CineGram: बॉलीवुड में विवाद और गॉसिप होना नई बात नहीं है। फिल्मी सितारों के बीच की दोस्ती, दुश्मनी और कोल्ड वॉर की खबरें हमेशा लोगों को लुभाती हैं। एक ऐसा ही विवाद हुआ था बॉलीवुड की दो दिग्गज अभिनेत्रियों के बीच। माला सिन्हा और शर्मिला टैगोर को लेकर ऐसी तमाम खबरें अक्सर चर्चा में आती रहती हैं जिसमें कहा जाता है कि फिल्म “हमसाया” (1968) के सेट पर माला सिन्हा ने शर्मिला टैगोर को थप्पड़ जड़ दिया था। इस घटना ने उस दौर में खूब चर्चा बटोरी थी, लेकिन क्या यह सच था या महज एक अफवाह? आइए जानते हैं।
माला सिन्हा और शर्मिला टैगोर: उस दौर की मशहूर हस्तियां
माला सिन्हा और शर्मिला टैगोर दोनों ही 60 के दशक में काफी लोकप्रिय थीं। अभिनेत्री माला सिन्हा 1950 और 60 के दशक में बॉलीवुड की टॉप हीरोइनों में शुमार थीं। माला अपनी बेइंतहा खूबसूरती और अभिनय के दम पर दर्शकों के दिलों पर राज करती थीं। माला ने “प्यासा”, “धूल का फूल”, और “हिमालय की गोद में” जैसी फिल्में की थीं जिसने उन्हें एक आइकन बना दिया था। दूसरी तरफ, शर्मिला टैगोर उस समय नए टैलेंट के रूप में उभर रही थीं। बंगाली सिनेमा से अपनी शुरुआत करने वाली शर्मिला ने “अनुपमा”, “आराधना”, और “कश्मीर की कली” जैसी फिल्मों से हिंदी सिनेमा में अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। दोनों की ही फैन फॉलोइंग भी तगड़ी थी। लेकिन दोनों के बीच कैटफाइट क्यों हुई? क्यों दोनों एक-दूसरे का नाम भी नहीं सुनना चाहती थीं?
“हमसाया” फिल्म का थप्पड़ कांड
“हमसाया” साल 1968 में रिलीज हुई थी, जिसमें माला सिन्हा और शर्मिला टैगोर मुख्य भूमिकाओं में थीं। दोनों ने इस फिल्म के बाद कभी साथ में कोई फिल्म नहीं की। इस फिल्म में जॉय मुखर्जी भी थे, और इसे मैकमोहन ने डायरेक्ट किया था। फिल्म की कहानी दो महिलाओं और एक पुरुष के बीच के कॉम्प्लिकेटेड रिलेशनशिप पर बेस्ड थी। बताया जाता है कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान माला सिन्हा और शर्मिला टैगोर के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि एक सीन के दौरान माला सिन्हा ने कथित तौर पर शर्मिला टैगोर को थप्पड़ मार दिया। इस घटना ने वहां मौजूद सभी लोगों को हैरान कर दिया, कुछ ही घंटों में ये खबर मीडिया तक पहुंच गई। बताया जाता है कि इस घटना के बाद शूटिंग रोक दी गई और जॉय मुखर्जी ने दोनों का बीच-बचाव किया। रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया कि सिर्फ थप्पड़ ही नहीं बल्कि एक्ट्रेसेज के बीच गाली-गलौज भी हुई थी। लेकिन सही वजह आज भी सामने नहीं आई। कुछ लोग दावा करते हैं कि दोनों के बीच प्रोफेशनल कॉम्पिटिशन था वहीं कुछ लोग मानते हैं कि दोनों में कुछ पर्सनल मतभेद हुआ था। वैसे भी उस दौर में दो अभिनेत्रियों के बीच प्रतिस्पर्धा होना आम था। उस वक्त जहां माला सिन्हा एक स्थापित अभिनेत्री बन चुकी थीं वहीं शर्मिला भी तेजी से इंडस्ट्री में अपनी जगह बना रही थीं। दोनों के बीच का तनाव फिल्म हमसाया से नहीं बल्कि इससे पहले ही शुरू हो गया था। इससे पहले दोनों ने साथ में ”दाग” फिल्म की थी जिसमें दोनों के बीच एक सीन को लेकर बहस हुई थी, उस वक्त माला को लगा कि शर्मिला उनकी लाइमलाइट चुरा रही हैं।
क्या पब्लिसिटी स्टंट था माला सिन्हा का थप्पड़ कांड?
