Holi 2025: होली का त्योहार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। यह त्योहार रंगों, प्रेम और भाईचारे का पर्व है। इस दिन लोग जमकर होली खेलते हैं और एक दूसरे को गुलाल और रंग लगाते हैं। होली को बुराई पर अच्छाई की जीत के त्योहार के रूप में भी सेलिब्रेट करते हैं।
हिरण्यकश्यप प्रजाति के हैं ये लोग
कई लोग होली तो मनाते हैं, लेकिन वह इस दिन शराब और नशा का भी सेवन करते हैं और बाद में समाज के माहौल को भी खराब करने लगते हैं। कुछ लोग तो इस दिन एक दूसरे के चेहरे पर कालिख पोतते हैं और नालियों में गिरा देते हैं। ऐसे लोगों को प्रेमानंद महाराज ने हिरण्यकश्यप प्रजाति का करार दिया।
सही तरीके से कैसे मनाएं होली?
प्रेमानंद महाराज के मुताबिक, होली एक दूसरे के साथ प्रेम से खेला जाना चाहिए। इस दिन आप एक दूसरे को गुलाल लगाएं और भगवान को भोग लगा कर उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। उन्होंने समस्त देशवासियों से होली के दिन किसी भी तरह का नशा नहीं करने की भी अपील की। उन्होंने आगे बताया कि नशा किसी भी उत्सव को खराब कर सकता है।
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शांति से सेलिब्रेट करें होली
उन्होंने आगे बताया कि होली को शांति भाव से सेलिब्रेट करना चाहिए। इस दिन एक दूसरे को प्रेम भाव से गुलाल लगाना चाहिए और भगवान को मिठाई से भोग लगाना चाहिए और एक साथ बैठकर भजन गायन करना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस दिन भगवान का नाम लेते हुए होली का आनंद लेना चाहिए। आगे पढ़िएः भारत के अलावा इन देशों में होली की होती है धूम, एक नहीं कई मुस्लिम देशों में भी मनाया जाता है रंगों का त्योहार