Shatrughan Sinha: ‘खामोश’ ये डायलॉग सुनकर सबसे पहले जिसका नाम और चेहरा जहन में आता है वो हैं शत्रुघ्न सिन्हा। शत्रुघ्न सिन्हा बॉलीवुड के बेहतरीन स्टार्स में से एक रहे हैं। उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मों में काम किया और लोगों के दिलों पर राज किया। उनके अभिनय और फिल्मी डायलॉग के तो लोग आज भी दीवाने हैं, लेकिन इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाना उनके लिए इतना आसान नहीं था। एक्टर ने काफी स्ट्रगल किया। यहां तक कि शुरुआत में तो उन्हें सिर्फ सपोर्टिंग रोल्स या फिर निगेटिव किरदार ही मिलते थे। फिर 1976 में उनकी एक ऐसी मूवी रिलीज हुई, जिसने उन्हें सुपरस्टार बना दिया। हालांकि, यह मूवी उन्हें सिर्फ कोइंसिडेंस से मिली थी। चलिए जानते हैं एक्टर की इस फिल्म के बारे में।
साजन मूवी से किया डेब्यू
सबसे पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने साल 1969 में रिलीज हुई फिल्म ‘साजन’ में एक पुलिस इंस्पेक्टर की छोटी सी भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने ‘प्रेम पुजारी’ समेत कई फिल्मों में सपोर्टिंग एक्टर का रोल प्ले किया और ‘रामपुर का लक्ष्मण’, ‘भाई हो तो ऐसा’, ‘हीरा’ और ‘ब्लैकमेल’ में खलनायक की भूमिका में निभाई। इसके बाद 1976 में उनकी फिल्म ‘कालीचरण’ रिलीज हुई, जिसने एक्टर का करियर बदल दिया।
‘कालीचरण’ में पहली बार मिला लीड रोल
‘कालीचरण’ एक एक्शन-थ्रिलर फिल्म है, जिसे उस समय लोगों ने काफी पसंद किया था और यह मूवी सुपरहिट साबित हुई। यह पहली फिल्म थी, जिसमें शत्रुघ्न सिन्हा ने बतौर लीड एक्टर रोल प्ले किया था। फिल्म में उनके साथ रीना रॉय, अजीत खान, डैनी डेन्जोंगपा, मदन पुरी, हेलेन समेत कई सितारे भी दिखाई दिए थे। ये मूवी ऐसी थी, जिसने एक्टर की किस्मत पलट दी थी।
मेकर्स की पहली पसंद नहीं थे शत्रुघन सिन्हा
शत्रुघ्न सिन्हा को फिल्म ‘कालीचरण’ मिलना बस एक कोइंसिडेंस था, क्योंकि वह मेकर्स की पहली पसंद नहीं थे। दरअसल, इस मूवी के साथ सुभाष घई ने भी डायरेक्शन की दुनिया में कदम रखा था। हालांकि, फिल्म के प्रोड्यूसर एक्टर को इसके लिए कास्ट नहीं करना चाहते थे। आईएमडीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म के प्रोड्यूसर एनएन सिप्पी इस फिल्म में राजेश खन्ना को कास्ट करना चाहते थे। हालांकि, सुभाष घई चाहते थे कि शत्रुघ्न ही हीरो बने।
पहले एनएन सिप्पी इस मूवी को लेकर राजेश खन्ना के पास गए थे, लेकिन उनके पास डेट्स न होने की वजह से बात नहीं बन पाई। ऐसे में सिप्पी ने बाद में सुभाष घई को शत्रुघ्न सिन्हा के साथ काम करने के लिए हामी भर दी और यह मूवी उनकी झोली में आ गिरी। शत्रुघ्न के अलावा फिल्म की लीड एक्ट्रेस रीना रॉय की किस्मत भी रातों रात चमक गई थी। फिल्म में दोनों के अभिनय और केमिस्ट्री को काफी सराहा गया था। सिर्फ इतना ही नहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि इस फिल्म को थिएटर्स के बाहर देखने वालों की लंबी लाइन लग गई थी।
साउथ में बने 4 रीमेक
इस मूवी को बॉलीवुड में इतनी सफलता मिली कि बाद में साउथ में भी इसके रीमेक बनाए गए। तेलुगु में इसे 1977 में ‘कैदी कालिदासु’, कन्नड़ में 1980 में ‘कालिंगा’, 1982 में तमिल में ‘संगिली और 1985 में मलयालम में ‘पथमुदायम’ नाम से बनाया गया।
ओटीटी पर कहां देखें फिल्म
अगर अभी तक आपने यह मूवी नहीं देखी है, तो अब आप इसे घर बैठे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आसानी से देख सकते हैं। ‘कालीचरण’ ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर मौजूद है, जिसे आईएमडीबी पर 6.7 की रेटिंग मिली है।