haryana nikay chunav congress defeat local body polls after loss in assembly elections against bjp nayab singh saini bhupinder singh hooda
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haryana nikay chunav congress defeat local body polls after loss in assembly elections against bjp nayab singh saini bhupinder singh hooda

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Haryana Politics: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी की करारी हार हुई थी। इस हार की वजह पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ग्रुप का राज और अन्य नेताओं में गुटबाजी मानी गई थी। इसके बाद बुधवार को आए राज्य के निकाय चुनावों में भी कांग्रेस को कड़ा झटका लगा है। 10 सीटों के मेयर चुनाव में 9 मेयर बीजेपी के जीते हैं, जबकि एक निर्दलीय के पास गया है।

निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी का गढ़ और हुड्डा फैमिली का क्षेत्र रोहतक भी बीजेपी के पाले में चला गया है। अनुमान यह था कि पार्टी विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद गलतियों से सबक लेते हुए निकाय चुनाव में कुछ बेहतर प्रदर्शन करेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

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निकाय चुनाव में क्यों हारी कांग्रेस?

कांग्रेस की निकाय चुनाव में हुई हार की वजहों पर चर्चा करें, तो संगठन में कमजोरी और अंदरूनी कलह पार्टी के लिए मुसीबत बनती जा रही है। कांग्रेस के ही नेताओं का ही कहना है कि आलाकमान ने पार्टी को व्यवस्थित करने के लिए कोई भी प्रभावी कम नहीं उठाया है। यहां तक की अंदरूनी कलह के कारण विधानसभा के नतीजे घोषित होने के बाद अभी तक विधायक दल का नेता नहीं चुना गया है।

निकाय चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस नेता और 6 बार के पूर्व विधायक संपत सिंह ने कहा कि पार्टी अपना समय बर्बाद कर रही है। जरूरी ये है कि पार्टी जल्द से जल्द अपना संगठन मजबूत करे और राज्य के कार्यकर्ताओं का कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए अलाकमान से ही प्रयास शुरू होने चाहिए।

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कांग्रेस के लिए ज्यादा शर्मनाक रहे परिणाम?

कांग्रेस के लिए ये नतीजे काफी शर्मनाक इसलिए भी माने जा रहे हैं, क्योंकि पार्टी ने राज्य नगर निगम में परंपरा से हटकर लंबे वक्त बाद अपने चुनाव चिन्ह पर प्रत्याशी उतारे थे। पार्टी ने यह सब इसलिए भी किया था, जिससे उसके समर्थक खुलकर उसे वोट करें लेकिन कांग्रेस को इसका फायदा नही हुआ।

कई नेता इस बात से भी नाराज दिखे कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद राज्य में निकाय चुनाव कराए गए। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की कमज़ोरियां अब उजागर हो गई हैं। अगर आलाकमान ने फैसले सही समय पर ले लिए होते तो कम से कम पार्टी पिछले चुनाव से कुछ तो बेहतर प्रदर्शन कर ही सकती थी।

कांग्रेस नेताओं ने मानी संगठन की कमी?

नाम न बताने की शर्त पर एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि निकाय चुनावों को लेकर पार्टी की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हिसार के कई वार्डों में आधिकारिक उम्मीदवार तक नहीं हैं। नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद राज्य नेतृत्व ने एकजुट मोर्चा नहीं दिखाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह यादव ने दावा किया कि अगर नगर निगम चुनाव विधानसभा चुनाव के तीन साल बाद होते तो नतीजे अलग होते।

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अजय यादव ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद निकाय चुनाव होते तो सत्ताधारी पार्टी को फायदा होता है। इसके अलावा राज्य चुनाव आयोग ने ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से निकाय चुनाव कराने की हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि नतीजों से हरियाणा में ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर कांग्रेस के संगठन की कमी का पता चलता है।

कांग्रेस में पार्टी में है लंबे वक्त से दरार

नगर निगम चुनावों से पहले कांग्रेस में दरार भी सार्वजनिक तौर पर सामने आई थी। राज्य इकाई के प्रमुख उदय भान द्वारा जारी सभी 22 जिलों के पार्टी प्रभारियों की सूची का AICC महासचिव प्रभारी दीपक बाबरिया ने विरोध किया था और मांग की थी कि सभी राज्य नेताओं की सिफारिशों पर विचार किया जाए। इसके बाद जनवरी में बाबरिया ने नगर निगम चुनावों के प्रबंधन के लिए पार्टी के जिला प्रभारियों, सह-संयोजकों और उत्तर और दक्षिण क्षेत्रों की समितियों की सूची जारी की।

इतना ही नहीं, इसके बाद कांग्रेस के अंबाला सांसद वरुण चौधरी ने बाबरिया की सूची पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसमें जिन लोगों के नाम हैं, वे पार्टी के सदस्य भी नहीं हैं, जबकि कुछ अन्य ने पिछले साल विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

राज्य नेतृत्व के एक वर्ग का दावा है कि 2014 तक ब्लॉक स्तर तक पार्टी के मामले सुचारू रूप से चलते रहे, उस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के वफादार माने जाने वाले फूल चंद मुलाना प्रदेश अध्यक्ष थे। उनके बाद से कांग्रेस के भीतर आंतरिक मतभेद समाप्त नहीं हुए हैं। हरियाणा निकाय चुनाव में बीजेपी ने अपना झंडा लहराया है। किस मेयर सीट पर कौन जीता? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर





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