सोशल मीडिया पर चीन के एक थीम पार्क में आयोजित हैलोवीन पार्टी के दौरान दो मैनिकन (इंसानी पुतले) को लकड़ी में बांधकर भूनने का एक वीडियो वायरल है। यूजर्स इस वीडियो को लेकर दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार किया जा रहा है।
बूम ने जांच में पाया कि यह वायरल दावा गलत है। वीडियो चीन के जुहाई में चिमलोंग ओशियन किंगडम थीम पार्क में आयोजित हैलोवीन पार्टी के दौरान दो मैनिकन को जलाने का है।
क्या है दावा
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से ही सांप्रदायिक तनाव देखा जा रहा है। 25 नवंबर 2024 को एक हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने और अधिक तनाव पैदा कर दिया। भारत में दक्षिणपंथी समूह बांग्लादेश में हिंदुओं को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगा रहे हैं।
सात सेकंड के इस वायरल वीडियो में दो मैनिकन को जलती आग के ऊपर लकड़ी में बांधकर लटकाया गया है।
एक्स पर एक यूजर ने वीडियोे शेयर करते हुए लिखा, ‘सभी हिंदू और भारत की सभी केंद्र और राज्य सरकारें आंखे फाड़कर देखें। बांग्लादेश में हिंदू भाई-बहनों पर यातनाएं चरम पर पहुंच चुकी हैं। हो सके तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाओ ताकि चैन से सोए, जातियों में बंटे हिंदूओं और चुनावों में उलझी रहने वाली सरकारों की नींद टूटे।’
फैक्ट चेक
चीन के एक थीम पार्क का वीडियो
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो चीन के एक थीम पार्क में आयोजित हुई हैलोवीन पार्टी का है, जिसमें मैनिकन को जलते हुए दिखाया गया था।
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो के कुछ फ्रेम को गूगल लेंस से सर्च किया तो पाया कि यह वीडियो पुराना है और बांग्लादेश से संबंधित नहीं है।
हैती और नाइजीरिया में नरभक्षण झूठे दावे से शेयर किया गया वीडियो
बूम ने पाया कि यह वीडियो नवंबर 2024 में भी एक्स पर वायरल हुआ था। तब इसे हैती में नरभक्षण के गलत दावे के साथ शेयर किया गया था। एक्स पर इस पोस्ट के रिप्लाई में लोगों ने इस दावे को फर्जी बताया। इसके साथ ही मलेशिया के एक चीनी भाषी न्यूज आउटलेट Sin Chew Daily की फैक्ट-चेक रिपोर्ट शेयर की।
जनवरी 2020 के इस आर्टिकल में बताया गया कि वायरल वीडियो 2018 में चीन के जुहाई स्थित चिमलोंग ओशियन किंगडम थीम पार्क में आयोजित हुई हैलोवीन पार्टी का है। इस आर्टिकल में वायरल वीडियो वाले एक कीफ्रेम को भी देखा जा सकता है। यही वीडियो उस समय नाइजीरिया के एक रेस्टोरेंट में नरभक्षण की घटना के झूठे दावे से भी शेयर किया गया था।
(This story was originally published by Boom as part of the Shakti Collective. Except for the headline and opening introduction para this story has not been edited by Amar Ujala staff)