मुंबई1 घंटे पहले
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सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सेम डे सेटलमेंट (T+0) के लिए अब 500 कंपनियों को परमिशन दे दी है। मार्केट रेगुलेटर ने इस सिस्टम को इसी साल 28 मार्च से शुरू किया था। तब दोनों स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE और NSE की केवल 25 कंपनियां ही एक दिन में शेयरों की खरीद-बिक्री के बाद फंड का सेटलमेंट कर सकती थीं।
नई व्यवस्था 31 जनवरी 2025 से शुरू हो जाएगी। ज्यादा कंपनियों को इसकी अनुमति देकर SEBI सेटलमेंट सिस्टम को तेज करना चाहती है। फिलहाल मार्केट में T+1 सेटलमेंट सिस्टम चलन में है। यानी जिस दिन आप शेयरों को बेचेते हैं, पूरा पैसा उसके अगले दिन आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाएगा।
अभी T+1 सेटलमेंट साइकल पर काम करता है भारतीय शेयर मार्केट
वर्तमान में भारतीय शेयर मार्केट सभी शेयरों के लिए T+1 सेटलमेंट साइकल पर काम करता है। T+0 का मतलब शेयर की खरीदारी और बिक्री का सेटलमेंट एक ही दिन में होगा। हमारे देश में 2002 से पहले तक T+5 सेटलमेंट का सिस्टम था।
SEBI ने 2002 में T+3 सेटलमेंट को लागू किया। साल 2003 में T+2 सेटलमेंट लागू किया गया। साल 2021 तक मार्केट इसी सिस्टम पर काम करता रहा। इसके बाद T+1 सिस्टम लाया गया। इसे जनवरी 2023 में लागू किया गया। इससे फंड और शेयर का सेटलमेंट 24 घंटे में होना शुरू हो गया।
क्या है T+1, T+2 और T+3 सेटलमेंट
सेटलमेंट सिस्टम का मतलब बायर्स के अकाउंट में शेयर्स का ट्रांसफर और सेलर अकाउंट में बेचे गए शेयरों का अमाउंट ट्रांसफर से है। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज वर्तमान में T+1 को फॉलो करते हैं। इसका मतलब है कि ऑर्डर के एग्जीक्यूट होने के 24 घंटे में फंड और सिक्योरिटी आपके अकाउंट में आते हैं।
मान लीजिए कि आपने बुधवार को शेयर बेचे है। T+1 के अनुसार 1 बिजनेस-डे में इन शेयरों के पैसे आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे। वहीं आपने शेयर खरीदे हैं तो ये शेयर 1 दिन में आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे। यहीं नियम T+2 और T+3 सेटलमेंट में भी लागू होता है।
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नवंबर में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 14.1% घटा: लार्ज कैप फंड के इनफ्लो में भी 26.3% की गिरावट आई, स्मॉल कैप में ₹4,883.4 करोड़ का इन्वेस्टमेंट
नवंबर 2024 में इक्विटी म्यूचुअल फंड में कुल निवेश ₹35,927.3 करोड़ रहा, जो अक्टूबर में ₹41,865.4 करोड़ की तुलना में 14.1% कम है। वहीं, लार्ज कैप म्यूचुअल फंड के इनफ्लो में 26.3% की गिरावट आई है, जो अक्टूबर के ₹3,452.3 करोड़ से घटकर नवंबर में ₹2,547.9 करोड़ रह गया।
हालांकि, स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड के इनफ्लो में 9% की बढ़ोतरी देखी गई है, जो अक्टूबर के ₹3,772 करोड़ से बढ़कर नवंबर में ₹4,112 करोड़ हो गया है। मिड कैप म्यूचुअल फंड के इनफ्लो में 4.3% की मामूली वृद्धि देखी गई, जो अक्टूबर में में ₹4,683 करोड़ था और यह नवंबर में बढ़कर ₹4,883.4 करोड़ हो गया है।
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