Mughal emperor Aurangzeb grave controversy Khuldabad Maharashtra
शिक्षा

Mughal emperor Aurangzeb grave controversy Khuldabad Maharashtra

Spread the love


Aurangzeb Tomb Khuldabad: मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर महाराष्ट्र में तूफान मचा हुआ है। हिंदू संगठन लगातार मांग कर रहे हैं कि औरंगजेब की कब्र को हटा दिया जाना चाहिए। औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजी नगर जिले के खुल्दाबाद में है। औरंगजेब की कब्र को हटाए जाने को लेकर ही नागपुर में हिंसा हो चुकी है और दो समुदायों के आमने-सामने की वजह से कई इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा।

औरंगजेब के बारे में एक बात बड़ी दिलचस्प है कि उसकी कब्र बेहद साधारण है जबकि मुगल शासन के कई और लोगों की कब्र बड़ी और शानदार हैं।

औरंगजेब की मौत को अब 300 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। उसकी मौत 20 फरवरी, 1707 को हुई थी। औरंगजेब की जिंदगी के अंतिम साल बेहद खराब वक्त में गुजरे। इस दौरान मुगल शासन बेहद कमजोर हो गया था और मराठाओं का प्रभुत्व लगातार बढ़ रहा था। औरंगजेब 49 साल तक बादशाह रहा।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहासकार अली नदीम रिजवी The Indian Express के साथ बातचीत में बताते हैं कि औरंगजेब की इच्छा थी कि उसे एक साधारण कब्र में दफनाया जाए, जो इस्लामी सादगी के अनुसार हो। उसकी कब्र शेख ज़ैनुद्दीन (14वीं सदी के चिश्ती संत) की दरगाह के परिसर में स्थित है। इस परिसर में औरंगजेब के एक बेटे के और हैदराबाद के पहले निज़ाम आसफ जाह प्रथम और उसके बेटे नासिर जंग की कब्रें भी हैं।

लॉर्ड जॉर्ज कर्ज़न ने लगवाई थी जाली

अमेरिकी इतिहासकार कैथरीन ऐशर ने अपनी किताब Architecture of Mughal India में किताब में लिखा है कि औरंगजेब की खुली कब्र उसकी अंतिम इच्छा के अनुसार ही बनाई गई थी। यह एक साधारण पत्थर से बनी थी लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत में इसे सफेद संगमरमर से सजाया गया और इसके ऊपर मिट्टी भी डाली गई जिससे वहां पर पौधे उग सकें।

इतिहासकार रिजवी बताते हैं कि औरंगजेब की कब्र के चारों ओर सफेद संगमरमर की जाली ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड जॉर्ज कर्ज़न ने लगवाई थी।

औरंगजेब का जन्म कहां हुआ था, उसके पिता ने क्यों किया था मुगल सम्राट जहांगीर के खिलाफ विद्रोह?

Aurangzeb birth place, Where was Aurangzeb born, Mughal emperor Aurangzeb birthplace, Aurangzeb Gujarat birth history
औरंगजेब की कब्र को तोड़े जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता। (Express Photo by Pavan Khengre)

साक़ी मुस्ताद खान की किताब मआसिर-ए-आलमगीरी में औरंगजेब को दफन किए जाने और उसकी कब्र के बारे में बताया गया है। इसका अंग्रेजी में अनुवाद इतिहासकार सर जदुनाथ सरकार ने किया है। मआसिर-ए-आलमगीरी किताब में कहा गया है कि औरंगजेब को उसकी अंतिम इच्छा के अनुसार शेख ज़ैनुद्दीन की दरगाह (रौज़ा, दौलताबाद के पास) के आंगन में दफनाया गया। इसे औरंगजेब ने ही बनवाया था।

रौज़ा से खुल्दाबाद किया गया नाम

बाद में रौज़ा का नाम बदलकर खुल्दाबाद कर दिया गया क्योंकि औरंगजेब को खुल्द मकानि (स्वर्ग में रहने वाला) की उपाधि दी गई थी। इतिहासकार राणा सफ़ी The Indian Express कहते हैं कि रौज़ा का अर्थ ‘मकबरा’ होता है और खुल्दाबाद को पहले रौज़ा कहा जाता था। इसकी वजह यह है कि यहां कई सूफी संतों की दरगाहें थीं।

औरंगजेब की कब्र पर क्यों गए थे छत्रपति शिवाजी महाराज के पोते शाहू प्रथम?

Aurangzeb Tomb, Chhatrapati Shahu Aurangzeb tomb visit, Shivaji grandson Khuldabad Aurangzeb tomb
औरंगजेब को लेकर जारी है बहस। (Source-Instagram)

औरंगजेब के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वह धार्मिक कट्टरपंथी था। वह एक कट्टर सुन्नी मुस्लिम था, फिर भी उसे एक सूफी संत की दरगाह में दफन किया गया। औरंगजेब की कब्र उसकी बहन जहांआरा की कब्र से काफी मिलती-जुलती है। जहांआरा की कब्र दिल्ली के निजामुद्दीन औलिया दरगाह परिसर में स्थित है।

पहले छह मुगल सम्राट (बाबर से औरंगजेब तक) की कब्रें उनके साम्राज्य के बारे में बताती हैं। हुमायूं, अकबर, जहांगीर और शाहजहां इन सभी शानदार कब्रें हैं जो बताती हैं कि उनका साम्राज्य कितना ताकतवर था। लेकिन औरंगजेब की कब्र बेहद साधारण है। यह बात भी सच है कि मुगल शासकों में से कोई भी बिना संघर्ष के सिंहासन पर नहीं बैठा।

…कीमती जिंदगी बेकार चली गई

औरंगजेब अपने जीवन के अंतिम दिनों में अपनी असफलताओं को लेकर परेशान था। सर जदुनाथ सरकार ने अपनी किताब ‘A Short History of Aurangzib’ में लिखा है कि अपनी जिंदगी के अंतिम दिनों में औरंगजेब ने अपने बेटे आजम को लिखे एक पत्र में कहा था, ‘मुझे नहीं पता कि मैं कौन हूं और मैं क्या कर रहा हूं। मैंने राज्य में कोई सच्चा शासन नहीं किया और न ही किसानों की देखभाल की…जिंदगी, जो इतनी कीमती है, बेकार चली गई।’

क्लिक कर पढ़िए, क्या फिर से हिंदू राष्ट्र बनेगा नेपाल?





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *