Gujarat Politics: लोकसभा में नेता विपक्ष और रायबरेली से कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में गुजरात दौरे पर कहा था कि गुजरात कांग्रेस में एक ऐसा गुट हैं जो कि साथ मिला हुआ है। उन्होंने कहा था कि ऐसे में 20-30 लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की जरूरत है। राहुल के इस बयान ने गुजरात कांग्रेस में हलचल मचा दी है, कि राहुल का गुस्सा किनके खिलाफ है?
ऐसे में गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल का अगला कदम क्या होगा, सभी की निगाह उस पर ही है। इंडियन एक्सप्रेस से एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता गोहिल ने कहा कि राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से बात की थी, जिनमें कई नेताओं की खामियां सामने आईं थी। कुछ कार्यकर्ताओं ने तो उनकी भी शिकायत की थी।
कांग्रेस नेता बोले- अब बारीकी से देंगे ध्यान
शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि गुजरात कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने ऐसी प्रतिक्रिया दी थी, कि कुछ नेताओं का बीजेपी से मेलजोल ज्यादा हो गया है। उन्होंने कहा कि किसी के दिल या दिमाग में क्या चल रहा है, यह तो एक्सरे से कोई नहीं बता सकता है। गोहिल ने कहा कि राहुल जी ने यह कह दिया है कि तो हमें इस मुद्दे पर बारीकी से देखना होगा।
क्या गुजरात में बदले जाएंगे प्रदेश अध्यक्ष
वहीं गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष में बदलाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सब पार्टी के हाथ में है और वे तो बस पार्टी के एक सिपाही ही हैं। शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जब मुझे बिहार की जिम्मेदारी दी गई तो सबने कहा कि यह एक मुश्किल राज्य है और मुझे इसकी सजा मिली है, लेकिन पार्टी का सिपाही होने के नाते मुझे अपनी भूमिका चुनने का अधिकार नहीं है।
‘बीजेपी से जीतने के लिए बदलाव जरूरी’
गुजरात में बीजेपी को हराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 1990 से अब तक मैंने जो भी चुनाव जीते और हारे हैं, उनसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है कि बीजेपी और मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ) के खिलाफ जीतने के लिए क्या करना चाहिए। हर चुनाव में बदलाव की जरूरत होती है। चीजों को बदलने की जरूरत है और हम ऐसा कर रहे हैं। 2027 जीतने के लिए, हमें अपनी ताकत पर काम करना होगा, और कमजोरियों को खत्म करने पर ध्यान देना होगा।
‘नए साल और होली पर वियतनाम क्यों गए थे राहुल?’ BJP ने विदेश दौरे पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में जाने पर शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि नेता चाहे कितने भी बड़े हीरो क्यों न हों, विचारधारा बदलते ही वे जीरो हो जाते हैं। उन्हें व्यक्तिगत तौर पर तो फायदा हो सकता है लेकिन जनता की नजर में वे जीरो हो जाते हैं। ऐसे लोगों के जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होता। सबसे ज्यादा नेता 2017 में पार्टी छोड़कर गए और सबसे अच्छा नतीजा उसके बाद हुए चुनाव में आया।
‘मोदी-शाह को हराया जा सकता है’
कांग्रेस नेता गोहिल ने कहा कि 2017 में कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी को हराया था और संदेश दिया था कि मोदी-शाह को हराया जा सकता है। इसके बाद राहुल गांधी ने गुजरात का दौरा किया। हमने सकारात्मक मुद्दों और BJP की विफलताओं के साथ प्रचार करने के लिए, जिसके नतीजे काफी हद तक पॉजिटिव थे। उन्होंने कहा कि हर चुनाव आपको कुछ न कुछ सिखाता है।