Pakistan Train Hijack News: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को बलूच विद्रोहियों ने मंगलवार को हाईजैक कर लिया था। इसके बाद से पाकिस्तानी सेना ऑपरेशन में विद्रोहियों से ट्रेन छुड़ाने की कोशिश में जुटी हुई है। इस दौरान विद्रोहियों ने कई आम नागरिकों, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को छोड़ने का दावा भी किया है। इन लोगों ने ट्रेन हाईजैक की कहानी सुनाते हुए बताया है कि आखिर कैसे विद्रोहियों ने बम बारूद के दम पर ट्रेन को अपने कब्जे में ले लिया।
ट्रेन से छूटे एक यात्री मुश्ताक ने बताया है कि हमले के उस खौफनाक मंजर को वह कभी भुला नहीं पाएंगे। मुश्ताक उन यात्रियों में शामिल हैं जिन्हें यात्री ट्रेन पर ब्लूच आतंकवादियों के हमले के बाद बचाया गया। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को एक सुरंग में बलूच आतंकवादियों द्वारा एक यात्री ट्रेन पर हमला किए जाने के बाद सुरक्षा बलों ने कम से कम 27 विद्रोहियों को मार गिराया और 155 यात्रियों को बचा लिया गया। हालांकि BLA का कहना है कि इन्हें उन्होंने ही छोड़ा है।
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विस्फोट की वजह से टूटे दरवाजे और खिड़कियों के शीशे
पाकिस्तान डिफेंस के सूत्रों ने यह भी बताया है कि बचाव अभियान के दौरान 37 यात्री घायल हो गए और उनका इलाज जारी है। कुछ यात्रियों ने दावा किया कि हमलावरों ने उनसे कहा था कि वे बलूच, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को छोड़ रहे हैं लेकिन सरकारी अधिकारियों ने दावा किया कि उनमें से 100 से अधिक लोगों को उन्होंने बचाया है।
इस हादसे को लेकर बीबीसी उर्दू की एक रिपोर्ट में इशाक नूर नाम की एक यात्री ने कहा कि विस्फोट इतना जोरदार था कि ट्रेन की खिड़कियां एवं दरवाजे हिल गए और मेरे पास बैठा मेरा एक बच्चा नीचे गिर गया। उन्होंने कहा कि गोलीबारी करीब 50 मिनट तक चली होगी। इस दौरान हम सांस तक नहीं ले पा रहे थे, हमें नहीं पता था कि क्या होगा। यात्री मुश्ताक ने कहा कि गोलीबारी धीरे-धीरे बंद हो गई और हथियारबंद लोग ट्रेन के डिब्बों में घुस आए।
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आम नागरिकों को परेशान न करने की कही बात
यात्री ने बताया कि विद्रोहियों ने कुछ लोगों के पहचान पत्र देखने शुरू कर दिए और उनमें से कुछ को अलग कर दिया। तीन विद्रोही हमारे डिब्बे के दरवाजों पर पहरा दे रहे थे। उन्होंने लोगों से कहा कि वे आम नागरिकों, महिलाओं, बूढ़े और बलूच लोगों से कुछ नहीं कहेंगे। मुश्ताक ने कहा कि हमलावर आपस में बलूची भाषा में बात कर रहे थे और उनका नेता उनसे बार-बार कह रहा था कि वे सुरक्षाकर्मियों पर खास नजर रखें और वे हाथ से निकलने न पाएं।
इशाक ने कहा कि मुझे लगता है कि उन्होंने हमारे डिब्बे से कम से कम 11 यात्रियों को नीचे उतारा और कहा कि वे सुरक्षाकर्मी हैं। इस दौरान एक व्यक्ति ने विरोध करने की कोशिश की जिसके बाद उसे प्रताड़ित किया गया और फिर गोलियों की आवाज आई। इसके बाद डिब्बे में मौजूद सभी लोगों ने उनके निर्देशों का पालन किया। उन्होंने कहा कि वे मुझे जाने नहीं दे रहे थे लेकिन जब मैंने उन्हें बताया कि मैं तुर्बत (बलूचिस्तान) का निवासी हूं और मेरे साथ बच्चे एवं महिलाएं हैं तो उन्होंने मुझे भी जाने दिया।
इस दौरान एक अन्य यात्री मोहम्मद अशरफ ने कहा कि आतंकवादियों ने बुजुर्गों, नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को जाने दिया। उन्होंने कहा कि यात्री बहुत डरे हुए थे, यह कयामत के दिन जैसा खौफनाक मंजर था। अशरफ ने कहा कि मेरे अनुमान के अनुसार, वे (चरमपंथी) अपने साथ करीब 250 लोगों को ले गए थे और हमलावरों की संख्या करीब 1,100 थी। विद्रोहियों ने बंधकों के सामने ही दो लोगों को गोली से मार दिया, जिसके चलते वे कांप गए। पढ़ें पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक की खबर