Revanth Reddy on Delimitation: परिसीमन के मुद्दे पर हो रहे शोर-शराबे के बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी है। रेड्डी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी को परिसीमन के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के रास्ते पर चलना चाहिए। रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ‘फैमिली प्लानिंग’ करने वाले दक्षिण के राज्यों को सजा ना दें। रेड्डी चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से परिसीमन के विरोध में आयोजित बैठक ‘Fair Delimitation’ में अपनी बात रख रहे थे।
बताना होगा कि परिसीमन के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ आमने-सामने की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो गया है और इस मुद्दे पर आगे की रणनीति बनाने के लिए ही चेन्नई में बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कई विपक्षी राज्यों के मुख्यमंत्री सहित बड़े नेता शामिल हुए हैं। 2026 में जनगणना के बाद देश भर में लोकसभा सीटों का परिसीमन किया जाना है।
आज की ताजा खबर, हिंदी न्यूज़ 22 मार्च 2025 LIVE
लोकसभा सीटों की संख्या न बढ़ाएं- रेड्डी
रेड्डी ने कहा, ‘लोकसभा सीटों की संख्या न बढ़ाएं। राज्यों के भीतर ही परिसीमन किया जाए। 1976 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बिना सीटें बढ़ाए परिसीमन किया था क्योंकि इससे राज्यों के भीतर राजनीतिक असंतुलन पैदा हो जाएगा। 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने भी राज्यों में सीटें बढ़ाए बिना ही परिसीमन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ऐसा ही करना चाहिए। लोकसभा सीटों की संख्या न बढ़ाएं।’
रेड्डी ने आगे कहा, ‘नरेंद्र मोदी वाजपेयी को फॉलो कर सकते हैं। अगले 25 साल तक लोकसभा सीटें न बढ़ाएं। प्रत्येक राज्य को एक इकाई मानकर परिसीमन करें। नई जनगणना के आधार पर राज्य के अंदर लोकसभा सीटों की सीमाएं बदलें और एससी, एसटी सीटों की संख्या बढ़ाएं। प्रत्येक राज्य में महिलाओं को 33% आरक्षण दें।’ रेड्डी ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो दक्षिण भारत देश की राजनीति में सिर्फ एक दर्शक बनकर रह जाएगा।
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राजनीतिक अनुपात बढ़ाकर 33% करने की मांग
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर परिसीमन करना ही चाहती है तो उसे दक्षिण के राज्यों का राजनीतिक अनुपात बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘देश में कुल 543 लोकसभा सीटें हैं, इसमें से 130 सीटें दक्षिण में हैं और इस तरह राजनीतिक अनुपात 24% है। दक्षिण की मांग है कि इसे बढ़ाकर 33% किया जाए।’
बताना होगा कि दक्षिण में तेलंगाना ही एक ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस की अपने दम पर सरकार है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेड्डी ने जोर देकर कहा कि जनसंख्या आधारित परिसीमन को दक्षिण के राज्य स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी जनसंख्या के आधार पर परिसीमन करती है तो दक्षिण भारत की राजनीतिक आवाज कम हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर भारत हमें दूसरे दर्जे का नागरिक बना देगा और दक्षिण में सभी लोग इससे सहमत हैं।
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रेड्डी ने आरोप लगाया कि दक्षिण में सभी को और पंजाब को भी बीजेपी के द्वारा उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान को देश के बाकी हिस्सों पर दबदबे वाले राज्यों के रूप में पेश करने का विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते।
हम परिसीमन को स्वीकार नहीं कर सकते- रेड्डी
रेड्डी ने कहा कि परिवार नियोजन के मामले में दक्षिण ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उत्तर भारत के राज्य ऐसा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि दक्षिण के राज्य भारत के खजाने में अच्छा योगदान देते हैं और हमें कम पैसा मिलता है। उन्होंने दोहराया कि हम प्रस्तावित परिसीमन को स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि यह हमें राजनीतिक रूप से सीमित कर देगा।
रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना की विधानसभा में परिसीमन के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा और हम दक्षिण भारत, पंजाब और अन्य राज्यों से भी ऐसा करने के लिए कहेंगे।
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