Farmer Protest: पंजाब-हरियाण बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों पर पंजाब पुलिस ने एक्शन लिया है। शंभू और खनौरी बॉर्डर से 200 किसानों को हिरासत में ले लिया गया है। दोनों ही बॉर्डर पर किसानों के तंबुओं को उखाड़ा जा रहा है। पुलिस के एक्शन के दौरान आसपास इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं और बिजली भी काट दी गई है।
बता दें कि आज ही मोहाली में सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल जैसे किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। किसान नेता मंगत ने कहा कि पंढेर और डल्लेवाल के अलावा अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटरा और मंजीत सिंह राय को हिरासत में लिया गया है। वे यहां एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद शंभू और खनौरी बॉर्डर की ओर जा रहे थे।
किसान नेताओं और केंद्र की बातचीत रही थी बेनतीजा
इससे पहले दिन में चंडीगढ़ में किसानों की विभिन्न मांगों पर चर्चा करने के लिए किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच 7वें दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी। इस वार्ता में शामिल केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों के हितों को सर्वोपरि बताया।
तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वार्ता जारी रहेगी और अगली बैठक 4 मई को होगी। चर्चा सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से हुई। बातचीत जारी रहेगी।
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किसानों ने ठुकरा दी थी सरकार की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बुधवार को हुई किसानो की मीटिंग में पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों ने किसानों से रास्ता खोलने की अपील थी। लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए पंजाब सरकार ने किसानों से कहा था कि वो रास्ता खोल दें। दूसरी ओर किसान नेताओं ने पंजाब सरकार की बात मानने से इनकार कर दिया था। पंजाब सरकार से एक तरफ़ का रास्ता खोलने की भी पेशकश की गई थी, जिसे किसानों से सिरे से ख़ारिज कर दिया था।
पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर क्या बोले मंत्री?
पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सरकार शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोलना चाहती है। उन्होंने ANI से बात करते हुए कहा कि किसानों को अपना विरोध प्रदर्शन दिल्ली में या कहीं और करना चाहिए क्योंकि उनकी मांगें केंद्र सरकार के खिलाफ हैं।
पंजाब सरकार के मंत्री चीमा ने कहा कि AAP सरकार और पंजाब के लोग किसानों के साथ तब खड़े थे जब उन्होंने तीन काले कानूनों के खिलाफ विरोध किया था। किसानों की मांगें केंद्र सरकार के खिलाफ हैं। शंभू और खनौरी बॉर्डर एक साल से अधिक समय से बंद हैं। पंजाब के व्यापारी और युवा बहुत परेशान हैं। जब व्यापारी व्यापार करेंगे, तो युवाओं को रोजगार मिलेगा और वे नशे से दूर रहेंगे।
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