जहां कई रिपोर्ट्स दोनों के मतभेद के बारे में बताती हैं वहीं कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि ये फिल्म की पब्लिसिटी का हिस्सा हो सकता है। बॉलीवुड हो या हॉलीवुड फिल्मों की रिलीज को लेकर अफवाह फैलाना नई बात नहीं है।
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माला सिन्हा का इनकार और शर्मिला की चुप्पी
जब इस घटना के बारे में माला सिन्हा से पूछा गया तो उन्होंने पूरी तरह से इस घटना से इनकार कर दिया। एक इंटरव्यू में माला ने कहा, “ऐसी कोई घटना सेट पर नहीं हुई थी। यह सब फिल्म की पब्लिसिटी के लिए बनाई गई कहानियाँ हैं।” माला ने कहा कि उनके और शर्मिला के बीच कभी कोई अनबन नहीं रही है। दूसरी ओर, जब शर्मिला टैगोर ने इस बारे में बात की गई तो उन्होंने इस बारे में मुंह बंद कर लिया। शर्मिला की चुप्पी से लोग ये मानने लगे कि शायद इस घटना में सच्चाई हो सकती है।
कई बार विवादों में आई थीं माला सिन्हा
माला सिन्हा और शर्मिला टैगोर के इस कथित थप्पड़ कांड के अलावा भी माला सिन्हा का नाम विवादों से जुड़ चुका है। साल 1970 में आई । साल 1970 में आई उनकी फिल्म गीत की शूटिंग चल रही थी, और उन्होंने एक सेब के लिए शूटिंग रोक दी थी। हालांकि इन विवादों के बावजूद माला सिन्हा के करियर पर कोई असर नहीं हुआ। वो 70 के दशक तक बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेज में शुमार रहीं। उनकी आखिरी फिल्म जिद थी जो साल 1994 में आई। वहीं शर्मिला टैगोर ने भी अपने करियर में कई शानदार फिल्में दीं और 2 बार नेशनल अवॉर्ड भी जीता।
नेपाली माता-पिता के घर हुआ था माला सिन्हा का जन्म
माला सिन्हा का जन्म 11 नवंबर 1936 को नेपाल में एक बंगाली परिवार में हुआ था। माला का असली नाम आल्डा सिन्हा था, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर माला कर लिया। माला के करियर की शुरुआत बंगाली फिल्मों से हुई और बाद में उन्होंने बॉलीवुड में नाम बनाया। माला ने 1957 में आई गुरुदत्त की क्लासिक फिल्म “प्यासा” से बॉलीवुड में बड़ा ब्रेक पाया। माला सिन्हा अपनी संजीदा एक्टिंग, दमदार संवाद अदायगी और खूबसूरती के लिए जानी जाती थीं। माला सिन्हा ने नेपाली एक्टर चिदानंद बाजपेयी से शादी की, और उनकी बेटी प्रतीक्षा सिन्हा ने भी फिल्मों में काम किया।
शर्मिला टैगोर का प्रोफाइल
शर्मिला टैगोर का जन्म 8 दिसंबर 1944 को एक बंगाली परिवार में हुआ था। वह महान लेखक और दार्शनिक रवींद्रनाथ टैगोर के परिवार से संबंधित हैं। शर्मिला ने मात्र 14 साल की उम्र में सत्यजीत रे की बंगाली फिल्म “अपुर संसार” (1959) से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। बाद में शर्मिला ने 1969 में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मंसूर अली खान पटौदी से शादी की और इसके बाद वे पटौदी परिवार की बेगम बनीं।
माला सिन्अभिनेत्रियाँ अपने-अपने करियर में आगे बढ़ीं और बॉलीवुड में अपनी अमिट छाप छोड़ी। आज भी यह घटना इंडस्ट्री के सबसे चर्चित विवादों में से एक मानी जाती है, जिसकी सच्चाई पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है।