिखा “जबकि भारत में कांग्रेस उन लोगों का महिमामंडन और प्रशंसा करती है, जिन्होंने वास्तव में मंदिरों की जगह मस्जिदें बनवाईं, और हिंदू भारत में रहने वाली एक खास आबादी को इस बात पर गर्व है।”
इस दावे के पोस्ट और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।

इस तरह के कई और दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इसके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले मामले से जुड़े कीवर्ड के माध्यम से इस घटना को खोजने की कोशिश की। यहां हमें अल अरबिया नाम की एक वेबसाइट पर इससे जुड़ी एक खबर मिली। अल अरबिया एक सऊदी राज्य का अंतर्राष्ट्रीय अरबी समाचार टेलीविजन चैनल है। यहां हमें यह खबर 2015 में प्रकाशित मिली। इस खबर में बताया गया था कि “मक्का में पवित्र हरम या ग्रैंड मस्जिद की आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट करने के लिए एक भारतीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। कथित तौर पर उस व्यक्ति ने अपने फेसबुक अकाउंट पर काबा की जगह हिंदू मंदिर बनने की तस्वीरें पोस्ट की थीं।”

आगे हमें एनडीटीवी पर भी इससे जुड़ी एक खबर देखने को मिली। एनडीटीवी में इस खबर को 2015 में ही प्रकाशित किया गया था। इस खबर में बताया गया था कि “सऊदी अरब में एक भारतीय को अपने फेसबुक पेज पर काबा की ईशनिंदा वाली तस्वीर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।”

कीवर्ड और अरब मीडिया में सर्च करने पर भी हमें हाल फिलहाल में इस तरह के किसी और मामले के बारे में पता नहीं चला है। 2015 में ही इस घटना के बारे में पता चलता है।
पड़ताल की नतीजा
हमारी पड़ताल में यह साफ है कि यह घटना 2015 की है, जिसे अभी का बताकर शेयर किया जा रहा है।